अंगुलियों के पोरों पर बने चक्र से जानिए अपना भविष्य
By: Future Point | 31-Mar-2020
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र का एक प्रमुख अंग है सामुद्रिक शास्त्र, सामुद्रिक शास्त्र मुख, मुखमण्डल तथा सम्पूर्ण शरीर के अध्ययन की विद्या है। भारत में यह वैदिक काल से ही प्रचलित है। गरुड पुराण में सामुद्रिक शास्त्र का वर्णन है। मानव-शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट के आधार पर उसके गुण-कर्म-स्वाभावादि का निरूपण करने वाली विद्या आरंभ में लक्षण शास्त्र के नाम से प्रसिद्ध थी| जिसके द्वारा व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगो की सरंचना के आधार पर फलकथन कहने की रीति प्रचलित है। इसी सामुद्रिक शास्त्र के द्वारा नारद, वशिष्ठ, वराहमिहिर आदि महर्षियों ने मनुष्यों के जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त तक की सभी बातों को जान लिया। इस शास्त्र में मुख्यतः दो विषय होते हैं। 1- शारीरिक लक्षणों के द्वारा व्यक्ति का भविष्य कथन, 2- हस्त रेखा द्वारा। समुद्रिक शास्त्र के द्वारा शरीर के विभिन्न लक्षणों के आधार पर व्यक्ति के बारे में आंकलन किया जा सकता है जैसे- मनुष्य के हाथों की अंगुलियों में शंख, चक्र, व शीपी जैसे आकार देखे जाते हैं। इन लक्षणों के आधार पर भविष्य कथन किया जाता है।
हमारी अंगुलियों के पोरों में शंख या चंक्र रहते हैं। किसी के पोरों के दो या तीन चक्र रहते हैं तो किसी के पोरों में रहते ही नहीं है। कहते हैं कि सभी अंगुलियों में चक्र होने का अर्थ है कि व्यक्ति चक्रवर्ती सम्राट की तरह जीवन व्यतीत करेगा। हस्त रेखा शास्त्र में जो व्यक्ति जिस हाथ से कर्म करता है उसके उसी हाथ को अधिक महत्व देना चाहिए। किसी व्यक्ति का भविष्य कथन करते समय उसकी अंगुलियों के पोरों में विद्यमान शंख, चक्र, आदि का धैर्य एवं गंभीरता पूर्वक विचार किया जाना चाहिए। इसके लिए जिन मुख्य और महत्वपूर्ण तथ्यों का विश्लेषण आवश्यक होता है, उन पर विचार गंभीरता पूर्वक किया जाना चाहिए, आइये जानते हैं इस संबंध में कुछ रोचक जानकारी।
अंगुलियों के पोरों के चक्र-
अंगुलियों के पोरों पर चक्र का होना बहुत ही शुभ माना गया है, चक्र गोल पूर्ण घेरे से युक्त स्पष्ट अभंग होना चाहिए, नहीं तो टूटा हुआ चक्र व्यक्ति को अनेक मानसिक चिंताओं से ग्रस्त कर देता है|
तर्जनी में चक्र होता है तो जातक अनेक मित्रों से युक्त होकर लोगों का नेतृत्व करने वाला, महत्वाकांक्षी होने के साथ-साथ धन का भी लाभ प्राप्त करता है।
मध्यमा में चक्र होगा तो जातक धनवान और धार्मिक प्रवृत्ति का होगा और उस पर शनि की कृपा रहेगी। हो सकता है कि वह अच्छा ज्योतिषी, पंडित या मठाधीश हो।
अनामिका अंगुली पर चक्र होना व्यक्ति के भाग्यशाली होने की निशानी है। ऐसे जातक उत्तम व्यापारी, धनवान, उद्योग-धंधों में सफल, प्रतिष्ठित लेखक, यशस्वी, ऐश्वर्यवान, राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासनिक अधिकारी भी हो सकते हैं।
कनिष्ठिका अंगुली में चक्र का होना सफल व्यापारी होने की निशानी होती है। ऐसे जातक सफल लेखक व प्रकाशक भी होते हैं और संपादन के क्षेत्र में भी सफलता प्राप्त करते हैं।
अंगूठे के पोरे पर चक्र के होने से जातक जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त करता है। वह जीवन में कई उल्लेखनीय कार्य भी करता है। ऐसा जातक भाग्यशाली व धनवान होता है। ऐसा जातक ऐश्वर्यवान, प्रभावशाली, दिमागी कार्य में निपुण, उत्तम गुणयुक्त, पिता का सहयोग व धन पाने वाला होता है।
यदि किसी मनुष्य की अंगुलियों में एक शंख हो तो वह व्यक्ति उच्च शिक्षा ग्रहण कर अच्छे पद पर आसीन होता है तथा सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है।
जिस व्यक्ति की अंगुलियों में दो शंख बने हों तो वह जातक कठिन परिश्रम से ही किसी वस्तु की प्राप्ति कर पाता है तथा उसका जीवन सामान्य ही कहा जायेगा। ऐसे लोग दूसरों पर आश्रित होकर अपना जीवन व्यतीत करते है।
जिस व्यक्ति की अंगुलियों में तीन शंख होते है तो वह मनुष्य स्त्रियों के प्रति विशेष आशक्त रहता है तथा अपनी आमदनी का अधिक भाग भौतिक सुखों पर व्यय करता है। ऐसे जातक क्लर्क, सेक्रेटरी या पीआरओ आदि बनते हैं।
जिस जातक के हाथों की अंगुलियों में चार शंख होते हैं, वह व्यक्ति राजा के समतुल्य सुख भोगता है तथा समाज में सम्मान पाता है। ऐसे जातक परिवार के कुलदीपक कहलाते है। ऐसे लोग विधायक, सांसद, मन्त्री आदि पदों पर आसीन होते हैं।
जिस व्यक्ति के हाथों की अंगुलियों में पांच शंख होते हैं, वह अपनी प्रभुता से समाज के अधिकतर लोगों के दिलों पर राज करता है तथा अपने जीविकोपार्जन के लिए जल की यात्रा करता है एंव उसी से सम्बन्धित कार्य भी करता है।
जिस जातक के हाथों की अंगुलियों में छः शंख होते हैं, वह मनुष्य अपनी विद्वता से समाज का मार्गदर्शन करता है। ऐसे जातक ज्योतिषी, धर्म उपदेशक, आध्यात्मिक गुरू आदि बनते हैं।
जिस जातक के हाथों की अंगुलियों में सात शंख होते है, वह व्यक्ति आर्थिक विपन्नता से ग्रसित रहता है। इन लोगों के सन्तान उत्पत्ति के फलस्वरूप ही जीवन में कुछ हालात बेहतर होते हैं। ऐसे जातकों की स्त्रियां काफी संघर्षशील मानी जाती है।
जिन व्यक्तियों के हाथों की अंगुलियों में आठ शंख होते हैं, वह लोग अपनी मेहनत के द्वारा सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। यह लोग अपने सम्बन्धों की वजह से शीघ्र ही उच्चतम शिखर पर पहुंच जाते है।
जिस जातक के हाथों की अंगुलियों में नौ शंख होते है, वह व्यक्ति स्त्री प्रकृति का होता है एंव उसके सारे कार्य महिलाओं को आकर्षित करने वाले होते है तथा महिलायें इनका भरपूर सहयोग भी करती हैं। इन लोगों का 40 वर्ष के बाद समय अच्छा आता है।
जिस जातक के दोनों हाथों की सभी अंगुलियों पर शंख होते हैं, वह लोग आईएस, पीसीएस, प्रमुख सचिव आदि उच्च पद पर आसीन होकर सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में 45 वां वर्ष काफी पीड़ादायक साबित हो सकता है।
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