मूल नक्षत्र का फल
27 नक्षत्रों की श्रृंखला में ज्येष्ठा नक्षत्र का 19 वां स्थान है, मूल नक्षत्र में 11 तारे हैं, जो शेर की पूछ जैसे दिखाई पड़ते हैं। यह जड़ों के बांधे हुए गुच्छे की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र निर्चर और लिंग स्री है। मूल नक्षत्र गण्डमूल में आते हैं, यह नक्षत्र धनु राशि के सून्य अंशों से 13 अंश 20 कला तक आता है, इसके अधिष्ठाता देवता नृति है। स्वामी ग्रह केतु है, मूल नक्षत्र का अर्थ जड़ से होता है।