सकारात्मक जीवन के लिए टिप्स
By: Tanvi Bansal | 30-Jan-2019
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आज के युग में औरतों को अपने घर और बाहर, दोनों जगह कई काम निपटाने होते हैं, जिसके कारण उनके ऊपर अत्यधिक तनाव का बोझ रहता है। औरतें एक बहन, मां और पत्नी के तौर पर अपने पारिवारिक सदस्यों की देखभाल करती हैं। जीवन के हर बदलते पड़ाव के साथ-साथ एक महिला को जीवन भर अपने स्वास्थ्य के बेहद सावधानी से ध्यान रखना चाहिये। उसे नियमित व्यायाम, स्वस्थ खान-पान और योग आदि भी करना चाहिये। कामकाज़ी महिलाओं का सारा वक़्त, घर और ऑफिस के बीच तालमेल बिठाने की जद्दोज़हत में निकल जाता है और सेहत पर ध्यान देना सबसे गैरज़रूरी बात हो जाती है।
घर की महिलाओं का भी फिट रहना उतना ही ज़रूरी जितना की पुरुषों का। लेकिन अकसर घर या ऑफिस के कामों में उलझी महिलाओं को अपनी फिटनेस पर ध्यान देने का मौका या फिर यूँ कहें समय नहीं मिलता। हमें इस बात को स्वीकार करना होगा की यदि वह स्वस्थ रहेगी तभी अपने परिवार को स्वस्थ रख सकेंगी।
इस बात में कोई संदेह नहीं की घर की बेटी सेहतमंद होगी तो आनेवाली पीढियां भी स्वस्थ होंगी। महिलाएं घर चलाती हैं, उनका फिट रहना सबसे ज्यादा ज़रूरी है, फिर चाहे वो हाउस वाइव्स हों या कामकाजी। हमने अपने घर में भी माँ और मेरी नानी को हर तरह की मुश्किलों का सामना करते देखा है। हमारा मानना है कि स्वस्थ और सुखी महिला ही एक खुशहाल परिवार बना सकती है। इसलिए हमें यह स्वीकार करना ही होगा की हम स्वस्थ तो पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा। आज हम आपको स्वयं को स्वस्थ और सकारात्मक बनाए रखने के लिए उपयोगी टिप्स दे रहे हैं-
नये उम्मीदों का नया साल
आइये इस साल अपनी जिंदगी को नए सिरे से आगे बढ़ाने का संकल्प ले। कुछ ऐसा संकल्प, जो आपकी जिंदगी को एक दिशा दे, आपको उत्साह से भर दे और सेहतमंद जीवन जीने के लिए प्रेरित करे।
तन-मन को रखे स्वस्थ-
यह बात ध्यान रखे की अच्छी सेहत ही जीवन की कुंजी है। बीते वर्ष में आपकी सेहत जैसी भी रही हो, अपनी सेहत को बेहतर बनाने का संकल्प इस बार जरुर ले। खुद और परिवार के अन्य लोगो की हेल्थ के प्रति alert रहे। यह भी संकल्प ले। तन का ही नहीं, मन का भी ध्यान रखे। याद रखे की यदि आप शरीर से पूरी तरह फिट है, लेकिन अगर मन में शांति नहीं है, तो स्वस्थ तन को भी बीमार होते देर नहीं लगती। थोडा बहुत तनाव लेना ठीक है, पर ज्यादा तनाव लेने से अनिद्रा, तनाव, मोटापा, हृदय से सम्बन्धित बिमारियां होने लगती है। इसलिए आने वाले साल में स्वस्थ रहने का प्लान करे। नियमित रूप से व्यायाम करे।
मशीन के बजाय हाथ से घर का काम निपटाए। अच्छा खाना खाए, भरपूर नीद ले। ऐसे लोगो के संपर्क में रहे, जो सकारात्मक विचारधारा के हो। प्रेरक किताबे पढ़े। नियमित योग के साथ दिमागी कसरत वाले खेल खेले, ताकि आपका ध्यान फिजूल की बातो पर न लगे।
खुद से करे प्यार-
इस दुनिया में कोई भी व्यक्ति 100% परफेक्ट नहीं है। उसमे कुछ न कुछ कमी तो होती ही है। याद रखिये रंग रूप, कद-काठी यह सब बाहरी चीजे है। असली व्यक्तित्व की रौशनी तभी नजर आती है, जब आपका मन, आपका स्वभाव भी चारो तरफ रौशनी फैलाये। इसलिए आपके अन्दर जो भी कमी है, उसे स्वीकार करे और उसे दूर करने का प्रयास करे। खुद से प्यार करना एक बहुत अच्छा कदम है।
रिश्तो में मीठापन रखे
यह बात कभी न भूले की हमारे रिश्ते रिटर्न बैक पालिसी की तरह होते है, जो मौका पड़ने पर आपके किये गये अच्छे व्यवहार के बदले आपका सहारा बनते है। आपके जीवन के खालीपन को भरते है और रोजाना के stress से आपको दूर रखते है। जिंदगी में खुश रहने के हमेशा दो स्तम्भ है- परिवार और दोस्त। इसलिए परिवार और दोस्तों का मजबूत होना बहुत जरुरी है। संकल्प ले अपने दोस्तों, परिवार के लोगो और पड़ोस से बेहतर रिश्ते करने की।
अगर रिश्तो में कड़वाहट या ग़लतफ़हमीयां है, तो उसे भी बातचीत से दूर करे। अपने परिवार के लिए समय निकाले, हो सके तो हर हफ्ते कही घुमने बाहर जाये। दोस्तों से जब भी मौका मिले फ़ोन से भी बात कर ले। office में सहकर्मियों के प्रति सहयोगात्मक रवैया बनाये रखे। पड़ोसियों की छोटी-छोटी बातो को नजरअंदाज करे। इससे रिश्तो में मिठास आएगी।
ना खोएं आत्मविश्वास
भले ही आपके पास कितनी ही डिग्रियां एवं योग्यताएं क्यों न हों, यदि आप में आत्मविश्वास नहीं है, तो सब बेकार है। आत्मविश्वास आपका जीवन ही नहीं बनाता, बल्कि आपके व्यक्तित्व को दोगुना बल भी देता है। आत्मविश्वास से किसी भी काम को करने और उस तक पहुंचने की एक साफ तस्वीर उभर के सामने आने लगती है। इससे कामयाबी के प्रति मन में भरोसा पैदा होता है। आत्मविश्वास एक ऐसा हथियार है, जो विपरीत परिस्थितियों में आपको कमजोर नहीं होने देता। यह विश्वास आपको सामर्थ्य देता है और सफलता की ओर अग्रसर करता है। इसलिए विपरीत परिस्थितियों में भी अपने आत्मविश्वास को डगमगाने न दें।
अपना नजरिया बदलें
आपका चीजों को देखने का नजरिया आपके जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करता है। जैसा हमारा नजरिया होता है, वैसी ही हमारी सोच बनती है। किसी विषय पर संकुचित एवं छोटी सोच से हमेशा निराशा ही हाथ्ा लगती है। अगर आपको अपना नजरिया बदलने में दिक्कत हो रही है, तो परेशान न हों, क्योंकि मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि आपके शरीर को किसी नई चीज से सामंजस्य बैठाने में कम से कम 40 दिन लगते हैं। फिर देर किसी बात की, अभी से इस पर काम करना शुरू कर दीजिए।
जरूरी है भावनाओं का संतुलन
मेंटल (मस्तिष्क), भावना (दिल), स्पिरिचुअल (विश्वास) और फिजिकल (बॉडी), जीवन के चार आध्ाार हैं, जिनका हमारे जीवन पर सबसे ज्यादा असर रहता है। अगर इन चारों में बैलेंस है और इन पर आपका नियंत्रण है, तो आप अपने जीवन को बेहतर तरीके से जी पायेंगे। याद रखिए, असंतुलित भावनाएं न सिर्फ दूसरे लोगों के साथ आपके संबंधों को खराब करती हैं, बल्कि आपके जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती हैं। इसलिए जिंदगी के इन चार आधारों में धीरे-धीरे सामंजस्य बिठाने की कोशिश करें।
इस क्षण (आज) में जिएं
इंसान के ठीक से न जी पाने का कारण है उसका वर्तमान में न जीना। हम या तो बीते हुए कल में जीते हैं या आने वाले कल की चिंता करते रहते हैं। अतीत को बदलने में लगे रहते हैं या फिर भविष्य को जानने में लगे रहते है। याद रखें, बीता हुआ कल वापस नहीं आ सकता और भविष्य में भी कुछ निश्चित नहीं है। आज आपका है और यही वास्तविक भी है। इसलिए आज में जिएं।
सकारात्मक सोच विकसित करें
मनोवैज्ञानिक भी मानते हैं कि पॉजिटिव थिंकिंग से रास्ते की मुश्किलें हल हों या न हों, मन का तनाव जरूर कम हो जाता है। शोधों के अनुसार, सकारात्मक सोचने वालों की उम्र भी अधिक होती है। कुल मिलाकर सकारात्मक सोच ′हैप्पी लांग लाइफ′ की कुंजी है।
सकारात्मक बदलाव के लिए प्रकृति से जुड़ें। ऐसी किताबें पढ़ें, जो आपको प्रेरित करें और आपका उत्साह बढ़ाएं। अपने मस्तिष्क को नियमित रूप से सकारात्मक और प्रेरणादाई सामग्रियों की खुराक दें। जितना आप सकारात्मक माहौल में समय बिताएंगे, उतना ही आपके लिए बेहतर रहेगा। इसलिए पॉजिटिव थिंकिंग वाले लोगों के साथ रहें। जिस व्यक्ति का काम आपको अच्छा लगे, उससे प्रेरणा लें। हर किसी में अच्छी बातें तलाशें और जिनसे आप प्रभावित हों, उन्हें अपने जीवन में अपनाएं।
खुद को स्वीकारें
क्या आप अपने प्रति ईमानदार हैं। अगर हां, तो आप जैसे हैं, वैसे ही खुद को स्वीकारें। किसी की नकल करने या किसी के जैसा बनने का प्रयास न करें। अपने आपसे प्रेम करें और अपने निर्णय अपनी पूरी सामर्थ्य और समझदारी से लें। दूसरे लोगों को प्रसन्न करने का प्रयास न करें। अपनी पिछली गलतियों से सीख लेते हुए स्वयं में सुधार करने का लगातार प्रयास करते रहें। किसी भी समस्या से जूझने के बजाय उसका उपाय खोजें।
बुरी आदतों से करे तौबा-
बात-बात पर गुस्सा आना, किसी को अपशब्द बोलना, नशा करना इस तरह की आपकी जितनी भी आदते है, इस साल उसे दूर करने का संकल्प ले। इसी तरह से घंटो T।v। से चिपके रहने की आदत और हर हफ्ते शोपिंग जैसी आदतों को भी धीरे-धीरे छोड़ने का प्लान करे। अगर घर में किसी अन्य सदस्य की ऐसी ही कोई गलत लत है तो उसे छुड़ाने का संकल्प करे।
एक-एक आना, भरे खजाना-
पिछले साल आपने जितना भी बेवजह खर्च किया है, उससे सबक लेते हुए इस साल को बेहतर बनाइये। अगर आप पैसे बचाने की आदत अभी से डाल देंगे तो इसमें कोई शक नहीं की आने वाले बड़े त्यौहार में ये पैसे आप के ही काम आयेंगे। अपने हर काम के लिए एक बजट बनाये। शापिंग करने से पहले एक लिस्ट तैयार करे। जहाँ तक हो सके खरीदारी कैश से ही करे।
इस तरह कम क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम से कम कर पाएंगे। अगर क्रेडिट कार्ड से खरीदारी की है तो समय पर बिल चुकाए, ताकि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहे। इसके साथ-साथ आप कुछ निवेश भी करे। मगर कही भी निवेश करने से पहले निवेश से सम्बन्धित पूरी जानकारी भी जरुर ले।
दोस्तों! हम जैसा जीवन चाहते है वैसा जीवन हम पा सकते है। बस जरुरत है तो एक सोच की। जो हमें प्रेरणा दे की हम अपने जीवन को कैसे सार्थक बनाये। इसलिए यह नया साल आपके लिए एक और नयी शुरुआत करने का बेहतर मौका है। आप खुद को इस साल पहले की अपेक्षा बेहतर बनाने का प्रयास करे।
बदलाव से ना घबराएं
मानसिक रूप से मजबूत लोग किसी भी नई शुरुआत का स्वागत करते हैं। बदलाव से डरते नहीं हैं। उनको डर एक जगह बने रहने से लगता है। बदलाव उन्हें कार्य करने की ऊर्जा देता है। वे बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। योजना बनाकर अनुमानित जोखिम लेने में यकीन करते हैं। आप जितनी जल्दी यह स्वीकार कर लें कि परिवर्तन सर्वमान्य सत्य है, आपके लिए उतना ही अच्छा रहेगा, अन्यथा अवसादग्रस्त होकर आपके पास जो है, आप उसे भी गंवा सकते हैं। याद रखिये, आपको जीवन में हो रहे बदलावों के साथ सामंजस्य बिठाते हुए आगे बढ़ना है।
लक्ष्य बनाएं
अधिकतर लोग अपने जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं बनाते हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि वे क्या करना चाहते हैं और उन्हें कहां पहुंचना है। इसलिए जरूरी है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करें। छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं, उन्हें पूरा करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दें। ये छोटे-छोटे लक्ष्य आपके लिए मील का पत्थर साबित होंगे और आपकाे आपके अंतिम लक्ष्य तक पहुंचा देंगे। लेकिन लक्ष्य स्थापित करने से पहले तीन चीजों का ध्यान रखें- वे वास्तविक हों, प्राप्त करने योग्य हों, उनके लिए समय निर्धारित करें।
जीवन को सकारात्मक और स्वस्थ रखने के वास्तु और ज्योतिष टिप्स
- रसोई हमेशा अग्निकोण (दक्षिण-पूर्व) में ही होनी चाहिए।
- दरवाज़ा खुलते या बंद करते समय अटकना नहीं चाहिए। दरवाज़े का अटकना जीवन में रुकावट आने का संकेत है।
- मुख्य द्वार पर अंधेरा नहीं होना चाहिए। वह प्रकाशमय होना चाहिए, इसलिए वहां लाइट आदि की व्यवस्था ज़रूर करें।
- कमरे को ताज़ा फूलों से सजाएं और समय-समय पर फूल बदलते रहें।
- जूते बाहर निकालकर ही घर में प्रवेश करें।
- उत्तर या पूर्व में लॉन, सुंदर पेड़-पौधे या फुलवारी होनी चाहिए।
- शौचालय और रसोई घर का दरवाज़ा आमने-सामने नहीं होना चाहिए।
- पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा होना चाहिए।
- घर में बहुत समय तक अंधेरा न रहने दें, रोज़ दीपक जलाएं, नियमित रूप से सफ़ाई करें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा पनपने न पाए।
स्वयं के कल्याण के लिए
- सोते समय सिर पूर्व अथवा दक्षिण में रखने के साथ-साथ छेदवाला तांबे का सिक्का तकिए के नीचे रखना चाहिए।
- कैक्टस आदि घर में लगाना वर्जित है।
- यदि घर की खिड़कियां बंद हों, विकृत या फिर टूटी-फूटी हों, तो परिवार की सम्पन्नता व ऐश्वर्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- यदि रसोई की दीवार टूटी-फूटी या ख़राब हालत में है, तो घर के मालिक की पत्नी अस्वस्थ हो सकती है व उसका जीवन संघर्षयुक्त रहेगा।
- पूजा स्थल का निर्माण सदा ईशान (उत्तर-पूर्व) कोण में ही करना श्रेष्ठ होता है।
- अतिथियों का स्थान या कक्ष उत्तर या पश्चिम दिशा की ओर बनाना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर बेल नहीं चढ़ानी चाहिए।
- घर में लगाए गए वृक्षों की कुल संख्या सम होनी चाहिए।
- गुलाब को छोड़कर कोई भी कांटेदार पौधा घर में नहीं लगाना चाहिए अन्यथा सुख-शांति में बाधा आ सकती है।
- आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए
- पूर्व दिशा की ओर स़फेद या लाल आसन पर बैठकर प्राणायाम करना चाहिए।
- घर की दक्षिण दिशा की तरफ़ मेन बेडरूम, स्टोर, सीढ़ियां व ऊंचे पेड़ होना शुभ होता है।
- किसी भी तरह की टूटी-फूटी या कटी-फटी वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- हनुमान चालीसा, दुर्गासप्तशती या महामृत्युंजय का पाठ सुविधा व इच्छानुसार नियमित रूप से करना चाहिए।
सकारात्मक सोच अपनाये और खुश रहे-
इस साल अपने जीवन में जो आपको पहला बड़ा कदम उठाना है वह है सकारात्मक सोच यानि positive thinking का। आप ऑफिस में हो या स्कूल-कॉलेज में आपको किसी ने कुछ कह दिया हो या आपके साथ किसी ने बुरा व्यवहार कर दिया हो, तो यह जरुरी नहीं की उसके साथ आप भी ऐसा ही बुरा व्यवहार करे।
खुद को उस व्यक्ति के स्थान में रखकर सोचे की आखिर उसने आपके साथ ऐसा क्यों किया ! क्या कारण रहे होंगे ? क्या मजबूरी रही होगी? अगर आप ऐसी सोच अपनाते है तो यह आपकी पॉजिटिव थिंकिंग होगी। इस सोच से आप सही निर्णय ले पाएंगे और आपकी नाराजगी भी दूर हो जाएगी।
ये न सोचे की लोग क्या कहेंगे-
हमें जिन्दगी को बोझिल बनाने के बजाय एन्जॉय करते हुए जीना चाहिए। शादी हो गई,बाल-बच्चे हो गये या आप जॉब कर रहे है या कुछ और। इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं की आप अपनी जिंदगी ही जीना भूल जाये।
जिंदगी को अच्छी तरह से जीने के लिए आप कोई नया काम कर सकते है या कोई नयी हॉबी बना सकते है। जैसे- कोई नयी भाषा सीखना, कुकिंग करना, डांसिंग, कोई नयी बुक पढना, तैराकी सीखना या कोई नया स्पोर्ट्स खेल सकते है।
इन अच्छी आदतों को अपने जीवन में शामिल करे। खुद को एक ऐसा इन्सान बनाये जिसकी सभी लोग परवाह करे और जिसकी ख्याति चारो तरफ फैले। जो भी आपको आपके एरिया में अच्छा व्यक्तित्व या good human being दिखता है। वह कोई अलग दुनिया से नहीं आता है बल्कि हमारे बीच में से निकलकर ही वह खुद को साबित करते है। इसलिए उस जैसा इंसान आप भी बन सकते है।
अगर आपने ये संकल्प अपने जीवन में अपना लिए तो निश्चित तौर पर आपको अपने जीवन में बहुत सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा और आपको जीवन जीने का असीम आनंद प्राप्त होगा।
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