मघा नक्षत्र में जन्में जातक स्वभाव की दृष्टि से होते हैं कुछ खाश ? | Future Point

मघा नक्षत्र में जन्में जातक स्वभाव की दृष्टि से होते हैं कुछ खाश ?

By: Future Point | 15-Jan-2021
Views : 6785मघा नक्षत्र में जन्में जातक स्वभाव की दृष्टि से होते हैं कुछ खाश ?

नक्षत्र मण्डल में मघा नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से दशवें स्थान पर आता है। इस नक्षत्र के देवता पितृ अर्थात पूर्वज हैं। मघा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह शाही सिहांसन है, मघा नक्षत्र के चारों चरण सिंह राशि में आते हैं। इस नक्षत्र का स्वामी केतु है। राशि स्वामी सूर्य है। मघा नक्षत्र में जन्में जातक अधिक जिद्दी स्वभाव के तथा मध्यम कदकाठी के होते हैं। 

आपकी वाणी थोड़ी कर्कश एवं गर्दन थोड़ी मोटी होती है। मघा नक्षत्र में जन्म लेने वालों की आँखें विशेष चमक लिए हुए होती हैं। चेहरा शेर के समान भरा हुआ एवं रौबीला होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः अपने पौरुष और पुरुषार्थ के प्रदर्शन के लिए सदा ललायत रहते हैं। मघा नक्षत्र के जातकों को अपने रौबिलेपन को बढाने के लिए शानदार मूंछे रखने का शौक होता है। 

इनसे आदेशात्मक दृष्टि से कार्य नहीं निकाला जा सकता है। इन्हें प्रेम से कहा जाए तो ये हर कार्य कर सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्में जातकों पर सूर्य व केतु के साथ-साथ लग्नानुसार प्रभाव होता है। मघा नक्षत्र में जन्में लोग प्रमुख, नेतृत्व करने वाले, प्रभावशाली, मनोरंजक, उदार, कुलीन, उत्तम प्रवृति के होते हैं। यह लोग अमीर, पहाड़ों के शौकीन, व्यापारी, इन्हें स्त्रियों से अधिक लगाव नहीं होता है। यह बहुत नौकर रखने वाले, भोगी, पिता के भक्त, उद्यमी, सेनापति राज्याश्रित या प्रशासक होते हैं।

फ्यूचर पॉइंट पर इंडिया के बेस्ट एसट्रोलॉजर्स की गाइडेंस आपकी मदद कर सकती है। परामर्श करने के लिये लिंक पर क्लिक करें 

मघा नक्षत्र के चरणों का फल-

प्रथम चरण- जातक मंजरी या नीली आंख वाला, एक समय मे विभिन्न इकाइयों की देखरेख करने वाला, सामाजिक कार्यों में व्यस्त, नौकरी में ईश्वर के सामान पूज्य, दमदार बातों के कारण अधिकारीयों में सम्मानी होता है। स्त्री जातक वफादार, चरित्रवान, गर्भाशय रोगी होती है।

द्वितीय चरण - जातक विद्वानों में मान्य, ईश्वर और पितर पूजक, गर्वीला, सभ्रान्तवादी, सम्मानीय, धनवान, सम्पदा और वैभव युक्त होगा। जातक की पत्नी विश्वसनीय, वफादार, समाज सेविका होगी। जातक की स्त्रियों में अधिक रूचि नहीं होती, 28 वर्ष तक कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है, बाद में बदलाव आकर सफलता मिलेगी। यदि शनि से युति हो और मंगल की इन पर दृष्टि हो, तो मिर्गी रोग हो सकता है।

तृतीय चरण -  जातक सुन्दर, प्रसन्नचित्त, गरिमायुक्त, अभिमानी किन्तु मिलनसार, उद्यमी, चल-अचल संपत्ति की प्रचुरता वाला, दयालु होता है।

चतुर्थ चरण - जातक सौम्य, विनम्र, पूर्वजों का पूजक, मातृ-पितृ भक्त, वंश वृद्धि करने वाला, शत्रुओं का दमनकारी, राजनीतिज्ञ, परम्परावादी, और रहस्यमय होता है। उसकी कीर्ति चन्द्रमा के सामान घटने-बढ़ने वाली होती है।

व्यवसाय:- सुरक्षा विभाग, शल्य चिकित्सा, रसायन और औषधि निर्माण, सरकारी सेवा आदि में अधिक सफल होते हैं।

अपनी कुंडली में सभी दोष की जानकारी पाएं कम्पलीट दोष रिपोर्ट में

मघा नक्षत्र में जन्में जातकों का स्वभाव-

मघा नक्षत्रो के जातकों के शरीर में भराव होता है। अधिकतर मांसल शरीर और ठुड्डी भी मांसल व भारी होती है। पेट के दोनों पार्श्वभाग में भी थुलथुल पन होता है।  जातक सहनशील, कुशल वक्ता, लेकिन क्रोधी स्वभाव का होता है।

ज्योतिष विशेषज्ञों की दृष्टि में जो व्यक्ति मघा नक्षत्र में जन्म लेते हैं वे प्रभावशाली होते हैं। ये जहां भी रहते हैं अपना दबदबा बनाकर रखते हैं इस नक्षत्र के जातक समझदार होते हैं परंतु क्रोधी भी बहुत होते हैं ये छोटी छोटी बातों पर नाराज़ हो जाते हैं। ये उर्जावान और कर्मठ होते हैं जिस काम का जिम्मा लेते हैं उसे जल्दी से जल्दी पूरा करने की कोशिश करते हैं। इनका दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक रहता है।

मघा नक्षत्र के जातकों के विषय में यह कहा जाता है कि ये कभी कभी ऐसा कार्य कर जाते हैं जिससे देखने वाले अचम्भित रह जाते हैं। इनमें स्वाभिमान की भावना प्रबल रहती है, अपने स्वाभिमान के साथ ये कभी समझौता नहीं करते। अपने मान-सम्मान को बनाए रखने के लिए ये हर संभव प्रयास करते हैं और सोच विचार कर कार्य करते हैं।

देवों और पितरों का पूजन तथा यज्ञादि कर्मो में इनकी रूचि होती है। दान-पुण्य में इनकी गति रहती है, इसलिए तेजश्विता इनके व्यक्तित्व का अंग होती है।

इस नक्षत्र में उत्पन्न हुए लोगों का अपने वंश के साथ एक मजबूत संबंध होता है तथा प्रायः वे अपनी संतान के प्रति भव्य उम्मीदें रखते हैं। उनमें परंपरा व संस्कारों के गुण-दोषों की विवेचना करने की प्रवृति होती है। इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों में अपनी परंपरा को लेकर गर्व होता है तथा वे अपनी परंपराओं से जुड़े रहते हैं।

मघा नक्षत्र में जन्में जातक सरकार और सरकारी तंत्र से निकट सम्बन्ध बनाकर रखते हैं तथा समाज में भी उच्च वर्ग के लोगों से अच्छे सम्बन्ध बनाए रखते हैं। इन सम्बन्धों के कारण इन्हें काफी लाभ भी मिलता है। ये पूर्ण सांसारिक सुखों का उपभोग करने वाले होते हैं। धन सम्पत्ति के मामले में ये काफी समझदारी और अक्लमंदी दिखाते है। आर्थिक लाभ का जब मामला होता है तब उसमें पूरी क्षमता लगा देते हैं फलत: सफलता इनके कदमों में होती है।

मघा नक्षत्र के जातक थोड़े अभिमानी स्वभाव के होते हैं और इसीलिए किसी की छोटी से छोटी बात पर भी शीघ्र ही नाराज़ भी हो जाते हैं। नाराज़गी में सामने वाले को नीचा दिखाने के लिए अपनी बलशाली शक्ति और मर्दानगी का दुरूपयोग करने से भी नहीं हिचकिचाते।

इनके पास धन-सम्पत्ति अच्छी होती है। नौकरों का विशेष सुख प्राप्त होता है। सांसारिक सुखों के प्रति आकर्षण होता है। 

इनका आर्थिक व सामाजिक स्तर अच्छा होने से बहुत से मित्र और शत्रु होते हैं। धन, जन का सुख उत्तम होता है। माता के साथ यज्ञादि कर्म और पितृ कार्य संपन्न करता है। पिता का सुख अल्प होता है। जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला, पत्नी तुनक मिजाजी की, यह कठोर हृदय वाला होता है।

मघा नक्षत्र में जन्म लेने वालों की आँखें विशेष चमक लिए हुए होती हैं. चेहरा शेर के समान भरा हुआ एवं रौबदार होता है, इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति प्रायः अपने पौरुष और परुशार्थ के प्रदर्शन के लिए सदा ललायत रहते हैं।

मघा नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति परम तेजस्वी होता है। ये जातक अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। देवताओं और पितरों को पूजे बिना कोई कार्य आरम्भ नहीं करते हैं।

इस नक्षत्र के जातकों के बहुत अधिक मित्र नहीं होते हैं, लेकिन जो भी मित्र होते हैं, उनसे अच्छी मित्रता और प्रेम रखते हैं। कार्य क्षेत्र में ये स्थायित्व को पसंद करते हैं अर्थात स्थिर कार्य करना पसंद करते हैं। बार-बार काम में बदलाव लाना इन्हें पसंद नहीं होता।

मघा नक्षत्र में जन्मी कन्याएं बहुमूल्य पकवान बनाना पसंद करती हैं। स्वादिष्ट पकवान एवं  सुंदर और आकर्षक वस्त्रों की शौक़ीन  मघा नक्षत्र की महिलाएं हर प्रकार के सुख-सुविधा का भोग करती हैं। माता-पिता और बड़ों का आदर सम्मान प्राकृतिक रूप से आपके व्यवहार में ही होता है। ईश्वर भक्ति में अधिक रूचि रखती हैं।

इस नक्षत्र में जन्मी कन्या मुँहफट, स्पष्टवादी, जल्द मान जाने वाली, निर्भीक, साहसी, स्वार्थी, उच्चाभिलाषी, उच्चस्तर की आजीविका पसंद करने वाली, विशिष्ट पदों पर पहुँचने वाली, गुप्त कार्यों में रुचि रखने वाली भी होती हैं। कुछ एक लड़कियाँ खेल जगत में भी देखी जा सकती हैं।

मघा नक्षत्र में जन्मी कन्याएं बहुमूल्य पकवान बनाना पसंद करती हैं। स्वादिष्ट पकवान एवं सुंदर और आकर्षक वस्त्रों की शौक़ीन मघा नक्षत्र की महिलाएं हर प्रकार के सुख सुविधा का भोग करती हैं। माता पिता और बड़ों का आदर सम्मान प्राकृतिक रूप से आपके व्यवहार में ही होता है. ईश्वर और पितरों से डरने वाली होती है। 

शिक्षा के क्षेत्र में यदि चंद्रमा के साथ गुरु की युति हो तो इस नक्षत्र में जन्मी महिला ऐशोआराम का जीवन जीने वाली, डॉक्टर, वकील या प्रशासनिक सेवाओं में भी होती हैं। इनका विवाह उच्च घर में होता है। यदि सूर्य नीच का हो व शनि-केतु के नक्षत्र में हों तो उनका पारिवारिक जीवन नष्ट हो जाता है या तनावपूर्ण बना रहता है।