मोती पहनने से गुस्से पर होता है कंट्रोल, ऐसे चमकती है बिगड़ी किस्मत
By: Future Point | 27-Mar-2020
Views : 5763
मोती एक प्राणिज रत्न है| समुद्र में एक विशेष प्रकार का किट पाया जाता है, जिसे घोंघा कहते हैं| यह घोंघा नामक जीव सीप के अंदर रहता है| वस्तुतः सीप एक प्रकार से घोंघे का घर होता है| मोती के विषय में कहा जाता है| कि स्वाति नक्षत्र में टपकने वाली बून्द जब घोंघे के खुले हुए मुँह में पड़ती है| तब मोती का जन्म होता है| लेकिन सभी समुद्री सीपों में मोती उत्पन्न करने कि क्षमता नहीं होती है, और यह कुछ विशेष समुद्री तटों खाड़ियों से प्राप्त होते हैं| मोती चन्द्रमा का रत्न है, कभी कभी विशेष रूप से औषधि के रूप में भी इसका प्रयोग होता है, चन्द्रमा की तरह उसका रत्न भी शांत, सुन्दर और शीतल होता है| इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर के रसायनों पर पड़ता है, मोती का प्रभाव कभी तेज नहीं होता, यह धीरे-धीरे और सूक्ष्म असर डालता है इसलिए लोगों को लगता है कि मोती कभी नुकसान नहीं कर सकता जबकि मोती धीरे धीरे काफी नुकसान पहुंचा सकता है|
मोती कर्क लग्न का आजीवन रत्न है, यह रत्न चन्द्रमा की शांति एवम चन्द्रमा को बलवान बनाने के लिए धारण किया जाता है किसी व्यक्ति की कुंडली में चन्द्र बलिष्ठ व कमजोर हो सकता है। मानसागरी के मतानुसार चन्द्रमा को रानी भी कहा गया है। बलिष्ठ चन्द्रमा से व्यकि को राज कृपा मिलती है, उसके राजकीय कार्यो में सफलता मिलती है, मन को हर्षित करता है, विभिन्न प्रकार की चिन्ताओ से मुक्त करता है| वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा को ब्रह्मांड का मन कहा गया है, हमारे शरीर में भी चंद्रमा हमारे मन व मस्तिष्क का कारक है, विचारों की स्थिरता का प्रतीक है| मन ही मनुष्य का सबसे बड़ा दोस्त या दुश्मन है|माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से भरपूर मोती रत्न पहनने से आप लक्ष्मी को अपने द्वार पर आमंत्रित करेंगे। अगर आप की कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर है, तो उस को प्रबल बनाने में आप की मदद करेगा। इस के अलावा अनिद्रा व मधुमेह को नियंत्रण में लाने में भी यह मदद करता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार मोती रत्न आप की याददाश्त को बल देता है। आप के मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है, और आपके वैवाहिक जीवन को सफल व सुंदर बनाता है। दमकता रत्न मोती हर किसी को पसंद आता है। इसकी गुलाबी आभा न सिर्फ आकर्षण प्रदान करती है बल्कि जीवन की कई विकट समस्याओं को दूर करने का भी काम करती है। मोती एक ऐसा रत्न है, जो अमृत का काम करता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी बाधा हो उसे दूर करता है। मोती आपकी हर इच्छा पूरी करने की क्षमता रखता है।
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मोती रत्न किसे धारण करना चाहिए-
कुंडली में चंद्रमा क्षीण होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है मगर हर लग्न के लिए यह सही नहीं है। ऐसे लग्न जिनमें चंद्रमा शुभ स्थानों अर्थात केंद्र, त्रिकोण का स्वामी होकर निर्बल हो,ऐसे में ही मोती पहनना लाभदायक होता है। अन्यथा मोती भयानक डिप्रेशन, निराशावाद और आत्महत्या तक का कारण बन सकता है। सामान्य तोर पर लोग मोती रत्न पहन लेते हैं, जब उनसे पूछा जाता है कि यह रत्न आपने क्यों पहना, तो उन लोगो का जबाब होता है की मुझे गुस्सा बहुत आता है , गुस्सा शांत रहे इसलिए पहना है यह बिलकुल गलत है| मोती रत्न चन्द्रमा ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, और यह ग्रह आपकी जन्मकुंडली में शुभ भी हो सक्ता है और अशुभ भी, यदि चंद्रमा शुभ ग्रहों के साथ शुभ ग्रहों की राशि में और शुभ भाव में बैठा होगा तो निश्चित ही मोती रत्न आपको फायदा पहुचाएगा| इसके विपरीत अशुभ ग्रहों के साथ होने से शत्रु ग्रहों के साथ होने से मोती नुकसान भी पंहुचा सकता है|
उदाहरण के लिए मोती रत्न को यदि मीन लग्न का जातक धारण करे, तो उसे लाभ प्राप्त होगा। कारण मीन लग्न में पंचम भाव का स्वामी चंद्र होता है। पंचमेश चंद्र, लग्नेश गुरु का मित्र है। पंचम भाव शुभ भाव है, जिसके परिणामस्वरूप वह मानसिक शांति, विद्या सुख, गृह सुख, मातृ सुख आदि में लाभकारी होगा। यदि मीन लग्न का जातक मोती के साथ पुखराज धारण करे, तो लाभ में वृद्धि होगी। मोती धारण करने से व्यक्ति में सौम्यता व शीतलता का उदय होता है, मन एकाग्र होता है ओवर थिंकिंग, नेगेटिव थिंकिंग, मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं में मोती धारण करने से लाभ होता है, इसके अलावा लंग्स से जुडी समस्या, अस्थमा, माइग्रेन, शीत रोग तथा मानसिक रोगों में भी मोती धारण करने से लाभ होता है तथा मानसिक अस्थिरता से व्यक्ति एकाग्रता की ओर बढ़ने लगता है सूक्ष्म रूप में कहा जाये तो मोती धारण करने से पीड़ित या कमजोर चन्द्रमाँ के सभी दुष्प्रभावों में लाभ व सकारात्मक परिवर्तन होता है।
मोती की पहचान-
- असली मोती हाथ में लेने पर भरी नहीं प्रतीत होता है|
- असली मोती को देखने मात्र से आँखों को शीतलता का आभास होता है|
- असली मोती की ऊपरी परत कठोर नहीं होती उसे आसानी से खुरचा जा सकता है|
- असली मोती को वस्त्र पर रगड़ने से मोती चमक कम होने के बजाय अधिक बढ़ जाती है|
कैसे धारण करें मोती-
मोती को चांदी की अंगूठी में कनिष्ठा अंगुली में शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात्रि को धारण करते हैं। और इसे पूर्णिमा के दिन भी धारण करना शुभ होता है। इसे गंगाजल से धोकर, भोलेनाथ को अर्पित करने के बाद ही धारण करें। मोती रत्न की अंगुठी चांदी में बनवाकर पुरुष सीधे हाथ की कनिष्ठा अंगुली में धारण करें और महिलाओं को लेफ्ट की कनिष्ठा अंगुली में इसे धारण करना चाहिए। लेकिन जो महिलाएं जॉव करती हैं वह सीधे हाथ की कनिष्ठा अंगुली में ही धारण करें, मोती रत्न चन्द्रमा के लिए पहनते हैं। इसे पहनने से गुस्सा कम आता है और बुरे सपनों से छुटकारा मिलता है।
मोती पहनने के लाभ-
- मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण करना लाभदायक है जबकि सिंह, तुला और धनु लग्न वालों को विशेष दशाओं में ही मोती धारण करने की सलाह दी जाती है। इसके पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि गोल आकार का मोती उत्तम प्रकार का होता है। गोल आकार का पीले रंग का मोती हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता विद्वान होता है।
- मोती चंद्रमा का रत्न है। यह मन और दिमाग को शांत रखता है। मोती पहनने से तनाव भी दूर होता है।
- मोती आकार में लंबा तथा गोल हो एवं उसके मध्य भाग में आकाश के रंग जैसा वलयाकार, अर्द्ध चंद्राकार चिह्न हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता को उत्तम पुत्र की प्राप्ति होती है।
- मोती कभी भी हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता। यह हमारे दिमाग को शांत रखता है। यह प्राकृतिक रूप से सीपों द्वारा बनता है।
- मोती यदि आकार में एक ओर अणीदार हो तथा दूसरी ओर से चपटा हो तथा उसका रंग सहज आकाश के रंग की तरह हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता के धन में वृद्धि होती है।
- धन संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए मोती को पहना जाता है। इससे आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है।
- यह मन को शांत करता है, तनाव को घटा देता है|
- हृदय रोग और आंखों के लिए भी मोती धारण किया जाता है। मोती पहनने से कई शारीरिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
- मोती पहनने से नींद अच्छी आती है।
मोती पहनने के नुकसान-
- अत्यधिक भावुक लोगों और क्रोधी लोगों को मोती नहीं पहनना चाहिए।
- वृष, मिथुन, कन्या, मकर और कुम्भ लग्न के लिए मोती धारण करना नुकसानदायक है।
- यह भी कहा गया है कि शुक्र, बुध, शनि की राशियों वालों को भी मोती धारण नहीं करना चाहिए।
- कहते हैं कि मोती के साथ हीरा, पन्ना, नीलम और गोमेद धारण करने से नुकसान होता है। मोती के साथ पीला पुखराज और मूंगा ही धारण कर सकते हैं।
- यदि आपका मन अशांत है या कुंडली में चंद्रमा क्षीण है तो मोदी पहनने की सलाह दी जाती है। लेकिन यदि आपकी प्रकृति शीत वाली है तो मोती पहनने से नुकसान हो सकता है।
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