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ज्योतिष शास्त्र का मुख्य उद्देश्य जातक की जन्मकुंडली का फलादेश करना है। फलादेश करने के लिए तीन तथ्यों का विश्लेषण करना परम आवश्यक है। ये तीन तथ्य हैं योग, दशा और गोचर। किसी भी घटना का घटित होना अंततः गोचर पर ही निर्भर करता है। यद्यपि यह एक लंबी चर्चा का विषय है कि गोचर लग्न से देखना चाहिए या चंद्र से। दोनों पक्षों में विद्वानों का मत एवं तर्क न्यायपूर्ण एवं तर्कसंगत लगते हैं।
इसके अतिरिक्त अन्य-अन्य दृष्टियों के अनुसार ग्रहों का गोचर फल क्या हो सकता है इन सबको आधार मानकर गोचर फल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत पुस्तक में प्रयास दिया गया है।
गोचर के सिद्धांतों पर पुस्तक के अभाव तथा अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ (पंजीकृत), दिल्ली के छात्रों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक की रचना की गई है। आशा है, पुस्तक छात्रों के अध्ययन में आने वाली समस्याओं के समाधान में सहयोगी सिद्ध होगी तथा वे इससे अधिक से अधिक लाभ उठा सकेंगे।