सूर्य का तुला राशि में गोचर | Future Point

सूर्य का तुला राशि में गोचर

By: Future Point | 17-Oct-2020
Views : 4761सूर्य का तुला राशि में गोचर

हिन्दू धर्म में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है, और ज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा कहा जाता है। इस पृथ्वी लोक में उन्हें पिता का दर्जा प्राप्त है। सूर्य सिंह राशि का स्वामी माना जाता है। सूर्य पूर्वज, राज्य, राजनीति, सम्मान, आँख तथा आत्मा का कारक है, जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य शुभ होता है वो व्यक्ति जीवन में ऊँचाइयों को छूता है। 

पिता के साथ उसके अच्छे सम्बन्ध स्थापित होते हैं। वेदों के अनुसार सूर्य को जगत की आत्मा माना गया है। सूर्य स्वयं राजा है व राजपुरूष है इसलिए जब सूर्य से संबंधित व्यवसाय के बारे में विचार किया जाता है तो उन कार्यों का संबंध राज्य से अवश्य जोड़ा जाता है। अगर सूर्य बलवान है तो सरकार से अच्छे लाभ की प्राप्ति में सहायक बनता है। 

व्यक्ति की आजीविका में सूर्य सरकारी पद का प्रतिनिधित्व करता है। व्यक्ति को सिद्धान्तवादी बनाता है। इसके अतिरिक्त सूर्य कार्यक्षेत्र में कठोर अनुशासन अधिकारी, उच्च पद पर आसीन अधिकारी, प्रशासक, कार्यो का निरिक्षण करने वाला बनाता है। कुण्डली में सूर्य के बल के मुताबिक जीवन में शक्ति होती है जिस कुंडली में सूर्य कमजोर रहता है वह जातक शारीरिक रूप से कमजोर होता है, सूर्य की कुंडली में मजबूत स्थिति व्यक्ति को कुछ अधिक सशक्त बना देती है। 

सूर्य ग्रहों में सबसे प्रमुख हैं| आध्यात्मिक विद्या, अग्नि एवं तेज है, किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करता, वह आदेश देता है, अपने महत्व एवं मर्यादा को समझता हैं, जिसका सूर्य बलवान है, वह उन्नति, वृद्धि, निर्माण करने वाला होता है। व्यक्ति भावनाओं को नियंत्रण में रखना जानता है। कोई भी निर्णय सोच विचार कर ही लेता है। 

राशि चक्र की एक राशि में सूर्य लगभग एक महीने तक रहते है। सूर्य जिस भी राशि में प्रवेश करते हैं उसे उसी राशि की संक्रांति कहा जाता है| सौर वर्ष के मास का निर्धारण भी सूर्य के राशि परिवर्तन से ही होता है| 

सूर्य का तुला राशि में प्रवेश 17 अक्टूबर 2020 को शनिवार के दिन होने जा रहा है| इस दिन सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर सूर्यदेव तुला राशि में प्रवेश करेंगे| तुला राशि में सूर्य 16 नवंबर 2020 तक रहेंगे| सूर्य के इस राशि परिवर्तन को ''तुला संक्रांति'' कहा जाता है, और इस दिन को स्नान-दान-तर्पण आदि के लिए बहुत शुभ माना जाता है| सूर्य इस गोचर काल के दौरान अपनी नीच अवस्था में होगा।  सूर्य देव का तुला राशि में परिवर्तन सभी 12 राशियों को विशेष रूप से प्रभावित करेंगा? आइये जानते हैं|

मेष राशि (Aries)

मेष राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से सातवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव को विवाह स्थान भी कहा जाता है। इस भाव में सूर्य का अपनी नीच में होना आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियां लेकर आ सकता है। आपके स्वभाव में क्रोध की प्रवृति का बढ़ना आपकी परेशानियों को और अधिक बड़ा सकता है|

इस दौरान कर्ज न लें, और न ही किसी को पैसा उधार दें। इसके साथ ही पारिवारिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती, अपने भाई-बहनों के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो सकती है।

जीवनसाथी के साथ किसी भी बात में न उलझें, और न ही अपने मन में किसी भी प्रकार का अहंकार आने दें, अन्यथा इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी शादीशुदा जिंदगी पर देखने को मिल सकता है| 

इस राशि के जो जातक साझेदारी में बिजनेस कर रहे हैं, साझेदार के साथ उनके मतभेद हो सकते हैं। इस दौरान साझेदारी के कामों को भी सावधानी से निपटाएं।

वृषभ राशि (Taurus)

वृषभ राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से छठे भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से आपके शत्रुओं, बीमारियों और कानूनी लड़ाई आदि के बारे में विचार किया जाता है। सूर्य का आपके षष्ठ भाव में विरारजमान होना आपके लिए शुभ संकेत लेकर आएगा| इस राशि के जातक इस दौरान अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करेंगे| 

कोर्ट कचहरी के मामलों में भी निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत हैं। नौकरी पेशा से जुड़े इस राशि के जातक यदि जॉब में परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे थे, तो इस समय परिवर्तन संभव है| लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य में परेशानी हो सकती है, सर दर्द, आँखों में दर्द, पेट में ख़राबी आदि सामान्य समस्याएँ हो सकती हैं। इस अब्धि में आपको विशेष वाणी पर संयम रखने की आवश्यकता होगी| अधिक कर्ज के लेन-देन से बचें। 

मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेंगे| कुंडली का पांचवा भाव संतान, शिक्षा और प्रेम सम्बन्ध को दर्शाता है। जो जातक सरकारी नौकरी से जुड़े हुए हैं, उन्हें इस दौरान लाभ प्राप्त होना सम्भव है| लेकिन नौकरी में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है| व्यवसाय की दृष्टि से यह समय मिला-जुला रहने वाला है| 

किसी नए बिज़नेस की शुरुआत करने जा रहें हैं, तो अच्छी तरह से विचार-विमर्श ज़रुर कर लें| अपने निजी जीवन में, आप अपने परिवार के सदस्य के साथ अनबन का अनुभव कर सकते हैं। विशेष रूप से, यदि आपके कोई छोटे भाई-बहन हैं, यह समय शिक्षा के लिए थोड़ा परेशानियों भरा रहेगा, विद्यार्थियों का मन पढ़ाई में कम लगेगा| प्रतियोगिता परीक्षा देने  वाले छात्रों को सफलता प्राप्ति के लिए कठिन प्रयास करने होंगे।

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कर्क राशि (Cancer)

कर्क राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से चौथे भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के सुख, चल-अचल संपत्ति, माता, और समाज में आपकी स्थिति के बारे में विचार किया जाता है। इस गोचर के दौरान आप अपने संसाधनों का सही से इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिसके कारण कार्यक्षेत्र में आपकी कार्य क्षमता पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। 

इस दौरान नौकरी पेशा लोगों की एकाग्रता में कमी देखी जा सकती है जिससे उच्च अधिकारी नाखुश होंगे| गृहस्थ जीवन में तनाव देखने को मिल सकता है। अपने व्यवहार में नरमी रखें। माता पिता के स्वास्थ्य को लेकर इस समय आप परेशान रह सकते हैं, इसलिए उनकी छोटी-मोटी बीमारी को भी नज़रअंदाज़ न करें और किसी अच्छे चिकित्सक से उनका इलाज करवाएं| वाहन जमीन जायदाद संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में मकान या वाहन न खरीदें नहीं तो आपको घाटा हो सकता है|

सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से तीसरे भाव में गोचर करेंगे| इस दौरान आपके आत्मबल और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी| भाइयों से मतभेद बढ़ेगा उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इस दौरान विवादों से बचने का प्रयास करें| 

कार्यक्षेत्र और सामाजिक जीवन में आप अपनी वाणी से लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, यदि आप साझेदारी में बिजनेस कर रहे हैं, तो यह समय आपको सफलता दिला सकता है, वाणी के दम पर आपको कोई अच्छी डील प्राप्त हो सकती है| इस समय धनार्जन तथा भाग्य निर्माण हेतु जातक को यात्राएं भी करनी पड़ेंगी और इन यात्राओं के दौरान आपको बेहद सतर्क भी रहना होगा, इस गोचर काल में आप धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान पुण्य भी करेंगे।

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कन्या राशि (Virgo)

कन्या राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से दूसरे भाव में गोचर करेंगे| पारिवारिक कलह के कारण मानसिक अशांति का सामना भी करना पड़ेगा। इस दौरान स्वभाव में  जिद्दीपन और वाणी में कठोरता आ सकती है, लोग धोखा दे सकते हैं| इस अवधि में शारीरिक कष्ट होना भी संभव है, रक्त एवं ताप से संबंधित रोग हो सकते हैं | 

आर्थिक मामलों के लिए भी यह समय अनुकूल नहीं कहा जाएगा, अतः बेवजह के खर्चों पर लगाम लगाना जरूरी है, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से देखें तो सूर्य का ये गोचर आपके लिए नुक़सानदेह साबित हो सकता है, सिर व आंखों में पीड़ा के कारण परेशानी हो सकती है| आप अपने अहम को अपने ऊपर हावी न होने दें. यदि आप अहम भाव से पीड़ित रहेंगे तो अवसरों का फायदा नहीं उठा पाएंगे|

तुला राशि (Libra)

तुला राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी ही राशि में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विचार किया जाता है। लेकिन लाभेश सूर्य का कमजोर अवस्था में होकर लग्न में बैठना आपके लिए परेशानी भरा रह सकता है, इस गोचर के दौरान आप में आत्मविश्वास की कमी देखी जा सकती है| 

जिससे आपके कई काम बिगड़ सकते हैं, और इससे आपको अशांति भी हो सकती है जो आपके कार्यालय में आने वाले नकारात्मक परिणामों को और बढ़ा सकती है। इसलिए सूर्य के इस गोचर के दौरान आपको अपने फैसलों को लेकर दृढ़-निश्चय होना चाहिए और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए। 

इस राशि के लोगों के दांपत्य जीवन की बात की जाए तो किसी वजह से जीवनसाथी के साथ नोक झोंक हो सकती है जिससे परिवार का माहौल खराब हो सकता है. समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी वाणी पर सयम रखना अत्यंत आवयक होगा|

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वृश्चिक राशि (Scorpio)

वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर करेंगे| कर्मेश सूर्य का द्वादश भाव में नीच अवस्था में विराजमान होना, आपको कई मुश्किलों में डाल सकता है| इस गोचर काल के दौरान कार्यों को पूरा करने में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं, आपको समस्या का सही समाधान नहीं मिल पाएगा, जिसके कारण आप अपने कामों को बीच में ही छोड़ सकते हैं, हालांकि आपको ऐसा नहीं करना चाहिए और अपने काम में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए। 

इस समय आपके खर्चें अधिक बढ़ सकते हैं| कार्यक्षेत्र में कुछ अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे| अगर आर्थिक पक्ष की बात करें तो धन लाभ के योग हैं, लेकिन ख़र्चों में भी अनावश्यक वृद्धि होगी| इस समय के दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी होगा| 

जातक अपने ऐशो-आराम पर खर्च कर सकते हैं| यदि आप विदेश जाने के लिए इच्छुक हैं, तो यह अनुकूल समय है| इस दौरान यदि आपका कोर्ट कचहरी में कोई मामला चल रहा है तो उसमे फैसला आपके पक्ष में आ सकता है| इस समय पिता को शारीरिक कष्ट या पिता से वैचारिक मतभेद हो सकता है|

धनु राशि (Sagittarius)

धनु राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के लाभ और बड़े भाई-बहनों के बारे में विचार किया जाता है, सूर्यदेव का आपके लाभ भाव में होना आपके जीवन के कई क्षेत्रों में लाभ प्रदान करने वाला साबित होगा| इस गोचर के दौरान अपनी ऊर्जा शक्ति का पूर्ण उपयोग करें तथा जिद और आवेश पर नियंत्रण रखें। 

जो जातक राजनीति के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें भी इस गोचर के समय शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं, परिवार के वरिष्ठ सदस्यों एवं एवं भाइयों से मतभेद न पैदा होने दें। सूर्य की संतान भाव पर उच्च दृष्टि के परिणाम स्वरुप संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी।वहीं इस राशि के जो लोग लंबे समय से जॉब कर रहे हैं और अब बिजनेस करना चाहते हैं उन्हें भी इस समय नई दिशाएं मिल सकती हैं|

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मकर राशि (Capricorn)

मकर राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से दशवें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के करियर का विचार किया जाता है। लेकिन इस दौरान अष्टमेश सूर्य का कर्म भाव में अपनी नीच राशि का होकर बैठना आपको कार्यक्षेत्र में उतना लाभ नहीं देगा, आपके प्रदर्शन में कमी आएगी और मानहानि भी हो सकती है। 

इस दौरान आप हर समस्या के मूल को समझने की कोशिश करते हुए उसे सुलझाने की कोशिश करेंगे। इस समय आप कार्यक्षेत्र में कुछ ऐसे साहसिक फैसले ले सकते हैं| जिनसे आपको कार्यक्षेत्र में कुछ लाभ प्राप्त होगा| इस दौरान उच्च अधिकारी आपके लिए सहायक सिद्ध हो सकते हैं, शिक्षा में लीन लोगों के लिए यह समय ध्यान भटकाने वाला सिद्ध होगा। कोई बड़ा काम आपके हाथ से फिसल सकता है  आपको इस समय में बड़े निर्णय नहीं लेने चाहिए। 

कुंभ राशि (Aquarius)

कुम्भ राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से नवमें भाव में गोचर करेंगे| इस भाव से व्यक्ति के भाग्य, धर्म, और लंबी यात्राओं का  विचार किया जाता है| यह समय काम से संबंधी यात्राओं के लिए अच्छा नहीं है, आपके खर्चे हो सकते हैं और घाटा होने की भी संभावना है। 

इस दौरान यदि आप साझेदारी में बिजनेस करते हैं तो आपको घाटा उठाना पड़ सकता है। इसलिए सूर्य के गोचर की इस अवधि में आपको पिता, पितातुल्य या अनुभवी लोगों से सलाह लेकर ही कोई कदम उठाना चाहिए। 

दान-धर्म के कार्यों में आपका मन लगेगा और आप धार्मिक पुस्तकों का इस दौरान अध्ययन कर सकते हैं| इस राशि के जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा अर्जित कर रहे हैं या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उनकी एकाग्रता में कमी आ सकती है,  पिताजी के साथ आपका मतभेद भी संभव है|

मीन राशि (Pisces)

मीन राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि से आठवें भाव में गोचर करेंगे| इस गोचर काल के चलते आपके जीवन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। कार्यों में असफलता मिल सकती है, या बहुत विलम्ब से सफलता मिलेगी, इस समय व्यय अधिक होगा तथा स्वास्थ्य भी खराब रह सकता है| 

आपके शत्रु आपके खिलाफ किसी तरह की कोई साजिश कर सकते हैं, इसलिए इस गोचर के दौरान आपको बहुत ही सतर्क रहने की जरुरत है। कार्यक्षेत्र में वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं| अपने मान-सम्मान को लेकर भी सचेत रहें, मीन राशि के जातक इस गोचर के दौरान कोई भी नया कार्य प्रारंभ न करें| 

ससुराल पक्ष के लोगों से आपके मतभेद हो सकते हैं जिसके कारण जीवनसाथी के साथ भी आपके संबंध खराब हो सकते हैं। जीवन साथी के स्वास्थ्य से सम्बंधित कुछ समस्या भी परेशान कर सकती है, इसके कारण अचानक धन हानि हो सकती है| इसलिए सचेत रहें, प्रत्येक कार्य सोच-समझ कर ही करें| 

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