सूर्य आपके लिए कैसे रहेंगे
By: Future Point | 03-May-2018
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सूर्य का विभिन्न भावों में फल
सूर्य को सभी ग्रहों में राजा का स्थान दिया गया हैं। सूर्य आत्मा, पिता और आत्मशक्ति का कारक ग्रह हैं। सूर्य से व्यक्ति की पदोन्नति, आधिकारिक शक्तियों, सत्ता और प्रशासनिक कार्यक्षमता का विचार किया जाता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रह हैं। सभी ग्रह अपना अपना महत्व रखते हैं। कुंडली में सूर्य की स्थिति के अनुसार आपके जीवन की कई विशेषताओं का विश्लेषण किया जा सकता हैं। आज इस आलेख में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि कुंडली के विभिन्न भावों में सूर्य की स्थिति आपको किस प्रकार के फल दे सकती हैं-
प्रथम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य पहले भाव में स्थित है। सूर्य आपको अनुशासनशील, कठोर, मजबूत और नैतिक मूल्य से युक्त कर रहा हैं। आप बहुत महत्वाकांक्षी भी बना रहा हैं। आप धर्मनिरपेक्षता का व्यक्तित्व दे रहा हैं। आपके सिर पर बाल कम होंगे साथ ही आपमें अहंम भाव भी प्रभावी रहेगा। सरकारी क्षेत्रों से आपको सहयोग समय पर उपलब्ध होगा। यहां सूर्य की स्थिति आपके वैवाहिक जीवन के सुख को प्रभावित कर सकता हैं। वैवाहिक जीवन की जिम्मेदारियों के प्रति आप कुछ लापरवाह हो सकते हैं।
द्वितीय भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य दूसरे भाव में स्थित है। सूर्य की यह स्थिति आपको आंखों, मुंह और कान से जुड़े रोग होने की संभावनाएं दे रहा हैं। सूर्य की यह स्थिति आपको आर्थिक रुप से समृद्ध बना रही है, फिर भी परिवार के सदस्यों के मध्य मतभेद भी बने रहेंगे। जीवन के एक भाग में आपको परिवार के बिना भी रहना पड़ सकता हैं। आपको नौकरी की तुलना में स्वतंत्र रुप से व्यवसाय करना पसंद होगा। उत्तम भोजन और खान-पान के आप शौकिन होंगे। खान-पान की गलत आदतों के कारण मुंह और पेट के रोग रोग देकर आपको परेशान कर सकते हैं। आपमें गजब का नेतृत्व कौशल हैं, इसलिए अक्सर प्रशासनिक कार्यों का आनंद लेते हैं। आपका नेतृत्व कौशल अच्छी आय भी लाता है।
तॄतीय भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य तीसरे भाव में स्थित है। यह सूर्य आपको शक्तिशाली व्यक्तित्व का स्वामी बना रहा है। आप में शक्ति और साहस दोनों का समावेश होगा। इसके फलस्वरुप समाज में आप धनी-मानी व्यक्ति होंगे। सूर्य की इस स्थिति के कारण आपको जीवन में बुजुर्गों का साथ कम प्राप्त हो पाएगा। यदि आप अपने भाईयों से रिश्तें मधुर नहीं रखेंगे तो आपकी सफलता भी प्रभावित हो सकती हैं। इस स्थिति में सूर्य का उपाय करना लाभकारी रहता हैं। आप मानसिक रुप से प्रसन्न रहेंगे, उच्च स्तरीय, प्रभावशाली और समृद्ध व्यक्तियों के साथ आपकी मित्रताएं रहेंगी। कार्यक्षेत्र में आप आधिकारिक शक्तियों से युक्त होंगे। आपको ज्योतिष और आध्यात्मिक विषयों में रुचि रहने के संकेत मिल रहे हैं।
चतुर्थ भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य चतुर्थ भाव में स्थित है। सूर्य की यह स्थिति आपके निजी जीवन और घर-परिवार के लिए सुखद फलदायी है। समाज में आपके परिवार की सम्मानजनक स्थिति रहेगी। आप अपने प्रेम विषयों को लेकर अत्यधिक रक्षात्मक रहेंगे। आपकी व्यापारिक नीतियां दीर्घकालीन रहेंगी। जीवन में अनुभव और आयु के साथ अपने व्यवसायिक सफलता बेहतर होती जाएगी। आप अपने पारिवारिक जीवन और संपत्ति में अधिक रुचि लेंगे। आप स्वयं को तानाशाह बनाने से बचें। अनुशासन और कठोरता ठीक है परन्तु अति होना सही नहीं। कर्मक्षेत्र और करियर में सूर्य आपको उच्च पद, पदोन्नति और उच्चाधिकारियों का सहयोग प्राप्त होने की संभावनाएं बन रही हैं।
पंचम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य पंचम भाव में स्थित है। यह योग आपको अनूठे, विशेष गुणों और रचनात्मकता का गुण दे रहा हैं। आप अपने प्रत्येक कार्य को विशेष रुप से प्रस्तुत करना जानते हैं। आप स्वयं प्रसन्न रहने वाले व्यक्ति हैं। अभिनय और खेल-कूद आपके व्यक्तित्व का खास गुण हैं। जीवन जीने के लिए आपका रवैय्या बहुत रोचक और मजेदार हैं। आपको अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए आप नए से नए मार्ग खोजते हैं। पंचम में सूर्य आपको साहसी और शेयर में रुचि दे रहा हैं। पांचवें भाव में सूर्य की स्थिति आपको प्रेम विषयों में असफलता दे रही हैं।
छ्ठे भाव में सूर्य
आपकी कुंड्ली में सूर्य छ्ठे भाव में स्थित हैं। आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य, आपकी सेवाओं और आपकी भावनाओं से ही आपकी एक अलग पहचान बनेंगी। अपने किए प्रयासों से आप गर्व महसूस करेंगे। यह सूर्य की सबसे अच्छी स्थिति है। आप के अपने भाई बहनों और माता के साथ संबध मधुर रहेंगे। सूर्य की यह स्थिति आपको रोगों से लड़ने में सहयोग करेगी, विशेष रूप से रक्त प्रणाली और त्वचा से संबंधित रोगों से लड़ने में मदद करता है। राजनीति और राजनैतिक गतिविधियों, साथ ही साथ प्रशासन व प्रबंधन के क्षेत्र में भी यह आपको मदद करता है। इसके अतिरिक्त सरकारी और सावर्जनिक क्षेत्र में भी सहयोग प्राप्त होगा। आप मेहनती होंगे और जीवन की विपरीत परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ दे पायेंगे। यदि आपको आलोचनाओं का सामना भी करना पड़े तो आप घबरायें नहीं।
सप्तम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य सप्तम भाव में स्थित हैं। आप उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे। प्रयास करने पर आप सफल व्यापारी या राजनीतिज्ञ बन सकते हैं। इस योग के फलस्वरुप आपका वैवाहिक जीवन सुखमय नहीं रहेगा। जीवन साथी में अहंम भावना अधिक होना इसका कारण बन सकता हैं। दांपत्य जीवन में मतभेद की स्थिति भी बनी रहेगी। आपको जीवन में कई बार पेट से संबंधित रोग कष्ट देंगे। नौकरी करने की अपेक्षा आपको व्यक्तिगत रुप से व्यवसाय करना अधिक पसंद होगा। आपमें कूटनीतिक कौशल होंगे। यहां तक की दुश्मनों को दोस्तों में बदलना भी आप जानते होंगे। व्यवसाय और साझेदारी क्षेत्रों में भी आपको सफलता मिलेगी। सूर्य की इस स्थिति के कारण कोर्ट कचहरी के विषयों में भाग्य भी साथ देगा।
अष्टम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य आठवें भाव में स्थित हैं। कुंड्ली के आठवें घर से स्वास्थ्य का विचार किया जाता है। इस भाव में सूर्य की स्थिति आपकी आयु के लिए प्रतिकूल साबित हो सकती हैं। सामान्यत: यह किसी दुर्घटना का कारण भी बनती हैं। प्रत्यक्ष रुप से यह बुखार, रक्त तंत्र, त्वचा के रोग और शरीर के जलने की संभावनाएं बनाता हैं। इसके अतिरिक्त व्यक्ति के शरीर में कुंड्ली का आठवां घर गुदा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हैं। रोगों से बचाव के प्रति आप सतर्क रहें और आवश्यक होने पर चिकित्सीय जांच भी कराते रहें। आठवां भाव जोखिम, स्टंट और अतिरिक्त साहस का भाव भी है। इस भाव में सूर्य आपको जोखिम लेने का कौशल दे रहा हैं। पुलिस, एक्ससाईज और सैना में भी आप अपने इस कौशल को प्रयोग कर नाम कमा सकते हैं।
नवम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य नवम भाव में स्थित हैं। नवम भाव और सूर्य पिता के कारक होते है। इसलिए आपको जीवन में पिता का सुख और सहयोग दोनों कम ही प्राप्त हो पाएगा। इस बात की संभावनाएं भी बनती है कि आपके पिता का स्वास्थ्य कमजोर रहें। आपके अपने पिता से वैचारिक मतभेद बने रहने के संकेत मिल रहें हैं। अपने भाग्य को बेहतर करने और जीवन को सुख करने के लिए आपको अपने पिता और गुरु के मार्गदर्शन का पालन करना चाहिए। स्वयं को अधिक से अधिक धार्मिक गतिविधियों में लगायें रखने से भी पिता के साथ आपके संबंध मधुर हो सकते हैं। धर्म का पालन और धार्मिक यात्राएं करना शुभफलदायी रहेगा। जीवन साथी के साथ आपके रिश्ते सुखद रहेंगे।
दशम भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य दशम भाव में है। एक लक्ष्य को लेकर आप काम करेंगे, यह आपको सफलता, उपलब्धि और उन्नति देगा। कार्यक्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र आपको किसी अन्य से आदेश लेने में असुविधा हो सकती हैं। आप बहुत महत्वकांक्षी और आधिकारिक शक्तियों से परिपूर्ण होंगे। प्रबंधन करना गुण आपके व्यक्तित्व का खास गुण हैं। एक अच्छे नेता के रुप में कार्य करने की योग्यता आप रखते हैं। एक पेशेवर के रुप में दूसरों की अगुवाई करने का कौशल रखते हैं। जीवन की कुछ अवसरों पर आपमें अहंकार की भावना भी देखी जा सकती हैं। आगे बढ़ने में अपने पिता का सहयोग भी आपको प्राप्त होगा। सामान्य तौर पर आप प्रतिस्पर्धी और आधिकारिक हैं। त्याग और समझौता करने में आप विश्वास नहीं रखते हैं।
एकादश भाव में सूर्य
आपकी कुंडली में सूर्य एकादश भाव में स्थित हैं। आपके जीवन में मित्रता बहुत अधिक महत्व रखती है। आगे बढ़ने के लिए आप अहंकारी होने से बचें। समूह गतिविधियों में आप शामिल रहना पसंद करेंगे। पुरुष मित्रों और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ आपके मित्रता संबंध रहेंगे। कुछ मित्र आपके पिता की आयु की भी रहेंगे। जीवन लक्ष्यों के प्रति आप पूर्ण निष्ठा और मेहनत के साथ सतर्क रहते हैं। आपके जीवन लक्ष्य भी बहुत ऊंचे होते हैं। आप आगे बढ़ने में आदर्शवाद और सिद्धांतों का पूर्ण पालन करते हैं। आय क्षेत्रों में आपको अधिकारिक शक्तियां और सम्मान दोनों प्राप्त होते हैं। फिर भी आपको सुख-शांति दोनों की तलाश रहती हैं। यह योग आपको कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत जीवन में दूसरों पर हावी रहने की प्रवृति दे रही हैं।
द्वादश भाव में सूर्य
आपकी कुंडली के बारहवें भाव में सूर्य स्थित हैं। सूर्य की यह स्थिति आपमें रोगों से लड़ने की शक्ति की कमी कर रही हैं। जीवन के कुछ भाग में आपको अंधकार या परिवार से दूर रहना भी पड़ सकता हैं। एक के बाद एक बाधाएं और परेशानियां आपके जीवन में बनी रहेंगी। आप जोखिमपूर्ण परिस्थितियों का हिम्मत के साथ सामना करेंगे। आपका मनोविज्ञान, अंतर्ज्ञान और मानसिक घटनाओं के प्रति मजबूत झुकाव रहेगा। आपको सनकी आदतों से बचाव करना चाहिए। आमतौर पर मानसिक विकार से पीड़ित लोगों के साथ सहानुभूति रखते हैं। संतान विषयों में आपको संघर्ष का सामना करना पड़ता हैं। पिता के साथ रिश्ते सही नहीं रहने की भी संभावनाएं बन रही हैं। आपको अपने नेत्रों का खास ख्याल रखना चाहिए।