बनेगा विश्व के लिए खतरा 2018 में किम जोंग-उन | Future Point

बनेगा विश्व के लिए खतरा 2018 में किम जोंग-उन

By: Future Point | 13-Dec-2017
Views : 10811बनेगा विश्व के लिए खतरा 2018 में किम जोंग-उन

जन्म विवरण – 08-01-1984 , नोर्थ कोरिया

उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग उन की कुंडली कुम्भ राशि की है। कुंभ में चंद्रमा उसे मानसिक दृढ़ता और कठोरता भी देता है यह उसे थोड़ी कम अवसाद भी पैदा कर सकता है वह नकारात्मक कार्य करता है जो आंतरिक आत्मसम्मान, मुद्दों या अवसाद का कारण बन सकता है। चतुर्थ में राहु, दशम में शुक्र-केतु नवम में मंगल-शनि, एकादश में बुध, सूर्य और गुरु है। अपने देश कोरिया के लिए कुछ धन हासिल कर लेगा क्योंकि गुरु ग्यारहवें भाव में है।



कुम्भ राशि वालों के लिए शुक्र योगकारक ग्रह होने के कारण सबसे अधिक शुभ होते हैं। इनकी कुंडली में तृतीय भाव पर भावेश मंगल की सीधी दृष्टि है। तीसरा भाव पुरुषार्थ, पराक्रम और पड़ौसियों का भाव है। भाव से भावेश और करक मंगल का सीधा सम्बन्ध इस भाव को मजबूती और इन्हें दुस्साहस करने की प्रकृति दे रहा है। यही कारण है की किम अपने से शक्तिशाली डोनाल्ड ट्रंप से प्रतिदिन विवाद खड़े करते रहते है। राशीश शनि नवम भाव में उच्चस्थ है, तृतीयेश मंगल के साथ है। यह भी इनके अपने सामर्थ्य से अधिक हिम्मत दिखाने का सूचक है। शनि-मंगल का साथ अस्त्र-शास्त्रों का निर्माण और आवेश में प्रयोग का संकेत भी कर रहा है।

इनकी कुंडली पर साल 2018 का ग्रह गोचर का फल किस प्रकार का रहने वाला है आईये जानें- इस समय गुरु इनके नवम भाव और साल के उत्तरार्द्ध में दशम भाव पर रहेगा, गुरु की स्थिति इनके लिए लाभकारी बनी हुई है। शनि का गोचर आय और राहु छ्ठे भाव पर है विचरण कर रहे हैं। जनवरी 2018 से 7 मार्च 2018 के मध्य शनि-मंगल की युति गोचर में इनके एकादश भाव पर रहेगी, उस समय स्थिति भयावह साबित हो सकती है। मंगल के साथ शनि उन्हें एक उत्तेजनापूर्ण और कठोर रवैया दे रहा है, जिसके कारण इनके संबंध गंभीर रूप से कई देशों के साथ प्रभावित हो सकते हैं। इन्हें छिपे हुए हमलों से डरना पड़ेगा, दिसम्बर से आने वाले 4 माह की स्थिति इनके लिए खतरा है। ज्योतिषीय योग के अनुसार शनि-मंगल युति हथियारों, अस्त्र-शस्त्रों से मृत्यु देता है। इस समय में किम जोंग को अपनी वाणी और आचरण में सौम्यता बनाए रखनी होगी, अन्यथा परिणाम कष्टकारी साबित हो सकते हैं। इससे पूर्व मंगल स्वराशि में इनके दशम भाव पर गोचर करेंगे, इस अवधि में इनकी आक्रामक गतिविधियां आग में घी का काम करेंगी।