Astrological Upay: बड़े से बड़े संकट को काट देते है ये ज्योतिषीय उपाय
By: Acharya Rekha Kalpdev | 28-Feb-2024
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Vedic Astrology को वेदों में नेत्र का स्थान दिया गया है। जिस प्रकार नेत्र देखने का कार्य करते है, उसी प्रकार वैदिक ज्योतिष त्रिकालदृष्टा होकर, भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनों का ज्ञान देते है। जन्म के समय आकाश में ग्रह -नक्षत्र के चित्र को जीवन का नक्शा कहा जाता है। कब-कब, क्या-क्या होने वाला है, यह जन्म कुंडली / Janam Jundali के ग्रहों की स्थिति, युति, योग, दशा और गोचर से जाना जा सकता है। जिस प्रकार नेत्रों की भाषा सांकेतिक होती है, ठीक उसी प्रकार जन्म कुंडली? के ग्रह योग भी ज्योतिषीय भाषा में संकेत देते है। कुंडली के योगों के आधार पर जीवन में सुख दुःख का आगमन होता है। मानव स्वभाव से सिर्फ सुख चाहता है, वह दुःख से भागता है, यही वजह है कि थोड़ा सा कष्ट आते ही, वह निवारण, उपाय की और भागता है। सुख-दुःख को प्रारब्ध मानते हुए, उसे स्वीकार नहीं करता है।
प्रारब्ध को मनुष्य स्वीकार कर ले तो, कोई दुःख नहीं है। दुःख एक मानसिक स्थिति है, जिसे सकारात्मक सोच से बदला जा सकता है। ऋषि, मुनियों, संतों के पास कुछ नहीं होता, परन्तु उनके मुख-मंडल पर कभी न खोने वाली एक मुस्कान होती है। यही उनका धन है, यही उनकी प्रारब्ध की स्वीकार्यता है। यह स्वीकार्यता आमजन स्वीकार नहीं कर पता है।
पूर्व जन्म के आधार पर जो भाग्य में लिख दिया गया, उसे बदला तो नहीं जा सकता, परन्तु उपायों के द्वारा उसमें सुधार अवश्य किया जा सकता है। सुखों को बढ़ाया जा सकता है और दुखों को कम किया जा सकता है। उपाय करने से स्थिति में बदलाव कर, हम काफी हद तक राहत महसूस कर सकते है। उपाय ठीक उसी प्रकार काम करते है, जिस प्रकार रोगी के लिए दवा काम करती है। दवा से रोग ठीक होता है और स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। ज्योतिषीय उपाय तेज बारिश में छाते का काम करते है। मनुष्य बारिश को रोक तो नहीं सकता है, परन्तु छाते का प्रयोग कर स्वयं को बारिश से बचा सकता है, ठीक उसी प्रकार उपाय भाग्य को बदलते नहीं है, दुःख सहने की क्षमता को बढ़ा देते है।
उपाय के प्रकार -
- ग्रह उपचार
- रत्न
- मंत्र
- व्रत
- यन्त्र
- दान
- अनुष्ठान
- तंत्र
- रुद्राक्ष
- पूजा - देव दर्शन
- टोटका
- समस्या आधारित उपाय
सही ज्योतिष उपाय का चयन कैसे करें
किस व्यक्ति के लिए कौन सा उपाय करना लाभकारी रहेगा और कौन सा उपाय हानिकारक रहेगा, यह एक अनुभवी ज्योतिषी जन्मपत्री देख का जान सकता है। उपाय का प्रकार जन्म कुंडली और समस्या अनुसार तय किया जा सकता है। ऐसे उपाय ग्रह उपचार की श्रेणी में आते है। ग्रह उपचार करने से ग्रह शांति होती है और जातक को शुभ फल मिलने प्रारम्भ होते है।
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इन उपायों से जीवन कि हर समस्याओं का समाधान कर सकते है-
- घर में सुख समृद्धि का वास न हो तो जीवन कठिन हो जाता है, बहुत मेहनत करने पर भी यदि घर में धन की कमी बनी रहती हो तो व्यक्ति को प्रात:काल उठने के बाद सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों को जोड़ कर दर्शन करने चाहिए। हथेलियों के आगे के भाग में लक्ष्मी जी, बीच के भाग में सरस्वती जी और अंतिम भाग में विष्णु जी का वास होता है। जो व्यक्ति इस प्रकार करता है, उसके घर में धन बना रहता है।
- आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए घर की पहली रोटी गाय के लिए निकालनी चाहिए। और अंतिम रोटी कुत्ते के लिए निकालनी चाहिए। गाय में सभी देवी देवताओं का वास है, गाय को पहली रोटी खिलाने से सभी देवी देवताओं प्रसन्न होकर धन वृद्धि का आशीर्वाद देते है।
- जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है, उस घर में धन की कभी कमी नहीं रहती है। इसके अलावा घर में बुजुर्गों का भी पूरा सम्मान होना चाहिए। स्त्रियों और बुजुर्गों का सम्मान होने से घर कि सुख समृद्धि बनी रहती है। प्रतिदिन सुबह पूजा करने के बाद घर के बड़ों का आशीर्वाद लेने का संस्कार बच्चों और घर के सदस्यों का होना चाहिए। घर के बुजुर्गों के आशीर्वाद से बड़े से बड़े दुःख भी कट जाते है। खराब से खराब ग्रह की दशा भी सुधर जाती है।
- सांयकाल में कार्यस्थल से घर वापस आते हुए, खाली हाथ घर वापस न आये। घर के बुजुर्गों, बच्चों और स्त्रियों के लिए यथासंभव कुछ न कुछ लेते जाएं।
- तुलसी, पीपल के पेड़ की पूजा करने वाले के घर भी लक्ष्मी जी सदैव बनी रहती है। तुलसी जी स्वयं लक्ष्मी का स्वरुप है, सायंकाल में तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना और पीपल के पेड़ को शनिवार की सुबह जल देना और सायंकाल में उसकी जड़ों के पास सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनि देव प्रसन्न रहते है, इससे घर में गरीबी, दुःख और क्लेश का वास नहीं रहता है।
- सूर्य ग्रह को प्रात: सूर्योदय के समय जल में रोली, फूल और अक्षत डाल कर अर्घ्य देने से सूर्य ग्रह के फल शुभ रूप में प्राप्त होते है।
- घर में प्रकाश की व्यवस्था सही रखे, अँधेरा न हो। दिन के समय सूर्य का प्रकाश घर में आता है, यदि ऐसा सम्भव न हो तो घर में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है और सकारात्मक ऊर्जा घर में बनी रहती है।
- चंद्र ग्रह को ठीक करने के लिए चांदी का मोटा कड़ा हाथ में धारण करना चाहिए। दूध का सेवन रात्रि में न करके प्रातकाल में करें।
- बुध ग्रह को ठीक करने के लिए सुबह हरी इलायची का पाउडर शहद में मिलकर पीएं। इससे बुध ग्रह की शुभता बढ़ती है।
- बृहस्पति ग्रह को शुभ करने के लिए एकादशी के व्रत का पालन करना चाहिए। एकादशी के व्रत के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। भोजन में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग करने से भी बृहस्पति ग्रह शुभ होता है। कुंडली में बृहस्पति ग्रह यदि अशुभ होकर स्थित हो तो पीले रंग के वस्त्र धारण करने से बचना चाहिए। साथ ही सोने के आभूषण धारण करने से भी बचना चाहिए।
- शुक्र ग्रह को शुभ करने के लिए छोटी कन्याओं का सम्मान करना चाहिए। छोटी कन्याओं को कुछ न कुछ उपहार में वस्तुएं देने से शुक्र शुभ होता है। छोटी कन्यायों को शुक्रवार के दिन खीर बनाकर खिलाने से भी शुक्र ग्रह की शुभता बढ़ती है।
- शनिवार को शुभ करने के लिए गरीबों या जरूरतमंदों को शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करना चाहिए। छाया दान करने से भी शनि ग्रह की अशुभता दूर होती है। हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से शनि देव प्रसन्न रहते है, और उनकी दशा के फल शुभ रूप में प्राप्त होते है। हनुमान जी को माह में एक बार चौला चढाने से भी शनि देवी की कृपा बनी रहती है।
- स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए पीपल कि जड़ को तकिये के नीचे रखने से स्वास्थ्य में लाभ मिलता है।
- धन वृद्धि के लिए दक्षिण दिशा की और सिर करके सोना चाहिए। उत्तर दिशा की और सिर करके सोने से भी स्वास्थ्य अनुकूल रहता है।
- भंडार घर में कोयला और सभी धान्य किसी घड़े या बर्तन में भरकर रखने से भंडार कभी भी खाली नहीं होते है।
- घर में ख़राब घड़ियाँ इधर उधर नहीं रखनी चाहिए। घड़ियाँ चलती होनी चाहिए। खराब होने पर उन्हें ठीक कराएं और ठीक न होने की स्थिति हो तो घर से बाहर कर दें।
- जौ का आटा, काले तिल मिलाकर उसमें सरसों का तेल डालकर आटा गूंथ लें, इसकी रोटी बनाकर किसी भेंसे को खिला दे, इससे अकाल मृत्यु का भय टल जाता है।
- घर में बच्चों की बुद्धि और विवेक अच्छा रहे, इसके लिए आवश्यक है कि घर में हर माह मंगलवार या शनिवार के दिन सुन्दरकाण्ड या रामायण का पाठ होता रहे।
- बालक का मन पढाई में लगे इसके लिए सरस्वती माता का दर्शन पूजन करने की आदत बच्चे को डालनी चाहिए।
- रविवार के दिन नमक का सेवन करने से बचें। और रविवार के दिन संभव हो तो व्रत का पालन करें।
- शिवलिंग का प्रतिदिन अभिषेक करने से मानसिक रोग, क्रोध और आवेश में कमी होती है।
- मंगलवार से लेकर शनिवार तक यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें, तो उसके बड़े से बड़े संकट का समाधान होता है।
- नजर दोष से बचाने के लिए सरसों के दाने और लाल मिर्च लेकर सिर से पैर तक घडी की विपरीत दिशा में सात बार घुमा कर जला देने या चौराहे पर फ़ेंक देने से नजर दोष दूर होता है।
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ करने से व्यक्ति का हर संकट दूर होता है।
- घर में सुबह पूजा करने के बाद आरती में दो लौंग डालकर सारे घर में घुमाए, इससे घर की नकारात्मक शक्तियां दूर होती है।
- रविवार की रात्रि दूध का भरा गिलास भरकर अपने सिरहाने रखे, और सुबह उठकर इसे किसी बबूल के पेड़ कि जड़ों में डाल दें।
- हनुमान जी कि कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी को बूंदी के लड्ड़ओं का भोग लगाकर घर से बाहर निकलें।
- सोमवार के दिन घर से बाहर काम के लिए जाते समय अपना चेहरा दर्पण में देख कर निकलें।
- बुधवार के दिन घर से बाहर जाने से पहले धनिये की कुछ पत्तियां खाकर निकले।
- बृहसपतिवार के दिन सरसों के कुछ दाने चबाकर निकलने से दिन शुभ रहता है।
- शुक्रवार के दिन दही खाकर घर से निकलने से दिन की शुभता बनी रहती है।
- शनिवार के दिन को शुभ करने के लिए घर से निकलने से पहले अदरक चबा कर निकले।
- रविवार के दिन घर से बाहर जाने से पहले थोड़ा गुड खाकर निकले।