Hariyali Teez 2022 - किस दिन है हरियाली तीज 2022 में, जानिए तारीख व मुहूर्त?
By: Future Point | 07-Aug-2000
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श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन को हरियाली तीज मनाई जाती है। सावन या श्रावण मास में आने की वजह से इसे श्रावणी तीज भी कहा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ता है। तीज त्योहार महिलाओं और संतान पैदा करने की उनकी भावना का अभिनंदन करने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार मॉनसून के समय आता है जिस दौरान पूरी धरती हरी-भरी रहती है और मिट्टी की मीठी सुगंध मन को सराबोर कर रही होती है। इस त्योहार पर महिलाएं झूला डालकर झूला झूलती हैं।
देशभर के कोने-कोने और कई हिस्सों में तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस अवसर पर सांस्कृतिक मेलों और जुलूसों का आयोजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं मां पार्वती का आशीर्वाद लेती हैं। विवाहित महिलाओं की जिंदगी में हरियाली तीज का बहुत महत्व होता है क्योंकि यह पर्व उनकी फर्टिलिटी, सौंदर्य, आपसी प्रेम और आकर्षण को दर्शाता है। इस पर्व से मां पार्वती और भगवान शिव के प्रेम का उल्लेख जुड़ा हुआ है।
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हरियाली तीज कब है (When is Hariyali Teej 2022)
साल 2022 में 31 अगस्त यानि रविवार के दिन हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाएगा। हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त है :
तृतीया तिथि प्रारंभ : 31 जुलाई को सुबह 2 बजकर 29 मिनट से
तृतीया तिथि समापन : 1 अगस्त को सुबह 4 बजकर 18 मिनट पर
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हरियाली तीज का ज्योतिषीय महत्व (Astrological Significance of Hariyali Teej 2022)
शास्त्रों के अनुसार, यह दिन भक्तों के जीवन में अच्छे स्वास्थ्य और खुशियों की शुरूआत करने वाला माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति के लिए उत्तम स्वास्थ्य और संपत्ति की कामना करने के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित महिलाएं अच्छे वर के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद लेती हैं, जो उन्हें उतना ही प्यार करे, जितना कि भगवान शिव अपनी पत्नी मां पार्वती से करते हैं। भाद्रपद शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। तीज का अर्थ ज्योतिषीय रूप से और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इस नक्षत्र के दौरान भगवान शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था और संसार में संतुलन और व्यवस्था की स्थापना की थी।
हरियाली तीज से जुड़े रिवाज (Rituals related to Hariyali Teej 2022)
नवविवाहित स्त्रियों के लिए हरियाली तीज का त्योहार बहुत महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पीहर या मायके जाकर इस त्योहार को मनाती हैं।
हरियाली तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। सिंजारे में ससुराल से महिला के लिए उपहार स्वरूप कपड़े, ज्वेलरी, कॉस्मेटिक, मेहंगी और मिठाई आती है।
इस दिन लड़कियों की हथेली पर मेहंदी लगाने का बहुत महत्व है। पैरों में आल्ता लगाना पवित्र एवं प्रेमपूर्ण वैवाहिक बंधन का प्रतीक है।
हरियाली तीज पर महिलाएं अपनी सास के पैर छूती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं और उन्हें कोई उपहार देती हैं। यदि किसी की सास नहीं है या दूर है, तो ननद के साथ भी यह रस्म की जा सकती है।
इस त्योहार पर महिलाएं पूरा साज-श्रृंगार करती हैं और मां पार्वती का पूजन करती ळैं।
आज के दिन झूला लगाकर महिलाएं झूला झूलती हैं और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेती हैं। इस दौरान लोक गीत गाने की भी प्रथा है।
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हरियाली तीज पूजन विधि (Hariyali Teej 2022 Puja Vidhi)
हरियाली तीज का व्रत बहुत कठिन माना जाता है। भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन महिलाओं को बहुत सावधानी से रहना होता है। हरियाली तीज की पूजन विधि इस प्रकार है :
- हरियाली तीज पर सुबह जल्दी या ब्रह्म मुहूर्त पर उठें। इसके बाद स्नान करें और हरे रंग के कपड़े पहनें।
- अब पूजन स्थल को साफ करें और चौकी लगाकर उस पर गंगाजल छिड़कें। चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं।
- अब ऑर्गेनिक मिट्टी से मां पार्वती, भगवान शिव और उनके पुत्र गणेश जी की मूर्ति बनाना शुरू करें। यदि संभव ना हो तो आप धातु की मूर्तियां भी रख सकते हैं।
- चौकी पर मूर्तियों को स्थापित करें और इनके आगे घी या तेल का दीया जलाएं।
- पूजा के आरंभ में भगवान गणेश का स्मरण करें। अब अक्षत चढ़ाएं और तांबे के कलश पर कलावा बांधकर, उसे स्थापित करें।
- कलश पर सुपारी, पान, कुमकुम, हल्दी और गंगाजल चढ़ाएं।
- कलश पर आम की पत्तियां भी लगा सकते हैं। इसके बाद कलश के ऊपर नारियल रखना है।
- इसके बाद पूजा का संकल्प लें और मूर्तियों पर गंगाजल छिड़कें।
- भगवान शिव को धतूरा, चंदल और सफेद फूल चढ़ाएं एवं मां पार्वती को सफेद रंग के फूल अर्पित करें।
- इसके बाद देवी को सुहाग सामग्री चढ़ाएं जिसमें सिंदूर, कुमकुम, मेहंगी, काजल, हल्दी, आटा, चूडियां और लाल चुनरी आदि हों।
- अब भगवान को प्रसाद या नैवेद्यम चढ़ाएं।
- इसके बाद धूप-दीप दें और हरियाली तीज की कथा पढ़ना या सुनना शुरू करें।
- आखिर में हरियाली तीज की आरती करें और पूजा का समापन करें।
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हरियाली तीज 2022 पर इन चीजों से दूर रहें
श्रावणी तीज पर महिलाओं को यहां बताए गए तीन काम करने से बचना चाहिए :
- पति के साथ धोखा
- झूठ बोलना और दुर्व्यवहार करना।
- दूसरों से झगड़ा करना या किसी को परेशान करना।
शास्त्रों के अनुसार हरियाली तीज 2022
हिंदू धर्म में इस त्योहार को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। देवी पार्वती और भगवान शिव के मिलन के पवित्र अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार दिव्य युगल के बीच प्रेम और अटूट बंधन का प्रतीक है। किवदंती है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने 108 सालों तक तपस्या की थी और श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ही भगवान शिव ने उनका प्रेम स्वीकार किया था। तभी इस पावन दिन को विवाहित महिलाओं के लिए बहुत पवित्र माना जाता है। यह पर्व विवाहित जोड़ों के लिए अपने रिश्ते को मजबूत करने और प्रेम को बढ़ाने का प्रतीक है।
तीज पर हरे रंग का महत्व
वेदों और शास्त्रों में हरे रंग को शांति का प्रतीक माना गया है। यह रंग प्रकृति का भी रंग है। हरियाली से मतलब है मॉनसून में हर तरफ हरा-भरा वातावरण दिखना। वहीं हरा रंग विवाह से भी संबंधित है। हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग की साड़ी और चूडियां पहनती हैं और हाथों मे मेहंदी लगाती हैं और पूरा दिन उपवास रखती हैं। कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना से इस व्रत को रख सकती हैं।
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