राबड़ी की राह पर सुनीता केजरीवाल - क्या होंगी दिल्ली की भावी मुख्यमंत्री?
By: Acharya Rekha Kalpdev | 01-Apr-2024
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रविवार 31 मार्च 2024 को वित्तीय वर्ष 2023 की समाप्ति का दिन रैलियों, धरनों और राजनीति कैम्पेन को समर्पित रहा। झारखंड के मुख्यमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल दोनों बीजेपी के खिलाफ कैम्पेन में साथ खड़ी नजर आई। गौरतलब है कि अरविन्द केजरीवाल जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री बीते कुछ समय से जेल में है। मामला शराब नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर इन्हें जेल भेजा हुआ है।
झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री शिबू सोरेन की तर्ज पर दिल्ली के मुख्यमंत्री भी जेल में है। अरविन्द केजरीवाल जी का राजनीति में आने का अजेंडा भारत को भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति देने का था। वही अरविन्द केजरीवाल आज शराब घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में जेल में है। सुनीता केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी पत्नी है। सुनीता जी आम आदमी पार्टी की पदाधिकारी नहीं है, परन्तु गत कुछ दिनों से उन्हें मुख्यमंत्री जी के बचाव में सवाल जवाब, कैम्पेन करते देखा जा सकता है। जो कार्य आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं को करना चाहिए था वह कार्य आज सुनीता केजरीवाल जी कर रही है। समझने वाली बात यह है कि एक राज्य का मुख्यमंत्री जेल में गया है, तो उसके बचाव में पार्टी को उतरना चाहिए न कि उनकी पत्नी को। शायद अपने बचाव में अपनी पत्नी को मैदान में उतारकर अरविन्द केजरीवाल जी विक्टम कार्ड का खेल खेलना चाहता है। हमेशा की तरह केजरीवाल जी दिल्ली की जनता को भावनाओं और भावुकता से इमोशनली ब्लैकमेल करना आगामी चुनाव जीतना चाहते है। अपनी इस कोशिश में केजरीवाल जी क्या सफल होंगे? दिल्ली की जनता का क्या होने वाला है? इन सवालों का जवाब जानने से पहले आइये सबसे पहले सुनीता केजरीवाल जी के जीवन परिचय पर एक नजर डाल लेते है।
सुनीता केजरीवाल जी का जन्म और शिक्षा दोनों दिल्ली में हुई। आईआरएस में उत्तीर्ण होने के बाद उन्होंने नागपुर पढाई करने गई। उसी दौरन उनकी मुलाकात केजरीवाल जी से हुई। दोनों समाजसेवा कार्यों से जुड़े, और वहीँ से दोनों की मित्रता शुरू हुई। दोनों आईआरएस अधिकारी बने और समय के साथ दोनों ने मित्रता को विवाह में बदल दिया।
अरविन्द केजरीवाल जी को सुनीता का साथ जीवन के हर मोर्चे पर मिला। घर हो या बाहर सुनीता हर समय उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़ी रही। 2016 में सुनीता ने परिवार की जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। तब से लेकर 2024 मार्च तक सुनीता जी हाउस वाइफ बनकर घर को संभाल रही थी, परन्तु जैसे ही केजरीवाल जी जेल गए, वो आम आदमी पार्टी की शीर्ष नेता की तरह फॉर्म में आ गई। कार्य, व्यवहार और उनकी गतिविधियां कुछ इसी प्रकार का संकेत दे रही है जैसे आम आदमी पार्टी वर्त्तमान में उनके ही नेतृत्व में चल रही है। मीडिया में भी कुछ इसी तरह की बातें सुनने में आ रही है। केजरीवाल जी की कुर्सी पर सुनीता जी बैठकर दिल्ली की सत्ता संभाल रही है। केजरीवाल जी की "कुर्सी" पर आतिशी जी की जगह सुनीता केजरीवाल बैठी नजर आ रही है। ऐसी अटकलें भी सामने आ रही है कि केजरीवाल जी की जगह सुनीता केजरीवाल जी दिल्ली के मुख्यमंत्री पद कि कुर्सी सँभालने वाली है। सुनीता जी को मुख्यमंत्री पद के कामकाज को देखने का प्रशिक्षण भी लम्बे समय से देने की बातें सामने आ रही है। केजरीवाल के जेल जाने पर सवाल यह उठता है कि अब दिल्ली की जनता का क्या होने वाला है?
केजरीवाल जी के जेल जाने पर दिल्ली सरकार के कार्य और आप पार्टी के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए है। दिल्ली कि जनता और सभी के मन में यह प्रश्न है कि दिल्ली का मुख्यमंत्री क्या केजरीवाल जी ही रहेंगे या अन्य किसी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब आज हम अरविन्द केजरीवाल जी की पत्नी सुनीता केजरीवाल जी की कुंडली से तलाशने का प्रयास करेंगे। आइये देखें इस विषय में सुनीता केजरीवाल जी की कुण्डली क्या कहती है -
सुनीता केजरीवाल जी की चंद्र कुंडली
11-02-1966, दिल्ली
सुनीता जी की चंद्र राशि तुला है। कुंडली में चंद्र राहु के स्वाति नक्षत्र में है। सप्तमेश मंगल भी राहु के शतभिषा नक्षत्र में है। जन्म राशीश जातक के मन का आईना और सप्तमेश जीवन साथी के मन का आईना होता है। सुनीता जी की कुंडली में चन्द्रमा और सप्तमेश दोनों का राहु के नक्षत्र में होना, इन्हें और इनके जीवनसाथी अरविन्द केजरीवाल जी को चातुर्य और नीतिनिपुण बना रहा है। परिस्थिति को देखते हुए दोनों अपना व्यवहार बदल सकते है, ऐसा राहु नक्षत्र कहता है। साथ ही चंद्र का राहु के नक्षत्र में होना जातक को आतंरिक रूप से चातुर्य और राजनीति के क्षेत्र का जन्मजात जानकार बना रहा है। नवग्रहों में राहु राजनीति, कूटनीति और साम, दाम, दंड और भेद का कारक है।
इनकी कुंडली में सत्ता कारक ग्रह सूर्य चतुर्थ भाव में मकर राशि में है। केजरीवाल जी की कुंडली में भी सूर्य चतुर्थ भाव में ही स्थित है। केजरीवाल जी की कुंडली में सूर्य सिंह राशि में है, सिंह राशि सूर्य की अपनी राशि है, मकर राशि शनि की राशि है और सूर्य-शनि के आपसी सम्बन्ध शत्रुवत है। चतुर्थ भाव में स्थित सूर्य ने केजरीवाल जी को सत्ता की कुर्सी पर आसीन किया। सुनीता जी की कुंडली में भी सूर्य चतुर्थ में है परन्तु शत्रु राशि में है, इसलिए सत्ता में इन्हें जनता का वह मान-सम्मान नहीं मिल पायेगा जो केजरीवाल जी को मिला। शनि राशि में सूर्य सरकारी क्षेत्रों और सत्ता पक्ष के साथ कामकाज में असहजता देता ही है।
जनता की सेवा भावना देखने के लिए कुंडली में शनि का विचार किया जाता है। केजरीवाल जी की कुंडली में शनि मंगल की नीच राशि, बारहवें भाव में स्थित है। नीच का शनि यह दर्शाता है कि राजनीति में आने की मूल वजह जनता सेवा नहीं है। सुनीता केजरीवाल जी की कुंडली में शनि चतुर्थेश व् पंचमेश होकर योगकारक ग्रह है और शनि यहाँ अपनी मूलत्रिकोण राशि कुम्भ, पंचम भाव में स्थित है। चतुर्थ भाव का स्वामी होने के कारण शनि में सेवा भावना निहित है। पंचम भाव में स्थित होकर शनि अपने दृष्टि सम्बन्ध से एकादश भाव, सप्तम भाव, और द्वितीय भाव को सक्रिय कर रहे है।
तुला लग्न के लिए शुक्र क्योंकि राशीश होने के साथ साथ अष्टमेश भी होते है, अत: शुक्र राशीश में अष्टमेश के गुण-दोष अर्थात अप्रत्याशित घटनाएं होना भी सम्मिलित है। यहाँ अष्टमेश शुक्र चतुर्थ भाव (पति का कर्म भाव) में स्थित है। अर्थात इनका सीधा सम्बन्ध पति के कार्यक्षेत्र (कर्मक्षेत्र) से बना हुआ है। सुनीता जी की कुंडली में एकादश भाव (सफलता, उन्नति और अपेक्षाएं) को भाग्येश बुध, सप्तमेश मंगल योगकारक शनि की सप्तम दृष्टि है। यहाँ केंद्र त्रिकोण के स्वामियों की त्रिकोण भाव में युति अतिशुभ योग बना रही है। इनकी कुंडली में शनि अतिशुभ है और योगकारक भी है। वर्त्तमान गोचर में शनि जन्म शनि पर ही गोचर कर रहे हैं। यहाँ भाग्य (नवमेश), जीवनसाथी (सप्तमेश) के कारण जनसेवा (चतुर्थेश शनि) करने के योग बन रहे हैं।
कुंडली में राहु-गुरु के साथ गुरु चांडाल योग में 8वें भाव में स्थित है और सूर्य के नक्षत्र में है। सूर्य नैसर्गिक रूप से सत्ता कारक है। गुरु ग्रह इस कुंडली के अशुभ भावेश होने के कारण अशुभ फल देने वाले ग्रह है। और अष्टम भाव में भी है। देखने वाली बात यह है कि गुरु अष्टम भाव में मान-सम्मान में प्रश्न चिन्ह लगाने का कार्य भी करते है। अप्रत्याशित रूप से इन्हें पति के कामकाज को संभालना इन्हें पड़ सकता है।
राजनीति में सफलता के लिए राहु और सूर्य का दशम भाव से सम्बन्ध होना चाहिए, जो इनकी कुंडली में है। बस सूर्य शनि राशि में थोड़ी दिक्कत दे रहा है। हम जानते है कि सत्ता में विरोधी पक्ष अपनी भूमिका रखता है। कुंडली का छठा भाव विरोधियों और विपक्ष का होता है। इनकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी गुरु है जो 8वें में है राहु के साथ है, यह योग स्पष्ट करता है कि विरोधियों की कूटनीतियों के चलते इन्हें कामकाज संभालना पड़ सकता है। किसी भी अंतिम परिणाम पर पहुंचने से पहले अप्रैल माह, 2024 का ग्रह गोचर भी एक बार देख लेते है.
गोचर शनि जन्म शनि पर है इस समय - परिणामत: जनसेवा के कार्यो में उतरना पड़ सकता है।
राहु छठे भाव पर गोचर कर रहे हैं - दशम भाव, कर्म भाव पर राहु की पंचम दृष्टि, परिणाम राजनीति में प्रवेश का सूचक।
केतु गोचर बारहवें भाव पर - विरोधियों को केतु की सप्तम दृष्टि का अंकुश शांत रखेगा।
गुरु गोचर में मेष राशि सप्तम भाव पर - उन्नति, सफलता के भाव 11वें भाव को गुरु का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है।
सूर्य इस समय मीन राशि में है, 13 अप्रैल 2024 को सूर्य मेष राशि (उच्च राशि, सप्तम भाव ) पर गुरु के साथ गोचर करने लगेंगे, उसके बाद सुनीता जी औपचारिक रूप से सत्त्ता में प्रवेश कर सकती है, ऐसा ग्रह गोचर करता है।
कुल मिलाकर कुंडली इनके अपने पति अरविन्द केजरीवाल जी की कुर्सी संभालने की और संकेत कर रही है। अप्रैल माह 2024 में सुनीता केजरीवाल दिल्ली की मुख्यमंत्री का पद संभाल सकती है, कुंडली और ग्रह स्थिति ऐसा संकेत दे रही है।