1 मुखी से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष का महत्व – क्यों शिव को प्रिय है रुद्राक्ष ?
By: Future Point | 23-May-2019
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भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष को अलौकिक शक्तियों वाला एवं बहुत ही पवित्र माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष में ऐसी अलौकिक शक्तियां होती हैं जिसमे कई प्रकार की हानिकारक ऊर्जाओं से रक्षा होती है. रुद्राक्ष को केवल तपस्वियों के लिए ही नही बनाया गया है बल्कि आम लोग भी इसको धारण कर सकते हैं और इसकी अलौकिक शक्तियों का लाभ उठा सकते हैं।
भगवान शिव को क्यों प्रिय है रुद्राक्ष –
ऐसी मान्यता है कि कई वर्षों तक तपस्या में लीन रहे भगवान शिव ने जब अपनी आंख खोली तब उनकी आंखों में से आंसू धरती पर गिरे, जहां पर शिव की आंख का आंसू गिरा था वहां एक रुद्राक्ष का पेड़ बन गया, शिव के आंसू कहे जाने वाले रुद्राक्ष 14 प्रकार के होते हैं जिनमें से प्रत्येक व्यक्ति की अलग-अलग इच्छाओं को पूरा करने की चमत्कारिक शक्ति रखता है, कहते हैं कि पूर्ण विधि-विधान और शिव के आशीर्वाद के साथ रुद्राक्ष को पहना जाए तो उसे पहनने मात्र से चिंताएं दूर हो जाती हैं।
1 से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष के महत्व एवं उनके लाभ –
एक मुखी रुद्राक्ष :
एक मुखी रुद्राक्ष को साक्षात् भगवान शिव जी का स्वरूप् ही माना जाता है, इस रुद्राक्ष के प्रभाव से पापों का नाश एवं भय व चिंता से मुक्ति मिलती है, एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य देवता एवं भगवान शिव जी का आशीर्वाद मिलता है, सिंह राशि के जातकों को एक मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
दो मुखी रुद्राक्ष :
दो मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव व माता पार्वती जी का स्वरूप् माना जाता है, इस रुद्राक्ष को धारण करने से कई रोगों से मुक्ति मिलती है और इसके प्रभाव से बुद्धि में वृद्धि होती है, कर्क राशि के जातकों को दो मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
तीन मुखी रुद्राक्ष :
तीन मुखी रुद्राक्ष को साक्षात् ब्रह्म, विष्णु, महेश का स्वरूप् माना जाता है, इसे धारण करने से आत्मविश्वास, विवेक व विधा में वृद्धि होती है एवं वास्तु दोष भी इसके प्रभाव से दूर होते हैं, मेष व वृश्चिक राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
चार मुखी रुद्राक्ष :
चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्म देव का स्वरूप् होता है, इसे धारण करने से मृत्यु आदि का भय दूर होता है एवं इसके प्रभाव से गले से सम्बंधित रोग व लकवा आदि रोगों से निजात मिलती है, कन्या व मिथुन राशि के जातकों को ये अवश्य धारण करना चाहिए।
पंच मुखी रुद्राक्ष :
पंच मुखी रुद्राक्ष को रूद्र का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है और इसके प्रभाव से किडनी, मधुमेह, पीलिया आदि रोग दूर होते हैं, मीन व धनु राशि के जातकों को पंच मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
छः मुखी रुद्राक्ष :
छः मुखी रुद्राक्ष को भगवान कार्तिकेय का स्वरूप् माना जाता है इसको धारण करने वाले व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है, एवं इसके प्रभाव से मूत्र रोग व नपुसंकता आदि जैसी समस्याएं दूर होती हैं, तुला व वृषभ राशि के जातकों को ये अवश्य धारण करना चाहिए।
सात मुखी रुद्राक्ष :
सात मुखी रुद्राक्ष को माँ लक्ष्मी का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने से धन व संपत्ति में वृद्धि होती है और इसके प्रभाव से हड्डियों से सम्बंधित बीमारियां दूर होती हैं, मकर व कुम्भ राशि के जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
आठ मुखी रुद्राक्ष :
आठ मुखी रुद्राक्ष को भैरो का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने वाला व्यक्ति दीर्घायु होता है और इसके प्रभाव से करियर से सम्बंधित कई प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं।
नौ मुखी रुद्राक्ष :
नौ मुखी रुद्राक्ष को माँ दुर्गा जी का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है और इसके प्रभाव से व्यक्ति का क्रोध पर नियंत्रण रहता है।
दस मुखी रुद्राक्ष :
दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान् विष्णु जी का स्वरूप् माना जाता है, इसे धारण करने से मनोकामनाओ की पूर्ति होती है तथा इसके प्रभाव से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष :
ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को रूद्र यानि हनुमान जी का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने से आत्मविश्वास व साहस में वृद्धि होती है और इसके प्रभाव से भूत- प्रेत जैसी तमाम समस्याएं दूर होती हैं, मेष व वृश्चिक राशि के जातकों को ग्यारह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
बारह मुखी रुद्राक्ष :
बारह मुखी रुद्राक्ष को सूर्य देवता का स्वरूप् माना जाता है, इसको धारण करने कई प्रकार की बिमारियों का नाश होता है व इसके प्रभाव से मान- सम्मान में वृद्धि होती है, सिंह राशि के जातको को बारह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
तेरह मुखी रुद्राक्ष :
तेरह मुखी रुद्राक्ष को कामदेव का स्वरूप् माना जाता है इसको धारण करने वाले व्यक्ति को सौभाग्य व मंगल की प्राप्ति होती है और इसके प्रभाव से गर्भ संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है, तुला व वृषभ राशि के जातकों को तेरह मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिये।
चौदह मुखी रुद्राक्ष :
चौदह मुखी रुद्राक्ष को भी भगवान शिव जी का स्वरूप् माना गया है इसको धारण करने से आत्मविश्वास में वृद्धि एवं भूत- प्रेत व नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, मकर व कुम्भ राशि के जातकों को ये अवश्य धारण करना चाहिए।