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‘सत्यकथा’के सारे अंक सत्य घटनाओं पर आधारित हैं तथा अधिकांशतः ऐसे लोगों के हैं जिनसे हमारा नजदीकी संपर्क रहा है। इसमें जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित बहुआयामी घटनाओं का चित्रण है। इन संकलनों को पुस्तक का रूप देने की उत्कंठा मेरे मन में फ्यूचर समाचार के पाठकों के उत्साहवर्द्धन के परिणामस्वरूप जागृत हुई। निष्कर्षतः यह पुस्तक आपके समक्ष है। मैं आशा करती हूं कि इस पुस्तक से ज्योतिष के सभी प्रेमीजन एवं विद्यार्थीगण लाभान्वित होंगे।
सत्यकथा लिखने के मूल प्रेरणास्रोत अपने जीवनसाथी श्री अरुण बंसल जी को विशेष रूप से धन्यवाद करना चाहूंगी जिनके निरंतर सहयोग व प्रेरणा से मैं इस मुकाम तक पहुंची। साथ ही अपने प्रथम गुरु पं. आचार्य किशोर जी का धन्यवाद ज्ञापन करती हूं जिन्होंने मुझे ज्योतिष की प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान की। अपने परम पूजनीय चाचा ससुर जी की भी मैं जीवन भर आभारी रहूंगी जिनके ईश्वरीय स्वरूप एवं आशीर्वाद से मुझे जीवन पथ पर निरंतर अग्रसर होने की प्रेरणा मिलती रही और आज भी अपरोक्ष रूप से मैं उनके वरद हस्त की ईश्वरीय शक्ति अनुभव करती हूं। आशा करती हूं कि‘सत्यकथा’स्तम्भ के माध्यम से मैं आप सबसे लम्बे समय तक जुड़ी रह पाऊँगी।