चैत्र पूर्णिमा 2019 – व्रत व पूजा विधि और इसका महत्व ।
By: Future Point | 18-Apr-2019
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चैत्र नवरात्री के बाद चैत्र पुर्णिमा तिथि आती है, हिन्दू धर्म में प्रत्येक माह में आने वाली पूर्णिमा बहुत ही खास होती है. इस वर्ष 18 व 19 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा तिथि है, हालाँकि शास्त्रों के माने तो वर्ष 2019 में पड़ने वाली चैत्र पूर्णिमा इस बार और भी खास होगी क्यों कि हिंदी पंचांग के अनुसार 18 अप्रैल व 19 अप्रैल दो दिन की पूर्णिमा तिथि रहेगी. चैत्र पूर्णिमा पर व्रत रखने और सत्य नारायण भगवान् की पूजा की मान्यता बहुत ही प्राचीन है, और 19 अप्रैल को ही हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जायेगा।
चैत्र पूर्णिमा के महत्व -
इस दिन होती है हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा पुण्य फल प्रदान करने वाली बताई गई है, इस दिन भगवान श्रीराम के भक्त और पवनपुत्र हनुमान जी की जयंती भी होती है। बजरंग बलि के जन्मोत्सव के रूप में भी चैत्र पूर्णिमा मनाई जाती है। इस दिन लोग विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा- आराधना करते हैं। माना जाता है कि इसी दिन उन्होंने अंजनि की कोख से जन्म लिया था।
सत्यनारायण भगवान की होती है पूजा
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही भगवान सत्यनारायण की कृपा पाने के लिये भी पूर्णिमा का उपवास रखते हैं। सत्य ही भगवान हैं, नारायण हैं और सबसे बड़े आराध्य हैं। जो लो रामायण या भागवत कथा का आयोजन करवाने में असमर्थ होते हैं, वह इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा करवाते हैं। यह कथा पूर्णिमा के दिन करवाने पर विशेष फल प्राप्त होता है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कृष्ण ने ब्रज में रचाया था रास
चैत्र पूर्णिमा चैती पूनम के नाम से भी जानी जाती है। धार्मिक पुराणों के अनुसार, इस दिन ही नंद के लाल भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में रास उत्सव रचाया था। यह उत्सव महारास के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह महारास कार्तिक की पूर्णिमा को शुरू होकर चैत्र की पूर्णिमा को समाप्त हुआ था। कहते हैं कि इस महारास में हजारों गोपियों ने भाग लिया था और भगवान श्रीकृष्ण ने हर गोपी के साथ रात्रिभर नृत्य किया था।
चैत्र पूर्णिमा पर दान व स्नान का महत्व –
पुराणों के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को स्नान व दान का महत्व बहुत ही खास बताया गया है इसके अनुसार जो भी श्रद्धालु किसी भी कारण वश वैशाख स्नान का लाभ नही ले पाते तो वह माह के अंतिम पांच दिनों में भी स्नान करके पुरे मास के स्नान का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, यही वजह है कि चैत्र पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं और स्नान व दान की परम्परा को निभाते हैं. इसलिए पूर्णिमा तिथि पर किसी नदी में स्नान करने के बाद गरीबो को दान अवश्य करें इसके अलावा छाते का या पानी का दान करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है इसके अलावा आप किसी गरीब को चप्पल या जूते का दान भी कर सकते हैं इससे आप पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है।
चैत्र पूर्णिमा 2019 तिथि व शुभ मुहूर्त –
- वर्ष 2019 में चैत्र पूर्णिमा का व्रत 19 अप्रैल शुक्रवार के दिन रखा जायेगा.
- 18 अप्रैल 2019 गुरुवार के दिन शाम 7 बजकर 26 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का आरम्भ होगा
- 19 अप्रैल 2019 शुक्रवार के दिन 4 बजकर 41 मिनट पर पूर्णिमा तिथि की समाप्ति होगी.
- 19 अप्रैल 2019 को चंद्रोदय का समय 6 बजकर 48 मिनट पर होगा.
चैत्र पूर्णिमा व्रत विधि –
- नारद पुराण के अनुसार पूर्णिमा के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर व्रत का संकल्प ले. पूर्णिमा के दिन खास तौर पर पूरे विधि- विधान से चन्द्रमा की पूजा करने का विधान है.
- इस दिन चंद्रमा को जल का अर्घ देने के बाद ही व्रत खोला जाता है, पूजन के बाद व्रती को अन्न दान करना शुभ माना जाता है.
- चैत्र पूर्णिमा पर सत्य नारायण भगवान की कथा करने की परम्परा बहुत ही प्राचीन है, माना जाता है कि इस दिन सत्य नारायण भगवान की कथा करने से घर- परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है इसलिए यदि सम्भव हो सके तो चैत्र पूर्णिमा के दिन सत्य नारायण भगवान की कथा अवश्य पढ़ें व सुनें.
चैत्र पूर्णिमा के दिन किये जाने वाले उपाय –
मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है और यह दिन माँ लक्ष्मी जी को बहुत प्रिय होता है, ज्योतिष के अनुसार यदि इस दिन कुछ खास उपाय किये जाएँ तो आप अपने भाग्य को चमका सकते हैं.
- शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर माँ लक्ष्मी जी आती हैं इसलिए यदि इस दिन सुबह उठकर पीपल के पेड़ को मीठे का भोग लगाकर जल अर्पित किया जाये तो इससे माँ लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.
- दाम्पत्य जीवन को सुख मय बनाने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध का अर्घ देना शुभ माना जाता है.
- जीवन में आने वाली धन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिए पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चंद्रमा को कच्चे दूध, चीनी और चावल मिलाकर अर्घ देना शुभ होता है.
- पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी जी को कौड़ियां अर्पित करनी चाहिए.
- पूर्णिमा के दिन किसी लक्ष्मी माँ के मंदिर में जाकर इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पित करने से धन, सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.