Sawan 2023: सावन महीने के आगमन की सही तारीख, पूजा विधि और महत्व
By: Future Point | 29-Jun-2023
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हिंदू धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने के लिए सावन मास को सबसे उत्तम माना जाता है। इस पूरे मास में शिवजी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार सावन मास को बेहद विशेष माना जा रहा है, क्योंकि इस साल सावन एक नहीं बल्कि दो मास का होने वाला है। यह माना जा रहा है कि यह अद्भुत योग करीब 19 साल बाद बन रहा है। दरअसल हिंदी विक्रम संवत 2080 में इस साल एक अधिकमास पड़ रहा है। ऐसे में इस साल 12 महीनों की बजाय कुल 13 महीने होंगे। वहीं सावन मास की अवधि 30 नहीं बल्कि करीब 59 दिन की होने वाली है। यानी इस बार भोलेनाथ के भक्तों को उनकी उपासना करने के लिए 4 सोमवार के बजाय 8 सोमवार होंगे। ऐसे में चलिए जानते हैं सावन कब से शुरू हो रहा है और शुभ संयोग।
कब से शुरू हो रहा है सावन 2023? When is Sawan 2023 Starting?
इस बार सावन का महीना करीब 2 माह का होने वाला है। इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हो रही है और 31 अगस्त 2023 को इसका समापन होगा। यानी इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए करीब 59 दिन मिलेंगे। सावन में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है। हर साल सावन में कावड़िए कावड़ लेकर शिव मंदिरों में जाते हैं और शंकर जी को जल अर्पित करते हैं। झारखंड के बैद्यनाथ धाम में सावन में श्रावणी मेले का आयोजन किया जाता है, जहां दूर-दूर से शिव भक्त कावड़ लेकर पहुंचते हैं। बैद्यनाथ धाम शिवजी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं।
2023 में सावन क्यों 2 महीने का है? Why is Sawan in 2 Months in 2023?
प्रतिवर्ष सावन एक माह का ही होता था, लेकिन इस बार यह 2 महीने का होगा। यह ज्ञात हुआ है कि सावन मास में मलमास या अधिकमास हो रहा है। इसलिए सावन अब 2 महीने का हो जाएगा। 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन में अधिकमास चलेगा। सावन में सोमवार की पूजा विशेष महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। इस बार सावन में 4 की बजाय 8 सोमवार होंगे।
यह अद्भुत संयोग क्यों बन रहा है?
वास्तव में, वैदिक पंचांग गणना सौर मास और चंद्र मास के आधार पर करता है। चंद्र मास 354 दिनों का होता है जबकि सौर मास 365 दिनों का होता है। इन दोनों के बीच लगभग 11 दिन का अंतर होता है और हर तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का होता है, जिसे अधिक मास कहा जाता है। इसलिए इस बार सावन दो महीने तक चलेगा।
सावन 2023 की डेट (Sawan 2023 Start Date)
फ्यूचर पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी और उसका समापन 4 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर होगा। साथ ही, सावन का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 को आयोजित किया जाएगा।
सावन सोमवार की तिथियां: Sawan 2023 Monday Dates
- सावन का पहला सोमवार: 10 जुलाई
- सावन का दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
- सावन का तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
- सावन का चौथा सोमवार: 31 जुलाई
- सावन का पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
- सावन का षष्ठ सोमवार: 14 अगस्त
- सावन का सप्तम सोमवार: 21 अगस्त
- सावन का आठवां सोमवार: 28 अगस्त
सावन का पहला सोमवार कब: When is the First Monday of Sawan?
सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई 2023 को पड़ेगा। इस दिन भोलेनाथ पर जल चढ़ाना, साथ ही व्रत रखना बेहद शुभ माना जाता है। इस बार कुल 8 सोमवार पड़ेंगे।
सावन सोमवार का महत्व: Significance of Sawan Monday
कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है, साथ ही उसके जीवन में सुख-समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव पर धतूरा, बेलपत्र, चावल, चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली (Kundli) में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, साथ ही आपका स्वास्थ्य भी उत्कृष्ट रहता है।
सावन 2023 पूजा महत्व: Sawan 2023 Puja Significance
वेद एवं शास्त्रों में श्रावण मास के महत्व को विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि माता पार्वती ने कठोर व्रत और उपवास करके भगवान शिव को सावन मास में ही पति रूप में प्राप्त किया था। इसके साथ ही भगवान विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र और भगवान शिव के गण श्रावण मास में ही पृथ्वी पर वास करते हैं और अलग-अलग रूपों से भगवान शिव की आराधना करते हैं। श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से सभी दुखों का नाश होता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग में से किसी एक के भी दर्शन करने से साधक को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार पूजा विधि: Sawan Monday Worship Method
- सावन सोमवार के दिन सुबह स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प बोलें।
- सभी देवताओं पर गंगा जल चढ़ाएं।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें।
- भगवान भोलेनाथ को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं।
- सामग्री चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः का जाप करें और चंदन का तिलक लगाएं।
- सावन के सोमवार के व्रत के दिन सोमवार के व्रत की कथा अवश्य पढ़नी चाहिए और अंत में आरती करनी चाहिए।
- भगवान शिव को प्रसाद के रूप में घी और चीनी का भोग लगाएं।
शिव जी की पूजा ऐसे करें: Worship Lord Shiva
- हर सावन सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है।
- इसलिए सुबह स्नान करके अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत का संकल्प लें।
- फिर महादेव पर गंगा जल चढ़ाएं।
- उसके बाद ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए शिवजी का जलाभिषेक करें।
- अब भगवान शिव को अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं।
- अंत में शिव चालीसा और आरती जरूर पढ़ें।
सावन मास में इन कार्यों को न करें
शास्त्रों में सावन के दौरान कुछ कार्यों को करने से मना किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस मास में दिन के समय सोना नहीं चाहिए। भोजन में बैंगन वर्जित है, क्योंकि इसे अशुद्ध माना जाता है। भगवान शिव को केतकी के फूल चढ़ाना नहीं चाहिए।