सूर्य का मकर राशि में गोचर, जानें क्या होगा आपकी राशि पर असर
By: Future Point | 22-Dec-2021
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वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। यह भचक्र की पांचवीं राशि सिंह का स्वामी है। सूर्य राजपद, उच्च अधिकार और पिता का प्रतिधिनित्व करता है, ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के अपने-अपने गुणधर्म, विशेषताएं और उनके अंतर्गत आने वाले कार्य हैं जिनसे किसी व्यक्ति की कुंडली में संबंधित ग्रहों का विचार किया जाता है। ज्योतिष में नौ ग्रहों में सूर्य को ग्रहों के राजा की संज्ञा दी गई है। इसलिए सूर्य को सर्वाधिक महत्व दिया गया है। मान-सम्मान, यश-अपयश, कीर्ति, प्रसिद्धि, ज्ञान, आयु, आरोग्य, नेत्र रोग, पिता, आत्मा, शारीरिक बनावट और उच्च अधिकार का विचार सूर्य से किया जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अच्छा होता है वे व्यक्ति पूर्ण सम्मानित जीवन व्यतीत करते हैं। सूर्य से सरकारी नौकरी, प्रमोशन आदि के बारे में भी विचार किया जाता है।
वैदिक ज्योतिष में सूर्य ग्रह को काफी महत्व दिया गया है। क्योंकि यह आत्मा का प्रतिक है। सूर्य जब गोचरवस मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसका काफी अच्छा प्रभाव माना गया है। मकर राशि सूर्यदेव के पुत्र शनि देव की राशि है इसलिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र से मिलने जाते हैं। मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं और इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। इस दिन को विभिन्न स्थानों पर मकर संक्रांति के पर्व के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है। भारतवर्ष के तमिलनाडु राज्य में सूर्य का मकर राशि में गोचर पोंगल के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। वहीं राजस्थान और गुजरात में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है।
इस बार सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी 2022 को दोपहर 14:29 बजे होगा, वहीं मकर संक्रांति, पोंगल और उत्तरायण पर्व 14 जनवरी 2022 को ही मनाये जायेंगे।
आइये जानते हैं सूर्य के इस गोचर का सभी राशियों पर क्या प्रभाव होने वाला है।
मेष राशि -
सूर्य का यह गोचर आपकी राशि से दशवें भाव में होगा। इस भाव में सूर्य को दिग्बल प्राप्त होता है। दशम भाव में सूर्य का गोचर अनुकूल होता है। सूर्य आपकी राशि में उच्च का होता है और दशम भाव सबसे मजबूत केंद्र भाव होता है। ऐसी स्थिति में सूर्य का गोचर आपके लिए कार्यक्षेत्र में जबरदस्त तरक्की के योग बनाएगा और आपको आपके कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलता दिलाएगा। वहां पदोन्नति मिलने की पूरी संभावना रहेगी। आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। आपके संबंध आप के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बढ़िया बनेंगे और वे हर काम में आपकी मदद करेंगे। स्वाभाविक रूप से आप दूसरों पर हावी रहेंगे। यदि आप सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं तो यह गोचर आपके लिए और भी बढ़िया रहने वाला है। सरकार की ओर से कोई मान सम्मान या किसी प्रकार की सुविधा मिल सकती है। शेयर बाज़ार, आदि के क्षेत्र से जुड़े व्यापारी जातक, इस गोचर के दौरान अनुकूल फल प्राप्त करेंगे। जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही आपको नाम और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी के भी बहुत से अवसर मिलेंगे। हालांकि इस दौरान आपका पारिवारिक जीवन थोड़ा तनाव पूर्ण रहेगा।
उपाय - आदित्य हृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करें।
वृष राशि -
सूर्य का गोचर आपकी राशि से नवमें भाव में होगा। यह आपके चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपकी माताजी का स्वास्थ्य कुछ कमजोर रह सकता है अथवा आप से उनका मतभेद होने की भी संभावना है। इस दौरान आपकी आमदनी में किसी प्रकार की कमी आ सकती है लेकिन यह कमी आने वाले धन लाभ की ओर इशारा कर रही है। सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को अचानक लाभ मिल सकता है। गोचर के दौरान पिता की सेहत का ख्याल रखने की खास जरुरत है लंबी दूरी की यात्रा की संभावना भी बन रही है। इस दौरान समाज में आपकी स्थिति पर अनुकूल प्रभाव पड़ सकता है। मानसिक रूप से आप काफी अशांत रह सकते हैं। आपके स्वभाव में जिद्दीपन देखा जाएगा, जिससे आपका अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारी के साथ कोई मतभेद उत्पन्न हो सकता है। ऐसे में अपने अधिकारियों और अपने अधीन कार्य कर रहे कर्मियों का सहयोग प्राप्त करने के लिए, अपने दृष्टिकोण में थोड़ी कोमलता लेकर आना आपके लिए बेहतर रहेगा।हालांकि गोचर की इस अवधि में आप तीर्थ यात्रा पर जा सकते हैं।
उपाय- रोज़ाना सुबह-सुबह गायत्री मंत्र का जप करें।
मिथुन राशि -
मिथुन राशि के लोगों के लिए सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं और आपकी राशि से सूर्य का गोचर आठवें भाव में होगा। इस भाव में गोचर के प्रभाव से आपको मानसिक तनाव और स्वास्थ्य में समस्याएं आ सकती हैं और आप बीमार पड़ सकते हैं। आपको अचानक से त्वचा संबंधित परेशानियां, पित्त रोग में वृद्धि, बुखार तथा गुप्तांगों से सम्बंधित समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, इसीलिए आपको अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हालाँकि ऐसा तभी होगा, जब आपकी कुंडली में अशुभ ग्रहों की दशा चल रही हो। अनुसंधान, डेटा, विश्लेषण से संबंधित संगठन में कार्य कर रहे जातकों को इस गोचर में अच्छे परिणाम मिलेंगे। रिसर्च से जुड़े लोगों को इस दौरान अच्छे फल मिल सकते हैं। किसी गुप्त विद्या को सीखने की आपकी इच्छा बलवती होगी और आप उसे प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इस दौरान आपको आर्थिक जीवन में आर्थिक तंगी से दो-चार होना पड़ेगा। ऐसे में अपने ख़र्चों पर नियंत्रण रखना, इस महीने आपके लिए एकमात्र विकल्प रहेगा। यह समय आपके पिता और पिता समान लोगों के लिए अनुकूल नहीं रहेगा और उन्हें स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानीओं का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय- आपको प्रतिदिन श्रद्धा पूर्वक भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए।
कर्क राशि -
आपकी राशि से सातवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपकी राशि के लिए सूर्य दूसरे भाव का स्वामी है और आपके साझेदारी और विवाह के भाव में विराजमान होगा। इस भाव में सूर्य का गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा और आपको व्यापार में उत्तम लाभ की प्राप्ति होगी। नौकरीपेशा जातकों के लिए स्थिति उत्तम दिख रही है। आपको अपने कार्यस्थल पर, उत्तम पद की प्राप्ति के अवसर मिलेंगे। लेकिन अपने पुरस्कार और उन्नति को लेकर सराहना न प्राप्त होने से, आप कोई निर्णय जल्दबाजी में लेने को मजबूर हो सकते हैं। जिससे आपके लिए कार्यस्थल पर, कुछ परेशानियां उत्पन्न होने का खतरा रहेगा। लेकिन दांपत्य जीवन के लिहाज से यह गोचर अनुकूल नहीं कहा जा सकता क्योंकि इससे आपके जीवन साथी और आपके मध्य अहम का टकराव होगा तथा रिश्ते में झगड़े की नौबत आ सकती है। आपका जीवन साथी किसी बात को लेकर अड़ियल रवैया अपना सकता है, जिससे आपके दांपत्य जीवन के सुखों में कमी आएगी। स्वास्थ्य के लिहाज से आपको नेत्र संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। पेट में संक्रमण और त्वचा के सूखने की शिकायत भी हो सकती है। इसलिए जितना संभव हो इस गोचर के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करें।
उपाय - भगवान सूर्य देव के मंत्र “ॐ घृणि सूर्याय नमः” का जाप करना हितकर होगा।
सिंह राशि -
सिंह राशि वालों के लिए सूर्यदेव आपकी राशि के स्वामी अर्थात लग्न भाव के स्वामी हैं और सूर्य का यह गोचर आपकी राशि से छठे भाव में होगा। छठे भाव में सूर्य का गोचर आमतौर पर शुभफल ही देता है और यहां उपस्थित सूर्य आपकी कुंडली में शत्रुओं से आपकी रक्षा करता है। सूर्य के गोचर से आपको वाद विवाद में सफलता मिलने के योग बनेंगे और कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं तो भी यह गोचर आपके लिए सफलता का मार्ग खोलेगा। खासतौर से सरकारी या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र, मेहनत से ज्यादा उत्तम फल प्राप्त कर सकेंगे। नौकरी में पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे, लेकिन उसके लिए आपको कठिन परिश्रम भी करना होगा और अपने आप को सिद्ध करना होगा। दूसरी और आपके खर्चों में भी वृद्धि हो सकती है जिस पर ध्यान देना आपके लिए आवश्यक होगा। आपका पैसा कहीं रुका हुआ है तो वह इस समय काल में वापस आ सकता है। यदि आप पर कोई कर्ज बाकी है तो वह भी चुकने की पूरी संभावना है। वहीं इसके विपरीत कुछ लोग कर्ज उतारने के लिए कर्ज लेंगे, जिससे कुछ क़र्ज़ चुका कर बाकी पैसा किसी सुख-सुविधा के साधन को खरीदने में लगा सकते हैं।
उपाय - उत्तम गुणवत्ता वाला माणिक रत्न रविवार के दिन सूर्य की होरा में धारण करें।
कन्या राशि -
सूर्य का गोचर आपकी राशि से पांचवें भाव में होगा। यह भाव विशेष रूप से बुद्धि, ज्ञान, संतान और प्रेम संबंधों का माना गया है। सूर्य के इस भाव में गोचर करने से आपकी संतान को कुछ शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और वे जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उसमें उन्हें अधिक एकाग्रता के साथ काम करना होगा। ऐसे में कार्यक्षेत्र पर आपको,अपनी नौकरी की सुरक्षा और भविष्य की परेशानियों के चलते तनाव और बेचैनी महसूस हो सकती है। इसलिए किसी भी तरह के नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी होने न देते हुए, अपनी पूरी ऊर्जा को सही रणनीति बनाने के ऊपर लगाएँ। हालांकि विदेशी संगठन और मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत जातकों के लिए, समय उत्तम ही रहेगा।शिक्षा में भी कुछ व्यवधान आ सकते हैं क्योंकि आपकी एकाग्रता इस समय में भंग हो सकती है तथा शारीरिक रूप से भी आप अपने अंदर गर्मी और पित्त की असंतुलित स्थिति को महसूस कर सकते हैं, जिससे आपके कामों में भी कुछ विलंब हो सकता है। महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटक सकती हैं, जिसकी वजह से आपको और अधिक ध्यान देकर काम करने होंगे।
उपाय- रविवार के दिन सूर्य मंदिर अथवा भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर लाल रंग का वस्त्र दान करें।
तुला राशि -
सूर्य का गोचर आपकी राशि से चौथे भाव में होगा। सूर्य आपके लिए लाभ भाव का स्वामी है। इस गोचर के प्रभाव से आप की सुख-सुविधाओं में वृद्धि और महत्वकांक्षाओं की पूर्ति होगी, इस दौरान आर्थिक स्तर पर आपको विशेष लाभ की प्राप्ति हो सकती है। वहीं आप आर्थिक लाभ प्राप्ति के लिए लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। आपको इस गोचरकाल में धन प्राप्ति के बहुत से ऐसे स्रोत मिल सकते हैं जो आने वाले समय में आपके लिए लाभकारी साबित होंगे। आप नई परियोजनाओं और प्रयासों में पहल करने की कोशिश करेंगे, साथ ही आप इन कार्यों को पूरा करने में अपनी ताकत और रचनात्मकता दिखाएंगे। लेकिन मानसिक रूप से आप अधिक संतुष्ट नहीं रहेंगे। आप को और अधिक सुकून की आकांक्षा होगी। गोचर के प्रभाव से परिवार का वातावरण ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा और उसमें व्यर्थ की बहस बाजी हो सकती है, आपकी माताजी के स्वभाव में भी कुछ परिवर्तन आएँगे और वे थोड़ी उग्र हो सकती हैं। इस दौरान आपको थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता पड़ सकती है, दूसरों के ऊपर हावी रहने की आपकी प्रवृत्ति आपको परेशानी में डाल सकती है।
उपाय- आपको रविवार के दिन गेहूँ, तांबा एवं गुड़ का दान करना चाहिए।
वृश्चिक राशि -
सूर्य आपकी राशि के लिए दशवें भाव का स्वामी है और अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे। आमतौर पर सूर्य का गोचर तीसरे भाव में अनुकूल और शुभ परिणाम देने में सक्षम होता है। सूर्य के इस गोचर का आपको समुचित लाभ मिलेगा और आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस दौरान आपको अपने भाई बहनों का भरपूर सहयोग मिलेगा और आप हर मुश्किल का सामना डट कर करने में पूरी तरह से सक्षम रहेंगे। परिवार का साथ मिलने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और आप परिवार के महत्व को भी नज़दीक से समझने में सक्षम होंगें। इस गोचर काल में आपके सहकर्मी आपको अपेक्षित सहयोग नहीं देंगे इसलिए उनके प्रति सचेत रहें। छोटी दूरी की यात्राओं से आपको लाभ होगा और यदि आप एक व्यापारी हैं तो ये यात्राएं आपके लिए काफी लाभदायक सिद्ध होंगी। गोचर की अवधि में आपको अपने कुछ पुराने मित्रों से मिलना भी संभव होगा, जिनसे मिलकर आप काफी खुश होंगे। यह गोचर आपके शत्रुओं पर भारी पड़ेगा और आप उन्हें किसी भी हाल में आगे बढ़ने नहीं देंगे, जिससे आप मानसिक तौर पर भी मजबूत दिखेंगे।
उपाय- लाल चन्दन को घिस कर स्नान के जल में मिलाएँ और उसी जल से स्नान करें।
धनु राशि -
सूर्य आपकी राशि के लिए नवम भाव का स्वामी है और अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। यहां उपस्थित सूर्य आपको तेजस्वी बनाएगा लेकिन पारिवारिक मामलों में आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आप व्यावहारिक होने की बजाय नियमानुसार चलने का प्रयास करेंगे, जिससे परिवार के अन्य लोगों को असुविधा हो सकती है। इस दौरान आपको आर्थिक लाभ तो अवश्य मिलेगा लेकिन साथ ही यदि आप शेयर मार्किट या अन्य किसी क्षेत्र में निवेश की सोच रहें हैं तो, अपनी सूझ बूझ से काम लें अन्यथा नुक्सान हो सकता है। पिताजी के माध्यम से इस दौरान आपको धन लाभ हो सकता है। यदि आप नौकरी करते हैं तो इस दौरान अपने प्रदर्शन को और अच्छा करें, जिससे अधिकाधिक लाभ की स्थिति में आ सकें। आपको कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, सूर्य के हानिकारक प्रभाव से आपको आँखों का रोग हो सकता है। लिहाजा इस अवधि में नेत्र संबंधी समस्या से बचने के लिए अपनी आँखों का ख़ास ख्याल रखें। यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो, गोचर की इस अवधि में निराशा आपके हाथ लग सकती है। अपने प्रेमी से हद से ज्यादा उम्मीद रखना आपके लिए निराशा का कारण बन सकती है।
उपाय- श्वेतार्क का पौधा लगाएँ और उस पर रोज जल चढ़ाएं।
मकर राशि -
सूर्य आपकी राशि के लिए नवम भाव का स्वामी है और आपकी राशि से प्रथम भाव अर्थात आपकी राशि में सूर्य का गोचर होगा। सूर्य का गोचर आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आएगा और आपकी सोचने समझने की शक्ति मजबूत होगी। आप मुश्किल से मुश्किल समस्या का हल निकालेंगे और उस पर विजय प्राप्त करने में सफल होंगे। यदि आप किसी सरकारी पद पर आसीन हैं तो इस दौरान आपको सरकार की तरफ से विशेष लाभ मिल सकता है। कामकाजी लोगों को कार्य क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल सकती है। इस गोचरीय अवधि में कामकाजी लोगों के ऊपर काम का दवाब कम रहेगा। कामकाजी लोगों के लिए ये एक स्वर्णिम समय होगा। सूर्य के शुभ प्रभाव से आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी और आप एक राजशाही जीवन व्यतीत कर पाएंगे। लेकिन आपके अंदर अभिमान भी जाग सकता है, जिसका असर आपके रिश्तों को खराब कर सकता है। सूर्य का यह गोचर आपके दांपत्य जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जा सकता और ऐसे में आप और आपके जीवनसाथी के मध्य मतभेद बढ़ सकते हैं, इससे रिश्ते में सुखों की कमी देखने को मिल सकती है। वहीं व्यापार से जुड़े लोगों को इस अवधि के दौरान ख़ासा मुनाफ़ा मिल सकता है। यदि आप किसी नए बिज़नेस की शुरुआत करना चाहते हैं तो उसके लिए भी सूर्य के गोचर की ये अवधि फलदायी साबित हो सकती है।
उपाय- रविवार के दिन किसी जरुतमंद व्यक्ति को दवाई बांटें।
कुम्भ राशि -
सूर्य आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर करेंगे। गोचर की यह अवधि आपके लिए आर्थिक रूप से हानिकारक साबित हो सकती है। इस दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि होने की संभावना नजर आ रही है। आपको अपने खर्चों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिलेगी। हालांकि वे खर्चे अव्यवस्थित नहीं होंगे बल्कि किसी विशेष प्रयोजन से ही होंगे। सूर्य का यह गोचर आपकी अध्यात्मिकता को बढ़ाने वाला साबित होगा और आप अध्यात्म के पथ पर अग्रसर होंगे। गोचर की इस अवधि में परिवार का कोई व्यक्ति विदेश यात्रा पर जाने का प्रयास करेगा, जिससे आपको उनकी कमी महसूस होगी। वहीं बिज़नेस से जुड़े लोगों को कामकाज के सिलसिले में किसी अनचाही यात्रा पर जाना पड़ सकता है। इससे आपको परेशानी तो होगी ही लेकिन भविष्य में आपको लाभ भी मिलेगा। द्वादश भाव में स्थित होकर सूर्य आपके स्वास्थ्य को पीड़ित करेगा। आपको आंखों में दर्द, निद्रा में कमी, बुखार, सिर दर्द या बदन दर्द जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस अवधि में आपके कुछ शत्रु प्रबल हो सकते हैं और आपको परेशान करने का प्रयास कर सकते हैं। कामकाजी लोगों को कार्य क्षेत्र में इस अवधि में जी तोड़ मेहनत करनी होगी तभी उन्हें उचित लाभ मिलेगा।
उपाय- अपने पिता का सम्मान करें और प्रातः काल जल्दी उठने की आदत डालें।
मीन राशि -
सूर्य आपके छठे भाव का स्वामी होकर गोचर के दौरान आपके लाभ अर्थात ग्यारहवें भाव में प्रवेश करेगा। इस भाव में सूर्य का गोचर हर प्रकार से आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा और आपकी प्रगति दिन-प्रतिदिन बढ़ेगी। कार्य क्षेत्र में यदि आप सरकारी पद पर आसीन है तो, इस दौरान आपको उच्च अधिकारियों से विशेष लाभ मिल सकता है। काम काज को लेकर आप इस समय सजग रहेंगे जिसके फलस्वरूप कार्य क्षेत्र में आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी और आपके आय में बढ़ोत्तरी हो सकती है। आप नई परियोजनाओं और प्रयासों में पहल करने की कोशिश करेंगे, साथ ही आप इन कार्यों को पूरा करने में अपनी ताकत और रचनात्मकता दिखाएंगे। आर्थिक स्तर पर आपको इस गोचरकाल के दौरान विशेष लाभ प्राप्त होगा और आप अपने आवश्यक कार्यों को करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सूर्य के प्रभाव से आपके प्रेम जीवन में कुछ कठिनाइयाँ जन्म ले सकती हैं और विचारों में विरोधाभास की स्थिति पैदा होने से प्रेम जीवन में कुछ नीरसता आ सकती है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो शिक्षा के मामले में यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं है, इसलिए आपको पूर्ण निष्ठा और एकाग्रता के साथ पढ़ाई पर ध्यान देना होगा, नहीं तो परिणाम भिन्न हो सकते हैं।
उपाय- प्रतिदिन 108 की संख्या में गायत्री मंत्र का जाप करें।
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