इस तरह से पहनेंगी मंगलसूत्र तो पति की हो जाएगी दुर्घटना
By: Future Point | 25-Oct-2018
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हिंदू धर्म में विवाह संस्कार का अत्यंत महत्व माना जाता है। विवाह के दौरान, इससे पूर्व और इसके पश्चात् कई तरह के रीति-रिवाज़ पूरे किए जाते हैं जिससे पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन मंगलमय रहे।
हिंदू धर्म में विवाह के सभी रीति-रिवाजों में मंगलसूत्र पहनना भी महत्वपूर्ण माना गया है। इस रस्म के बिना विवाह की रस्म अधूरी मानी जाती है। शास्त्रों में मंगलसूत्र को मंगलकारक माना गया है।
किससे बना होता है मंगलसूत्र
मंगलसूत्र स्वर्ण और काले मोतियों से बना होता है। इसमें लगा सोना बृहस्पति को मजबूत करता है। बृहस्पति ग्रह को सुखी और खुशहाल वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना गया है। इसलिए मंगलसूत्र धारण करने वाली महिला को बृहस्पति के आशीर्वाद से पति का साथ एवं प्रेम मिलता है।
सभी गहनों में सुहागिन स्त्रियों के लिए मंगलसूत्र सबसे कीमती और महत्वपूर्ण होता है। इसे सुहाग की निशानी समझा जाता है। जब तक स्त्री का पति उसके साथ रहता है या जीवित रहता है तब तक उसे अपने गले में मंगलसूत्र पहनना ही होता है।
शिव-पार्वती का है प्रतीक
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मंगलसूत्र स्वर्ण और काले रंग के मोतियों से बना होता है। स्वर्ण को मां पार्वती और काले मोतियां को भगवान शिव को प्रतीक माना गया है। वैवाहिक जीवन के लिए मंगलसूत्र को बहुत शुभ माना गया है। काले मोती शनि, राहू और केतु के साथ-साथ मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव से विवाहित दंपत्ति को दूर रखता है।
मंगलसूत्र के बारे में इन बातों का ध्यान रखें
- विवाह के दौरान पति द्वारा पत्नी को मंगलसूत्र पहनाया जाता है। सुहागिन स्त्री को कभी भी अपने गले से मंगलसूत्र उतारना नहीं चाहिए। अगर किसी मजबूरी में आपको मंगलसूत्र उतारना भी पड़ जाए तो अपने गले में काले रंग का धागा जरूर पहनें।
- सुहागिन स्त्रियों को किसी अन्य महिला का मंगलसूत्र नहीं पहनना चाहिए। ऐसा करना बहुत अशुभ माना गया है और इससे पति की आयु कम भी हो सकती है और वैवाहिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है।
- मंगलसूत्र के अलावा सुहागिन स्त्री को सिंदूर और बिछिया भी पहनना होता है। ये चीज़ें सुहाग की रक्षा करती हैं और पति की आयु लंबी करती हैं।
- मंगलसूत्र में काले मोतियों का होना बहुत जरूरी होता है। मंगलसूत्र में काले मोतियों को बहुत शुभ माना जाता है। ये काले मेाती बुरी नज़र से पति की रक्षा करते हैं।
- मंगलसूत्र का सोने में बनवाना भी जरूरी होता है। गुरु को वैवाहिक जीवन का प्रतीक माना गया है और अगर आप सोने में बना मंगलसूत्र पहनती हैं तो आपको बृहस्पति की कृपा प्राप्त होगी। मंगलसूत्र में शुद्ध सोने का प्रयोग करना चाहिए।
मंगलसूत्र से जुड़ी गलतियां
- काले मोतियों के बिना मंगलसूत्र नहीं पहनना चाहिए।
- कुछ महिलाएं एक ही मंगलसूत्र को सालों तक पहनी रहती हैं। हालांकि, इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन अगर आपका मंगलसूत्र कहीं से टूट गया है या मोती या लॉकेट खंडित हो गया है तो इससे पहनना आपको अशुभ फल दे सकता है। टूटा हुआ या खंडित मंगलसूत्र की पहनने से पति की दुर्घटना होने की संभावना रहती है।
- वहीं अगर मंगलसूत्र की पॉलिया निकल गई है या उसका रंग काला पड़ने लग गया है तो उसे बदल दें या उसे साफ करवा लें। बंदा या धुले रंग का मंगलसूत्र पहनने से आपके पति की सेहत खराब हो सकती है।
मंगलसूत्र ना पहने का प्रभाव
- यदि कोई सुहागिन स्त्री अपना मंगलसूत्र नहीं पहनती है तो इससे उसका वैवाहिक जीवन खराब हो सकता है।
- खराब या खंडित मंगलसूत्र पति की आयु को कम भी कर सकता है। इससे पति की सेहत खराब रहती है या उनकी कोई दुर्घटना होने की संभावना भी रहती है।
- मंगलसूत्र का सीधा संबंध पति से होता है इसलिए आप अगर मंगलसूत्र का अनादर करेंगीं तो इससे आपका वैवाहिक जीवन तो खराब होगा ही साथ ही इसका असर आपके पति की आयु और जीवन पर भी पड़ेगा।
अब तो आप जान गई ना कि एक सुहागिन स्त्री के जीवन में उसके मंगलसूत्र का क्या महत्व होता है। अगर आप शादीशुदा होने के बावजूद अपना मंगलसूत्र धारण नहीं करती हैं तो इसका बुरा परिणाम आपको उठाना पड़ सकता है।
सुहाग की निशानी मंगलसूत्र को स्त्रियों के लिए बहुत जरूरी माना जाता है। उपरोक्त बताई गई आसान सी बातों को ध्यान मे रखकर आप अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकती हैं और उसमें प्रेम की कमी को भी दूर कर सकती हैं।
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