भारत और डोनाल्ड ट्रंप का भविष्य 2018 के लिए
By: Dr. Arun Bansal | 21-Dec-2017
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भारत का भविष्य 2018 के लिए
भारत देश की जन्म कुंडली वृषभ लग्न, कर्क राशि की है। वर्तमान में चंद्र महादशा में राहु की अंतर्दशा चल रही है। गोचर पर पर नजर डालें तो शनि आठवें भाव, गुरु छठे और राहु तीसरे भाव पर गोचरस्थ है। नवमेश, दशमेश शनि का अष्ठम पर गोचर अचानक कार्यकारी नीतियों, कानूनों में बदलाव का संकेत दे रहा है। धर्म गुरुओं, धर्म स्थलों से जुड़े कुछ बड़े फैसले सामने आएंगे। यहाँ तक कि धर्म स्थल निर्माण से संबंधित ऐतिहासिक फैसले भी होंगे। प्राचीन धरोहरों, संस्कृति, धर्म और अध्यात्म से जुड़ी सम्पत्तियों, गौरव पर ध्यान केंद्रित रहेगा। छठे भाव का गुरु ऋण दर, आर्थिक व वित्तीय नीतियों के संदर्भ में लिए गए फैसलों पर पुनर्विचार कराएगा। अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर पहले से अधिक समर्थन प्राप्त होगा। संक्षेप में 2018 भारत के कानूनी व्यवस्था और ऋण व्यवस्था के लिए प्रगतिकारक साबित होगा।
डोनाल्ड ट्रंप का भविष्य 2018 के लिए
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्म 14 जून 1946 को न्यूयॉर्क के जमैका में सुबह 10ः54 मिनट पर हुआ। ट्रंप की जन्मकुंडली सिंह लग्न, वृश्चिक राशि की है। वर्तमान में इनपर बृहस्पति की महादशा चल रही है और अंतर्दशा में भी बृहस्पति ही हैं। सिंह लग्न इन्हें किसी की भी सत्ता स्वीकार न करने, अचानक लंबी छलांग लगाने की क्षमता, शातिर दिमाग वाला, काफी आक्रामक और तेज-तर्रार बना रहा है। वर्तमान समय में अमेरिका और नार्थ कोरिया के मध्य तनातनी का माहौल बना हुआ है। दोनों ही तरफ से युद्ध की आशंका को बढ़ावा देने वाले वक्तव्य प्रतिदिन आ रहे हैं। दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रुप में प्रतिनिधित्व करते हुए ट्रंप के लिए यह स्थिति बहुत बड़ी चुनौती है। शनि साढ़ेसाती के अंतिम चरण से गुजर रहे हैं, जनवरी 2017 में शनि का धनु राशि में जाना इनके राजनैतिक जीवन के लिए प्रगतिकारक साबित हुआ है। गुरु इनके तीसरे भाव पर गोचर कर भाग्य भाव, उन्नति और सफलता (आय) भाव को देख प्रबल कर रहे हैं। गुरु की दशा इन्हें विचार शक्ति प्रदान करती रहेंगी और नार्थ कोरिया के किसी भी उकसावे में न आकर ये अत्यंत विचारशील निर्णय लेंगे जिससे इनकी ख्याति प्राप्त होगी एवं अपने देश में प्रिय नेता के रूप में उभरेंगे। वर्ष का प्रारंभ अनेक ग्रहों के साथ में रहने के कारण प्राकृतिक एवं मानविक आपदाओं से ग्रसित रहेगा, लेकिन वर्ष के मध्य के पश्चात विश्व शांति की ओर अग्रसर होगा।