इस दीपावली कुबेर यंत्र करें स्थापित, होगी धन के देवता कुबेर की कृपा
By: Future Point | 29-Oct-2021
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प्राचीन काल में धन प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, श्री यंत्र तथा अन्य प्रकार के यंत्रों का उपयोग किया जाता रहा है जिससे आर्थिक स्थिति सही हो जाती थी। उसी प्रकार धन के देवता कुबेर जी की पूजा अर्चना और कुबेर यंत्र की स्थापना करने से कभी भी धन में कमी नहीं आती है। ऐसा कहा जाता है कि कुबेर जी की पूजा अर्चना और कुबेर यंत्र की स्थापना करने से घर से लक्ष्मी कभी नहीं जाती बल्कि उसका स्थाई निवास हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार कुबेर जी का पूजन गणेश, देवी लक्ष्मी के साथ करने से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और धन वैभव सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यदि आप कुबेर जी को अतिशीघ्र प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपके लिए कुबेर यंत्र सबसे अच्छा उपाय है। इस यंत्र को स्थापित करने से दरिद्रता का नाश होता है, धन लाभ होता है और मान-सम्मान यश की प्राप्ति होती है। वहीं नया बिजनेस शुरू करने के लिए और व्यापारियों के लिए यह यंत्र अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कुबेर यंत्र की अचल स्थापना की जाती है इसे गल्ले की तिजोरी, अलमारी में रखा जाता है। धन-वैभव की प्राप्ति के लिए कुबेर यंत्र की साधना की जाती है।
माता लक्ष्मी के साथ कुबेर पूजा -
शास्त्रों में कुबेर देवता को धन के स्वामी देव की उपाधि प्राप्त है। इसलिए माना गया है कि जब भी कुबेर देव का पूजन देवी लक्ष्मी जी के साथ किया जाता हैं तो इससे वो शीघ्र ही प्रसन्न होती हैं और परिणामस्वरूप व्यक्ति को धन से जुड़ी कोई भी परेशानी नहीं रहती है। वह जीवन में बुलंदियों को हासिल करता है।
दीपावली पर स्थापित करें कुबेर यंत्र -
वास्तुशास्त्र अनुसार कुबेर जी उत्तर दिशा के स्वामी हैं, इसीलिए अपने घर की उत्तर दिशा को शुभ व स्वच्छ रखना बेहद ज़रूरी होता है। कुबेर जी को दस दिशापालकों में से एक माना जाता है, इसलिए यदि कोई व्यक्ति सभी देवताओं का पूजा-पाठ करने के बाद अंत में कुबेर जी का पाठ उनके मंत्रों द्वारा या कुबेर यंत्र की स्थापना के साथ करता है तो इससे देव कुबेर उस व्यक्ति की सभी कामनाओं की पूर्ति हेतु उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इसलिए इस दिवाली आप भी कुबेर यंत्र की विधि अनुसार स्थापना कर उनका आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं।
कुबेर यंत्र का महत्व -
जैसा हमने पहले ही बताया कि कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। इनकी कृपा से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। इसलिए ही कुबेर यंत्र भी सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम माना जाता है। इस यंत्र को घर या दफ्तर में स्थापित करने से भाग्य वृद्धि होती है। कुबेर यंत्र की स्थापना और जाप से जीवन में आ रही आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है। कुबेर के प्रभाव से अपार धन और आय के नए साधन मिलते हैं। कुबेर यंत्र को स्थापित करने के लिए जन्म कुंडली देखने की ज़रुरत नहीं होती है। कोई भी व्यक्ति इस यंत्र को स्थापित कर पूजा कर सकता है। ज्योतिष विशेषज्ञों अनुसार व्यक्ति कुबेर यंत्र स्वर्ण, रजत, अष्टधातु, ताम्र और भोजपत्र अथवा कागज़ आदि कई रुपों में प्रयोग कर सकता है।
कुबेर यंत्र स्थापना विधि -
सक्रिय श्री कुबेर यंत्र को स्वर्ण, अष्टधातु, ताम्रपत्र, भोजपत्र या कागज आदि कई रूपों में प्रयोग किया जाता है। कुबेर यंत्र को पूजन स्थल पर पूर्व दिशा में मंगलवार या शुक्रवार के दिन स्थापित करना चाहिए। शुभ तिथि के रूप में कुबेर यंत्र को विजयदशमी, धनतेरस, दीपावली और रविपुष्य नक्षत्र के दिन स्थापित करना शुभ माना जाता है। इस यंत्र के पूर्णफल तभी ही किसी जातक को प्राप्त हो सकते हैं जब इस यंत्र को शुद्धिकरण, प्राण प्रतिष्ठा और ऊर्जा संग्रही की प्रक्रियाओं के माध्यम से विधिवत बनाया गया हो।
कुबेर यंत्र की स्थापना दीपावली के दिन करें।
इसके लिए इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के बाद मंदिर, पूजा स्थल, धनकोष या तिजोरी में इस यंत्र को रखना चाहिए।
स्थापना करते वक़्त कुबेर यंत्र को दूध, दही, शहद, घी और गंगा जल से स्नान कराए।
इसके बाद विधिवत तरीके से कुबेर यंत्र की पूजा करें और दक्षिण की ओर मुख करके ‘‘ॐ कुबेराय नम:’’ मंत्र का जाप करें।
इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अभिमंत्रित और सिद्ध किए बिना यह यंत्र प्रभावी नहीं होगा।
कुबेर यंत्र के लाभ -
कुबेर यंत्र को उत्तर दिशा में स्थापित करें इस यंत्र को स्थापित करने से दरिद्रता का नाश हो जाता है और मान-सम्मान की प्राप्ति तथा बिजनेस में समृद्धि होती है।
कुबेर यंत्र की स्थापना से आय के मार्ग प्रशस्त होते हैं यानि आपको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धन की प्राप्ति होती है।
कुबेर यंत्र की स्थापना करने से धन वैभव की प्राप्ति होती है, इस यंत्र को घर में पूजा स्थान तथा गल्ले पर स्थापित करने से व्यापार में वृद्धि होती है और आय में बढ़त होती है।
यदि आप नया बिजनेस शुरू करने जा रहे हैं तो यह यंत्र काफी मंगलकारी सिद्ध होता है।
यदि आप अपने धन को बुरी नजर से बचाना चाहते हैं तो अपनी तिजोरी में कुबेर यंत्र की स्थापना करें। ऐसा करने से आपका धन सदैव संचित रहता है।
कुबेर यंत्र सकारात्मक ऊर्जा का स्त्रोत है, जिसका स्वामी बृहस्पति है।
भाग्योदय के लिए कुबेर यंत्र को घर या कार्यालय में स्थापित करना चाहिए।
कुबेर यंत्र की स्थापना हेतु मंत्र -
कुबेर धन के अधिपति यानि धन के राजा हैं। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा का एकमात्र उन्हैं ही अध्यक्ष बनाया गया है। इतना ही नहीं कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण इन्हैं मंत्र साधना द्वारा प्रसन्न करने का विधान बताया गया है।
मंत्र- ऊँ श्रीं, ऊँ ह्रीं श्रीं, ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।
या
“ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये।
“धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥”