विशाखा नक्षत्र का फल
विशखा नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में सौलहवां स्थान प्राप्त है। इस नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति को माना जाता है। विशाखा नक्षत्र तुला राशि में 20 अंश से लेकर वृश्चिक राशि में 3 अंश 20 कला तक रहता है। यह नक्षत्र कुम्हार के चाक की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र के तिश्वर या इंद्रगनी (इंद्र + अग्नि) और लिंग स्री है। इस नक्षत्र को त्रिपाद नक्षत्र भी कहा जाता है, क्योंकि इसके तीनों चरण तुला राशि में होते हैं और अंतिम चरण वृश्चिक राशि में पड़ता है, यह सुनहरे रंग का ग्रह है जो दिखने में मन को मोहित करने वाला होता है। इस नक्षत्र में चार प्रमुख तारे होते हैं यह तारे दरवाजे या चौखट पर टांगे जाने वाले बन्दनवार अर्थात तोरण की तरह प्रतीत होते हैं। इसलिए इन्हें बर्हिर्द्वार के समान भी कहा जाता है। विशाखा नक्षत्र के अधिष्ठाता देवता इन्द्राग्नि हैं। इन्द्र और अग्नि को इनका देवता माना जाता है।
विशाखा नक्षत्र के देवता इन्द्र और अग्नि हैं। इन्द्र जीव (सृष्टि के शरीर) के शिल्पकार है। इसे वृषभ भी कहते है जो विश्व का प्राण है। प्राण पांच है - उदान, प्राण, अपान, समान और व्यान। इंद्रा की पत्नी सुचि और निवास अमरावती है ये शिव के अग्रज है। अग्नि इन्द्र के बाद दूसरी शक्ति है, तथा पांच महाभूतों में से एक है। अग्नि के तीन रूप हैं - पावक अर्थात विद्युतीय अग्नि, पवमाना अर्थात घर्षणीय अग्नि, सुचि अर्थात सौर अग्नि। यह अशुभ तामसिक नपुंसक नक्षत्र है। इसकी जाति चाण्डाल, योनि व्याघ्र, योनि वैर गौ, राक्षस गण, अंत नाड़ी है। यह पूर्व दिशा का स्वामी है। इसे राधा भी कहते है।
भौतिक लक्षण -
जातक का गोल उज्ज्वल चेहरा, आकर्षक शारारिक गठन होता है। शारारिक गठन प्रायः दो प्रकार का मोटा- लम्बा और कृश-ठिगना देखने में आता है। जातक ताकतवर, जीवन शक्ति से ओत-प्रोत, सर्वोच्च बुद्धि वाला, ईश्वर पर दृढ विश्वासी, सत्यता पूर्ण जीवन जीने वाला होता है। यह प्राचीन परम्परागत नियमों और प्राचीन आचार-विचार वाला नही होता परन्तु आधुनिक विचारधारा का शौकीन होता है।
विशाखा नक्षत्र के जातक का व्यक्तित्व -
विशाखा नक्षत्र में उत्पन्न जातक आकर्षक, प्रभावशाली, महत्वकांक्षी, बोलने में कुशल, स्वतन्त्र विचारों वाला है। अगर आपका स्वभाव एक शब्द में बताना हो तो हम कहेंगे की आप दृढ़निश्चयी हैं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए आप पूरी दृढ़ता से प्रयास करते हैं इसलिए लक्ष्य निर्धारित करना आपके लिए महत्वपूर्ण होता है। फिर आप पूरे ज़ोर-शोर से अपना लक्ष्य प्राप्त करने में लग जाते हैं। आपको काम और बस निरंतर काम करना ही अच्छा लगता है। आप में अधिक सुख पाने की लालसा है तथा आप उत्सव, प्रेम व भोग-विलास को जीवन का अभिन्न अंग मानते हैं। आपके नैन-नक़्श तीखे व ऑंखें सुंदर हैं। आप विनम्र, मिलनसार हैं और प्रसन्नचित रहते हैं। आपकी वाणी मीठी है और आप किसी से भी कटुता-पूर्वक नहीं बोलते हैं। शिक्षा की दृष्टि से आपकी स्थिति अच्छी है, बृहस्पति के प्रभाव से ज्ञानप्राप्ति के लिए बाल्यकाल से आपके अंदर एक उत्सुकता है। पठन-पाठन में आप अच्छे हैं इसलिए उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त करेंगे। शारीरिक श्रम करने में आप पीछे रहते हैं, जबकि दिमाग़ का उपयोग अधिक करते हैं।
सामाजिक दृष्टि से देखा जाय तो आपका सामाजिक दायरा काफ़ी विस्तृत है क्योंकि आप बहुत ही मिलनसार प्रकृति के हैं। लोगों के साथ आप बहुत ही प्रेम और आदर से पेश आते हैं। आपकी धर्म के प्रति विशेष रूचि होती है तथा धार्मिक रीति को मानने वाले होते हैं। अगर किसी को आपकी ज़रूरत होती है तो मदद करने में भी आप पीछे नहीं रहते हैं। यही कारण है कि जब आपको भी किसी की मदद की आवश्यकता होती है, तो लोग आपकी मदद करने के लिए तुरंत हाज़िर हो जाते हैं। आप सामाजिक सेवा से सम्बन्धित संस्थानों से भी जुड़े रहेंगे। रूढ़िवादी या पुरानी परम्पराओं से आपको कोई मोह नहीं है। जीवन में आप किसी का अहित नहीं चाहते और यह भी चाहते हैं की दूसरे लोगों का भी अहित न हो। आपकी वाणी ओजस्वी है और दूसरों को प्रभावित किये बिना नहीं रहती, इसलिए अगर आप राजनीति में हाथ आज़माएँ तो समाज का काफ़ी भला कर सकते हैं।
आजीविका के संदर्भ में बात करें तो आपको नौकरी करना ज़्यादा अच्छा लगता है बजाय कि व्यवसाय करने से। सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए आप भरपूर चेष्टा करेंगे। अगर आप व्यवसाय भी करेंगे तो किसी-न-किसी रूप में सरकार से संबंध बनाये रखेंगे। आर्थिक रूप से आपकी स्थिति काफ़ी अच्छी है और आपको अचानक धनलाभ भी होगा। लॉटरी आदि के माध्यम से भी आप धन-प्राप्त कर सकते हैं। वैसे भी धन संग्रह करने का आपको काफ़ी शौक़ है और इसी कारण आप काफ़ी धन-संचय करेंगे। जीवन में कभी भी आपको आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा और अगर कभी धन की कमी महसूस भी होगी तो वह अस्थायी होगी।
कार्य-व्यवसाय -
विशाखा नक्षत्र में जन्में जातक अपनी योग्यता के आधार पर अच्छे प्रशासनिक पदों को प्राप्त करते हैं। वह नौकरी के लिए पूर्ण रुप से प्रयासशील रहते हैं। जातक को व्यवसाय से अधिक नौकरी करना भाता है। व्यवसाय बदलना इनकी प्रकृति मे शामिल होता है। गुरु का नक्षत्र होने के कारण व्यक्ति गुणवान और योग्यवान होता है। वह धर्म-कर्म को मानने में विश्वास करता है। उसमें उच्च से उच्च पद पाने की महत्वकांक्षाएं भी होती है। प्रशासनिक कार्यो में वह निपुण होता है। न्याय और प्रबंध करना उसे कुशलता के साथ आता है। अपनी बातों पर वह अडिग रहता है। सरकारी पद प्राप्ति के लिए ललायित होते हैं तथा किसी न किसी रूप में सरकार से भी सम्बन्ध बनाये रखने की कोशिश भी करते हैं। मदिरा उद्योग, फैशन के क्षेत्र में काम, रंगमंच के काम, श्रमिक उधोग, रेडियो व दूर दर्शन कलाकार, फैशन मॉडल उधोग, सक्रिय अधिकारी वर्ग में कार्यरत होते हैं। इसके अतिरिक्त यह न्यायप्रिय लेकिन कट्टर भी होते हैं तथा धार्मिक कट्टरपंथी वर्ग, आंदोलन करने वाले या प्रदर्शन कार्य करने वाले, सैनिक वर्ग, आलोचक, पुलिस अधिकारी, सुरक्षा गार्ड, विवादों का निपटारा करने वाले होते हैं। कुछ मामलों में यह अवैध कार्यों में भी जुड़ सकते हैं। ये हर कार्य में विशिष्टता प्राप्त करने की कोशिश करते हैं, इसलिए हर काम में सफल हो सकते हैं। यह फ़ैशन डिज़ाइनिंग, मॉडलिंग, मंच-कला, रेडियो व दूरदर्शन, राजनीति, सेना, नृत्य, कस्टम, पुलिस, सुरक्षाबल, अंगरक्षक आदि से जुड़े कामों में अच्छी सफलता हासिल कर सकते हैं।
पारिवारिक जीवन -
विशाखा नक्षत्र में जन्मा जातक शुरुआती दौर से ही अपने काम को लेकर सचेत होता है। माता-पिता की ओर से अधिक सहयोग न मिल पाए, व्यक्ति पारिवारिक एवं समाजिक तौर पर मिलनसार, मितभाषी और मददगार होते हैं। यह संयुक्त परिवार मे रहना पसंद करते हैं तथा अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारी का निर्वाह करने वाले होते हैं तथा परिवार के प्रति प्रेम और समर्पण का भाव रखने वाले होते हैं। जीवन साथी के प्रति इन्हें प्रेम रहेगा और बच्चों को भी यह बहुत प्यार करने वाले होते हैं। सामाजिक दृष्टि से दूसरों की सेवा मे तत्पर रहने वाले बहुत ही मिलनसार व्यक्ति होते हैं। तथा सभी से प्रेम और आदर से मिलते हैं इनका सामाजिक दायरा विस्तृत होता है अगर किसी को इनकी जरूरत होती है तो मदद करने में ये पीछे नहीं रहते हैं। धार्मिक रुप से मजबूत होते हैं। ये अपने जीवनसाथी और बच्चों से बेहद प्यार करते हैं तथा ज़्यादा-से-ज़्यादा समय अपने परिवार के साथ बिताना चाहते हैं। पारिवारिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो आपको संयुक्त परिवार में रहना पसंद है। अपने परिवार से आपको काफ़ी लगाव व प्रेम है और अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों का निर्वाह करना भी आप बख़ूबी जानते हैं।
स्वास्थ्य -
यह सोलहवाँ नक्षत्र है और इसका स्वामी बृहस्पति हैं। भुजा और वक्ष को इस नक्षत्र का अंग माना जाता है। इस नक्षत्र में इसके अतिरिक्त पेट का निचला हिस्सा, गॉल ब्लैडर के आसपास के अंग, गुर्दा, पेनक्रियाज संबंधित ग्रंथि आती है, ब्लैडर, मूत्रमार्ग, गुदा, गुप्तांग तथा प्रौस्टेट ग्रंथि आती है। यह नक्षत्र कफ प्रधान माना जाता है अत: जातक को उक्त संबंधित रोग भी प्रभावित कर सकते हैं।
सकारात्मक पक्ष :- विशाखा में जन्मा व्यक्ति प्रभावशाली वचन बोलने वाला, व्यावहारिक, ज्ञान-विज्ञान में अभिरुचि रखने वाला, न्याय निपुण, नेतृत्व करने में सफल और साहसिक कार्यों का प्रणेता होता है।
नकारात्मक पक्ष :- गुरु, शुक्र या मंगल की कुंडली में स्थिति खराब है तो ऐसे व्यक्ति उग्र स्वभाव रखते हुए गलत रास्ते में चल पड़ते हैं। ऐसा जातक लोभी, निष्ठुर, कलहप्रिय, स्वार्थी, चालाक होकर अपना भाग्य बिगाड़ बैठता है।
विशाखा नक्षत्र वैदिक मंत्र -
ॐ इन्द्रान्गी आगत गवं सुतं गार्भिर्नमो वरेण्यम ।
अस्य पात घियोषिता । ॐ इन्द्रान्गीभ्यां नम: ।
उपाय -
विशाखा नक्षत्र के जातक के लिए भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना करना शुभदायक होता है।
“ॐ यम" अथवा "ॐ राम" मंत्र का एक माला जाप करना चाहिए।
विशाखा नक्षत्र वालों को भगवान शिव का भजन कीर्तन, नाम स्मरण करने से कार्यों में सफलता एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
जातक को लाल, नीला और सुनहरे पीले रंग शुभदायक होते हैं।
अन्य तथ्य -
- नक्षत्र - विशाखा
- राशि - तुला-3,वृश्चिक-1
- वश्य - नर-3, कीट-1
- योनी - व्याघ्र
- महावैर - गौ
- राशि स्वामी - शुक्र-3, मंगल-1
- गण - राक्षस
- नाडी़ - अन्त्य
- तत्व - वायु-3, जल-1
- स्वभाव(संज्ञा) - मिश्र
- नक्षत्र देवता - इन्द्राग्नि
- पंचशला वेध - कृतिका