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किसी ज्योतिषी के लिए आयु निर्णय अत्यन्त कठिन किन्तु महत्त्वपूर्ण कार्य है। सभी निपुण ज्योतिषियों का मत है कि जन्मकुण्डली का विश्लेषण जातक के आयु निर्णय के बाद ही किया जाना चाहिए। आयु निर्णय करने की कई भिन्न-भिन्न विधियाँ हैं, किन्तु, किसी भी विधि को अत्यंत सटीक नहीं कहा जा सकता। इसलिए जातक का आयु निर्णय विभिन्न विधियों के आधार पर करना उचित है।
प्रस्तुत पुस्तक में आयुर्दाय, आयु खण्ड, मारकेश, बालारिष्ट, अरिष्टभंग, गण्डान्त जन्म, आयु निर्णय, जैमिनी आयुर्दाय, पिण्डायु, अंशायु, निसर्गायु, आयु निर्णय की अन्य विधियां, किस प्रकार की मृम्त्यु, मृत्यु का समय-निर्धारण आदि जैसे विषयों को बहुत ही सरल और सहज भाषा में स्पष्ट रूप से समझाया गया है।