गुस्सा कम करना चाहते है तो करें - आज ही ये उपाय
By: Acharya Rekha Kalpdev | 19-Jan-2024
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भागदौड भरी आज की दुनिया में, क्रोध और आवेश सभी की जिंदगी का हिस्सा हो गया है। हर दूसरा व्यक्ति अपने गुस्से से परेशान है। क्रोध और आवेश भी एक तरह का रोग है। और रोग कोई भी शरीर की हानि ही करता है। गुस्सा तो तन, मन और आत्मा तीनों को हानि पहुंचाता है। हम सब जानते है की गुस्से पर नियंत्रण न कर पाने के कारण हम अपने तन, मन और छवि के साथ साथ रिश्ते - नाते और धन तक की हानि करते है। इस संसार में रिश्ते टूटने का मुख्य कारण क्रोध है और क्रोध में बोली गई बातें है। गुस्सा आने पर हम जो भी व्यवहार करते है वह न केवल हमें हानि पहुँचता है बल्कि उससे हम दूसरों का भी अहित करते है। गुस्से के फलस्वरूप हम जो भी कुछ खो देते है, उसकी भरपाई हम सारी जिंदगी नहीं कर पाते हैं। हर व्यक्ति को अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने का प्रयास करना चाहिए।
गुस्सा जब भी आता है, कुछ न कुछ नुकसान करके ही जाता है। इसलिए जहाँ तक संभव हो, हर व्यक्ति को गुस्से का समाधान करना चाहिए। अगर आप भी अपने गुस्से से परेशान है तो आपको पहले अपनी कुंडली / Kundali किसी योग्य ज्योतिषी को दिखा कर, क्रोध का कारण जानना चाहिए, उसके बाद कुंडली के ग्रहों के अनुसार उपाय कर लाभ उठाना चाहिए। यहाँ हम आपको वैदिक ज्योतिष को ध्यान में रखते हुए, कुछ सरल ज्योतिषीय उपाय बताने जा रहे है। जिन्हें प्रयोग कर आप अपने गुस्से को कम कर सकते है।
जीवनचर्या में बदलाव से गुस्से को कम किया जा सकता है। जैसे -
- अधिक तीखा भोजन करने से बचना चाहिए।
- खट्टा और गैसीय भोजन करने से भी बचना चाहिए।
- अधिक तेज गर्ममसालों का सेवन करने से बचें।
- जहां तक हो सके, सात्विक भोजन का सेवन करें।
- धूम्रपान और नशा करने से बचे।
- लोम विलोम और प्राणायाम करने से भी क्रोध कम होता है।
- जिस बातों से तनाव बढे, उन बातों को अनदेखा करने से बचें।
- तनाव देने वाले विषयों पर प्रतिक्रया देने से बचे।
- विवादित विषयों पर शीघ्रता में जवाब न दें। बहुत सोच समझ कर, जवाब दें।
- प्रात: काल में हरी घास पर पैदल चलने की आदत डालें।
- स्नान करते समय सिर के मध्य में जल डालकर स्नान करें।
- क्रोध आने पर लम्बी साँसे लेकर छोड़े। ऐसा एक साथ 11 बार करें।
- तनाव आने पर आंख बंद कर, मन ही मन दस तक गिनती बोलें। यह क्रोध को कम करेगा।
ज्योतिषीय उपायों से गुस्से को करें -
ज्योतिष के अनुसार उपाय करने के लिए सबसे उत्तम उपाय है की अपनी कुंडली के अनुसार उपाय करें। कुंडली की जानकारी न होने पर सामान्य उपाय भी किये जा सकते हैं। इन उपायों से लाभ अवश्य होगा, परन्तु समय लग सकता है।
व्रत का पालन करें
अपने क्रोध और आवेश पर नियंत्रण रखने के लिए सप्ताह में किसी एक दिन के व्रत का पालन करें। व्रत करने से मन शांत रहता है और मन में विकार नहीं आते हैं। व्रत के प्रभाव से तन और मन दोनों संतुलित रहते हैं। और वार से सम्बंधित ग्रह की शांति भी होती है। जैसा की नियम है व्रत के दिन क्रोध और आवेश करने से बचना होता है, और लगातार व्रत करने वाले व्यक्ति में धीरे धीरे क्रोध आना स्वत कम हो जाता है। इसलिए जो व्यक्ति सप्ताह में एक बार व्रत का पालन करता है, उसका व्यवहार संतुलित हो जाता है।
मंत्र जाप से क्रोध में कमी
क्रोध और आवेश में कमी करने के लिए सबसे अचूक उपाय मंत्र जाप भी है। मंत्र जाप चिकित्सा पद्वति में भी आता है। मंत्र जाप करने से मानसिक विकारों को सहजता के साथ बिना साइड इफ़ेक्ट के दूर किया जा सकता है। मंत्र जाप से काम, क्रोध, मोह, माया चारों प्रकार के विकारों को समाप्त किया जा सकता है। शास्त्रों में ऐसा कहा कहा गया है की मंत्र जाप करने से मन संतुलित रहता है। और मंत्र जाप इन्द्रियों को नियंत्रित करने का कार्य करता हैं। इन्द्रियों पर नियंत्रण आने से मन भी नियंत्रित हो जाता है। इससे क्रोध और आवेश पर नियंत्रण आ जाता है।
दान से क्रोध को कम करें
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार दान धर्म करने से हमारे पुण्य कार्य बढ़ जाते है। दान करने से नवग्रहों की शुभता में वृद्धि होती है और अशुभता में कमी होती है। सनातन धर्म में दान करने से पुण्य प्राप्ति और मन की शांति के लिए अपने कुल पारिश्रमिक में से कुछ अंश प्रत्येक माह दान करने के लिए कहा गया है। दान का पुण्य मरने के बाद भी प्राप्त होता है। दान कार्य करने से मन को प्रसन्नता और आनंद की प्राप्ति होती है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने सामर्थ्य अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। दान करने के बाद किसी से इसकी चर्चा न करें। दान करने के बाद अहंकार या गर्व न करें। निस्वार्थ भाव से दान करने से उसके पुण्य का क्षय नहीं होता है। दुखी होकर कभी भी कोई भी दान न करें। कुपात्र को दान नहीं करना चाहिए।
रत्न धारण से क्रोध में कमी
अपनी जन्मपत्री के अनुसार शुभ रत्न धारण करने से भी क्रोध को कम किया जा सकता है। रत्न हमारे जीवन में चमत्कार करने की क्षमता रखते है। मंगल ग्रह का रत्न धारण करने से क्रोध कम होता है। और चंद्र रत्न मोती बड़े आकर का धारण करने से भी गुस्सा कम आता है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। मोती रत्न प्रसन्नता और ख़ुशी के लिए भी धारणा किया जाता है। रत्न हाथ में अंगूठी, गले में पेन्डेन्ट, और ब्रेसलेट के रूप में धारण करना चाहिए।
इत्र और परफ्यूम के प्रयोग से भी क्रोध में कमी
क्रोध में कमी करने नाभि में इत्र और परफ्यूम लगाना सरल और सहज उपाय कहा गया है। इत्र का प्रयोग गले, हाथ और कान के पीछे करने से भी मानसिक रोगों में कमी होती और क्रोध कम आता है। इत्र की खुशबू से मानसिक तरगें,शांत रहती है, एवं व्यक्ति व्यर्थ की प्रतिक्रया नहीं करता है। जो व्यक्ति इत्र का प्रयोग नियमित रूप से करते हैं, उन्हें अन्य लोगों की तुलना में सामान्यत: क्रोध कम आता है।
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अनुष्ठान और यज्ञ से क्रोध में कमी
क्रोध में कमी करने के लिए प्रतिदिन शिवलिंग पर प्रात: जलाभिषेक करना चाहिए। इससे क्रोध कम होता है और व्यक्ति में आवेश, आवेग कम आते है। भगवान् शिव के मंत्र ॐ नम: शिवाय का जाप प्रतिदिन करने से और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के साथ साथ जो व्यक्ति नवग्रह शांति अनुष्ठान करता है, नियमित रूप से धार्मिक कथाएं सुनता है। धर्म और आध्यात्म से जुड़ा रहता है। वह शांतचित रहता है।
यन्त्र स्थापित कर पूजन करें
क्रोध और आवेश का एक कारण कुंडली में स्थित अशुभ दोष और अशुभ योग भी होते है। जैसे यदि किसी कुंडली में पितृ दोष बना हो, कालसर्प योग बना हो या फिर अंगारक योग, गुरु चांडाल योग बना हो तो व्यक्ति को जल्दी क्रोध आता है। इसके अलावा मांगलिक योग वाले व्यक्तियों में भी क्रोध की अधिकता रहती है। ऐसे सभी व्यक्तियों को अपने घर में सम्बंधित यन्त्र लेकर उसे प्राण प्रतिष्ठित करा कर, घर के पूजा घर में स्थापित करा कर, नित्य दर्शन पूजन करना चाहिए।
क्रोध और आवेश में कमी के लिए यह उपाय करे
वैदिक ज्योतिष के अनुसार क्रोध और आवेश के लिए जन्मपत्री में मुख्य रूप से मंगल ग्रह का विचार किया जाता है। मंगल ग्रह की शुभता पाने के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। प्रतिदिन कम से कम ५ माला जाप करना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ जो व्यक्ति प्रतिदिन करता है उसका स्वभाव शांत होता है और वह शांत व्यवहार करता है। हनुमान चालीसा का पाठ क्रोध में कमी करने का अचूक उपाय है। जिन लोगों को बहुत अधिक क्रोध आता है। उन लोगों को हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।
औषधि दवारा क्रोध में कमी करना
दूध, दही और दूध से बनी वस्तुओं का सेवन करने से क्रोध में कमी के योग बनते है। शरीर में कुछ विटामिन और पोषक तत्वों की कमी के कारण भी व्यक्ति में क्रोध सामान्य से अधिक आता है। संतरा खाने से गुस्सा कम होता है। सुनने में यह आपको जरूर हैरान करेगा, लेकिन यह एक वैज्ञानिक थ्योरी है। क्रोध उन व्यक्तियों को भी अधिक आता है जिनका वजन अधिक रहता है। क्रोध को कम करने के लिए व्यक्ति को अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए।