हज़ार मुसीबतों का एक उपाय है : कनकधारा यंत्र
By: Future Point | 22-Sep-2018
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आज के युग में हर कोई धनवान बनना चाहता है। कोई इसके लिए परिश्रम करता है तो कोई गलत मार्ग से धन कमाने में लग जाता है। किंतु कई बार इंसान को बहुत प्रयास करने के बावजूद भी धन की प्राप्ति नहीं हो पाती है या उसके बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं। प्रयासों में विफलता मिलने का अर्थ है जीवन में निराशा का आना है और ऐसा जीवन मृत्यु के समान लगने लगता है।
अगर आपके साथ भी ऐसी कोई समस्या है या आप भी अपनी जिंदगी में ऐसी परिस्थिति से जूझ रहे हैं तो इस परेशानी से मुक्ति दिलाने में ज्योतिषीय उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार तंत्र, यंत्र और मंत्र की साधना से आप वो सब पा सकते हैं जिसके अब तक आप बस सपने ही देखते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे यंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी उपासना से आपके जीवन की सारी धन संबंधित परेशानियां दूर हो जाएंगी।
कनकधारा यंत्र
जी हां, हम जिस ज्योतिषीय उपाय की बात कर रहे हैं वो है कनकधारा यंत्र। इस यंत्र की उपासना से आपको भी अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है। इस यंत्र को ‘स्वर्ण की वर्षा’ भी कहा जाता है क्योंकि इसे लेकर मान्यता है कि इस यंत्र पर स्वयं मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
कनकधारा यंत्र के लाभ
ज्योतिषशास्त्र का ये चमत्कारिक उपाय आपके जीवन से धन की कमी को दूर उसे संपन्नता से भर सकता है। इससे आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि का आगमन होगा। केवल आर्थिक संपन्नता ही नहीं बल्कि इस यंत्र से आप अपने व्यापार में भी वृद्धि पा सकते हैं।
इस यंत्र की उपासना करने वाले व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है और उसे जीवन के सभी भौतिक सुख प्राप्त होते हैं। कर्ज में दबे लोगों को इस यंत्र की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
कब करें प्रयोग
धन प्राप्ति की कामना है कि तो रवि या गुरु पुष्य नक्षत्र या किसी शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की तस्वीर के सामने कनकधारा यंत्र की स्थापना करें।
अभिमंत्रित यंत्र ही देता है लाभ
अगर आप कहीं से भी इस यंत्र को प्राप्त कर अपने घर में इसकी स्थापना कर लेते हैं तो एक बात जान लें कि ये इस तरह आपको कोई लाभ नहीं देगा। इस तरह का कोई भी ज्योतिषीय उपाय या यंत्र तभी लाभ देता है जब उसे उसके मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित किया जाए। अपने घर या दुकान में कनकधारा स्रोत को स्थापित करने से पूर्व 108 बार इस मंत्र से इसे अभिमंत्रित जरूर कर लें :
ऊं वं श्रीं वं ऐं लीं क्लीं कनकधारयै स्वाहा।।
कनकधारा यंत्र की पूजन विधि
सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के पश्चात् कनकधारा यंत्र की स्थापना की तैयारी करें। पूजन स्थल में आसन बिछाकर बैठ जाएं और अपने घर के पूजन स्थल में लाल रंग के वस्त्र पर ही कनकधारा यंत्र को स्थापित करना है। इस पर गंगाजल और दूध छिड़कें। आप चाहें तो कनकधारा यंत्र को अपनी तिजोरी, अलमारी या दुकान आदि में भी रख सकते हैं। पंचामृत, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से कनकधारा यंत्र को स्नान करवाएं।
अब लाल चंदन, लाल रंग के पुष्प, रोली और अक्षत से कनकधारा यंत्र की पूजा करें और उस पर लाल रंग की चुनरी चढाएं। इसके पश्चात् धूप, दीप से श्रीयंत्र की आरती करें। लक्ष्मी मंत्र, श्रीसूक्त, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और भोग लगाएं। पूरी श्रद्धा से पूजन करें और कनकधारा यंत्र की स्थापना करें। स्थापना के बाद आपको नियमित कनकधारा यंत्र की पूजा करनी है।
अभिमंत्रित कनकधारा यंत्र के लाभ
- अगर आप कर्ज में दबे हैं और इस वजह से आपका जीवन बर्बाद हो रहा है तो आप अभिमंत्रित कनकधारा यंत्र की उपासना से कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं।
- संपन्नता और समृद्धि पाने की चाहत रखते हैं तो आपकी इस कामना को कनकधारा यंत्र पूर्ण कर सकता है।
- आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए ये यंत्र बहुत लाभकारी माना जाता है।
- समाज में मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
- भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए भी इस यंत्र की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी से संबंधित होने के कारण इस यंत्र की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
आपके जीवन की सभी समस्याओं को ये कनकधारा यंत्र दूर कर सकता है। धन की कमी हो या कार्यों में सफलता ना मिल पा रही है या बार-बार प्रयास करने भी विफलता मिल रही है या व्यापार एवं करियर में परेशानियां आ रही हैं, इन सभी समस्याओं का एकमात्र हल है कनकधारा यंत्र।