पेट्रोल की बढ़ती कीमतें और मोदी जी का भविष्य
By: Future Point | 19-Sep-2018
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मध्यम स्तरीय वर्ग हों या उच्च वर्ग सभी की पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने नींदें उड़ा रखी हैं। पहले अखबार ताजा खबरों को जानने के लिए पढ़ा जाता था। आज की स्थिति यह है कि न्यूज चैनलों और अखबारों की टीआरपी मिलने की वजह पेट्रोल में लगती आग हैं। पेट्रोल के बढ़ते दामों के कारण मोदी जी की नीतियों की आलोचना हो रही हैं।
जिसे देखो हर व्यक्ति इसके लिए मोदी जी और बीजेपी पार्टी से इस बात को लेकर नाराज हैं। दबे स्वर में ही सही विरोध की आवाज सामने आने लगी हैं। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का प्रभाव क्या मोदी जी की आने वाले भविष्य पर पड़ेगा। इसका विश्लेषण हम आज इस मोदी जी की कुंडली और शनि गोचर से करने जा रहे हैं-
17 सितम्बर 1950, 11:00 प्रात:, मेहसाना, गुजरात में एक बालक का जन्म हुआ। आगे जाकर यह बालक विश्व के सबसे बड़ी लोकतांत्रिक सत्ता भारत देश का प्रधानमंत्री बना। जी हां हम नरेंद्र मोदी जी की बात कर रहे हैं। इस जन्मसमय से उनकी वृश्चिक लग्न और वॄश्चिक राशि की कुंडली बनकर सामने आती हैं।
जन्मपत्री में लग्न भाव में चंद्र और मंगल दोनों एक साथ विराजमान हैं। मंगल इनका लग्न स्वामी है और अपने ही घर में बैठा है जिससे मोदी आत्मबल और साहस से अपने विरोधियों को मात देते हुए आगे बढ़ रहे हैं। मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते। मौका मिलने पर विरोधियों को शांत कर देते हैं। भाग्येश चंद्र का लग्नेश के साथ लग्न भाव में स्थित होकर भाग्योदय कर रहा है।
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यह राजयोग का सूचक हैं। कुंडली की सबसे खास बात यह है कि एकादश भाव में कर्मेश सूर्य, आयेश बुध स्वयं और केतु स्थित होकर आय भाव को बल प्रदान कर रहे हैं। गुरु चौथे घर में तथा शुक्र और शनि कर्म भाव में हैं, ध्यान देने योग्य बात यह है कि कुंडली में शनि अस्त हैं और अपने परम शत्रु सूर्य के नक्षत्र में स्थित हैं।
मोदी जी की कुंडली बहुत सारे शुभ योगों से सुसज्जित हैं। कुंडली में - गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग, अमर योग, कालह योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग। इन शुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते ही नरेंद्र मोदी को देश के सबसे वरिष्ठ पद पर पहुंचने का मौका मिला। लग्न भाव के बाद पंचम भाव और भाग्य भाव त्रिकोण भाव कहलाते हैं। इनके पंचम भाव पर राहू ग्रह ने अधिकार स्थापित किया हुआ है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जन्मपत्री का चतुर्थ भाव समाज और सेवा का भाव हैं। इस भाव से शनि का प्रत्यक्ष संबंध बनना व्यक्ति को समाज सेवा कार्यों से जोड़ता हैं। मोदी जी की कुंडली में शनि सत्ता भाव में स्थित हों समाज सेवा के चतुर्थ भाव को दॄष्टि देकर सक्रिय कर रहे हैं। यह योग मोदी जी को आमजन में लोकप्रियता भी प्रदान कर रहा हैं।
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उन्नति और सफलता प्राप्ति के लिए एकादश भाव का विचार किया जाता हैं, सत्ता पक्ष के स्वामी और कारक ग्रह सूर्य कर्म भाव के स्वामी हैं जिन्होंने इन्हें राजनीति के क्षेत्र में सफलता और कार्य करने के अवसर दिए। आयेश स्वयं जब आय भाव में ही स्थित हों विशेष रुप से बुध अपने ही भाव में स्थित हों तो व्यक्ति बौद्धिक योग्यता के फलस्वरुप उन्नति, सम्मान और शीर्ष तक पहुंचता हैं। यही सब मोदी जी को हासिल हुआ। अभी वर्तमान में चंद्र महादशा में आयेश बुध का अन्तर चल रहा है, जो आयेश होकर लाभ भाव में है।
अब यदि बात करें शनि के गोचर की तो, गोचर में शनि वर्तमान में इनके वाणी भाव पर गोचरस्थ हैं. आयेश बुध अपने से द्वादश भाव पर गोचर कर रहे हैं और शनि दशम दृष्टि से सत्ता भाव के स्वामी सूर्य को पीड़ित कर रहे हैं. शनि की तीसरी दॄष्टि चतुर्थ भाव अर्थात आमजन को कष्ट दे रही हैं. चतुर्थ भाव से भूमि के नीचे मिलने वाले पदार्थों का भी विश्लेषण किया जाता हैं. चतुर्थ भाव, सूर्य और जन्म शनि का गोचरस्थ मंगल से पीडि़त होना, सत्ता में हलचल और प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए तनाव का कारण बन रहा हैं. बुध अंतर्दशा के बाद फरवरी २०१९ से केतु का अंतर शुरु होगा. अंतर्दशानाथ केतु जन्मपत्री में शनि दॄष्टि से पीडित हैं. अत: स्थिति अल्पकाल के लिए मोदी जी के लिए कष्टकारी बनी हुई हैं. सूर्य और बुध का गोचर बदलते ही और अक्तूबर माह में गुरु के जन्मराशि पर गोचर करने के साथ ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी.