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जब किसी जातक का सही जन्मतिथि, समय, स्थान न पता हो और जातक अपने प्रश्न का उत्तर जानना चाहता हो तो ज्योतिषी लोग ऐसे जातक के लिए प्रश्न कुंडली का उपयोग करते हैं। प्रश्न कुंडली का सिद्धांत इस तथ्य पर आधारित होता है कि जातक के दिमाग में प्रश्न उसी समय पैदा होता है या कौंधता है जिस समय जातक के प्रश्न का सही उत्तर देने के लिए ब्रह्मांड में ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है। कई बार जातक अपने से संबंधित प्रश्न न पूछकर अपने किसी रिश्तेदार, मित्र या पड़ोसी के बारे में जानना चाहता है। जबकि व्यक्ति के पास उस व्यक्ति से संबंधित जन्म विवरण भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में भी प्रश्नशास्त्र के द्वारा जातक के प्रश्न का उत्तर दिया जाना संभव है। इतना ही नहीं इसके अतिरिक्त अमुक खोई हुई वस्तु वापस मिलेगी या नहीं, प्रवास में गया व्यक्ति की स्थिति क्या है, रोगी ठीक होगा या नहीं आदि की जानकारी भी प्रश्नशास्त्र के सहायता से प्राप्त की जा सकती है।
प्रस्तुत पुस्तक प्रश्नशास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों को तो बताती ही है साथ ही प्रश्न विशेष से संबंधित ग्रहों का विश्लेषण एवं भावों का अध्ययन किस प्रकार किया जाय यह भी विस्तृत रूप से दिया गया है।