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ज्योतिष एक शुद्ध व सटीक ज्ञान है। ज्योतिष का मुख्य उद्देश्य भविष्य के बारे में सही-सही अनुमान लगाना है। ज्योतिष विशेष लाभदायक है क्योंकि इसका ज्ञान हो जाने से हमें भविष्य में घटित होने वाली शुभाशुभ घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। ज्योतिष का मूलभूत ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह पुस्तक अति उत्तम है। इस पुस्तक में ज्योतिष से सम्बन्धित खगोल ज्ञान, ज्योतिष गणित, ज्योतिष फलित, पंचांग के अध्ययन जैसे विषयों को लिखा गया है ताकि इनका अध्ययन कर पाठक या विद्यार्थीगण शीघ्र से शीघ्र ज्योतिष सीख सकें। कम्प्यूटर की सुविधा मिलने के कारण पाठकों या छात्रों को अब गणित, खगोल आदि के गहन अध्ययन की आवश्यकता नहीं है। उन्हें केवल प्रारंभिक ज्ञान की ही आवश्यकता है। इसलिए पाठ्यक्रम में गणित तथा खगोल का केवल प्रारंभिक विषय दिया गया है। प्रत्येक पाठक या छात्र ज्योतिष फलित करना चाहता है। इस रुचि को ध्यान में रखते हुए इसका विस्तार से वर्णन किया गया है।
इस पुस्तक के अध्ययन के पश्चात विद्यार्थी अपने हाथ से कुंडली बनाना सीख सकते हैं जिसमें लग्न गणना से लेकर ग्रह स्पष्ट, विंशोत्तरी दशा गणना तथा इसके अन्तर्गत महादशा एवं अंतर्दशा की गणना सीख सकते हैं। इसके पश्चात फलित की दृष्टि से ग्रह, भाव, राशि एवं नक्षत्रों के गुण-धर्म, उनके स्वभाव एवं कारकत्व का विस्तृत ज्ञान दिया गया है। ग्रहों से संबंधित उनकी उच्च-नीच राशि, ग्रहों की दृष्टियां, ग्रहों के संबंध, ग्रहों के उदय एवं अस्त होने की जानकारी के साथ-साथ ज्योतिष में मुख्य रूप से देखे जाने वाले योग तथा नक्षत्रों की संज्ञा एवं भावों की संज्ञा आदि का ज्ञान दिया गया है।