श्रीदेवी की चौंका देने वाली अचानक मृत्यु | Future Point

श्रीदेवी की चौंका देने वाली अचानक मृत्यु

By: Yashkaran Sharma | 27-Feb-2018
Views : 10053श्रीदेवी की चौंका देने वाली अचानक मृत्यु

पद्मश्री पुरुस्कार प्राप्त करने वाली, कुशल फिल्म अभिनेत्री की 24 फरवरी 2018 को दुबई में हृदय गति रुक जाने से महज 54 वर्ष की अवस्था में अचानक हुई मृत्युने देशभर में उनके सभी चाहने वालों को चैंका दिया। वे दुबई में अपने भतीजे मोहित मारवाह के विवाह में सम्मिलित होने के लिए गई थीं।

अधिकतर लोग उनकी मृत्यु को लेकर अचम्भे की स्थिति में हैं। सभी को फॅारेंसिक रिपोर्ट के आने का इंतजार है। श्रीदेवी के मृत शरीर को जैट के निजी विमान द्वारा मुबंई लाया जायेगा।

1980 के दशक की इस सुपरहिट सिनेनायिका की मृत्यु से पूरा राष्ट्र शोक ग्रस्त है। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कॅाग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री, स्मृती ईरानी, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह तथा पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है।

श्रीदेवी लाखों दिलों की धड़कन, अतुलनीय व बहुमुखी अभिनय प्रतिभा से संपन्न एक ऐसी अभिनेत्री थी जो भारतीयों की यादों में अमर रहेगी। उनका भारतीय फिल्म उद्योग के लिए योगदान अमर रहेगा।

उन्होंने महज चार वर्ष की अवस्था में सिने जगत् में ऐसा सफल कदम रखा कि एक के बाद एक सफलता की अनेक सीढ़ियां चढ़ती चली गईं तथा बहुत सी सुपरहिट फिल्मों में बतौर हीरोईन एक से एक सफल किरदार निभाये और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके भीतर गजब का आत्मविश्वास था। जब उन्होंने हिंदी फिल्मों में बतौर नायिका प्रवेश किया तब उन्हें हिंदी भाषा का ज्ञान नहीं था। परंतु उन्होंने दृढ़ निश्चय लिया कि वे शीघ्र ही हिंदी सीखेंगी और दूसरी नायिकाओं से बेहतर हिंदी बोलेंगी।

 

1980 व 1990 के दशक में ये भारतीय फिल्म उद्योग की सफलतम नायिका थीं। उनकी कुछ विख्यात फिल्मों के नाम चांदनी, सद्मा, चालबाज, जुदाई, लम्हें, आखिरी रास्ता, मि. इंडिया व नगीना हैं। उनका प्रदर्शन खुदा गवाह नामक फिल्म में बहुत शानदान रहा। फिल्मी दुनियां में सफलता के श्रेष्ठतम मुकाम पर पहुंचकर 15 वर्षों का लम्बा विराम लेने के बाद इंगलिश विंगलिश फिल्म बनाकर इन्होंने पुनः वापसी की इनकी मृत्यु भारतीय फिल्म जगत के लिए एक बड़ा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती।

आजकल इंटरनेट पर निम्नांकित संदेश जिसमें श्रीदेवी की कुछ हिट फिल्मों के नाम हैं वायरल हो रहा है -

वो "चांदनी" न रही
गहरा "सदमा" दे गयी
जिंदगी बहुत "चालबाज" निकली
सबसे "जुदाई" दे गयी
बहुत "लम्हे" जीने बाकी थे
बरी जल्दी "आखिरी रास्ता" से चली गयी
काश कोई "मिस्टर इंडिया" आये
और वो "नगीना" लौटा दे
परमात्मा उनकी आत्मा को शांति दे

श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को प्रातः 5:30 बजे शिवकासी तमिलनाडू में हुआ था। इन्होंने सफल फिल्म निर्देशक व फिल्म निर्माता बॅानी कपूर से 1996 में विवाह किया।

श्रीदेवी की जन्मकुंडली का ज्योतिषी विश्लेषण-

Horoscope of Sridevi

 

इनकी जन्मपत्री में फिल्म उद्योग में सफलता का मुख्य कारक शुक्र लग्न में स्थित है। शुक्र की ऐसी स्थिति सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। इस कुंडली में फिल्म जगत का कारक शुक्र आय भाव का स्वामी होकर धनेश सूर्य से संयुक्त होकर लक्ष्मी योग भी बना रहा है। यह लक्ष्मी योग विशेष बलवान है क्योंकि इस योग का निर्माण करने वाले शुक्र का लग्नेश के साथ स्थान परिवर्तन योग भी बन रहा है।

इतना ही नहीं अपितु इस लक्ष्मी योग पर धन भाव के कारक भाग्येश गुरु की शुभ दृष्टि भी पड़ रही है। शुक्र को लक्ष्मी कृपा का विशेष कारक माना जाता है और जब ऐसा शुक्र इतने बली लक्ष्मी योग में ऐसी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

जब किसी चीज का कारक ग्रह लक्ष्मी योग बना रहा हो तो वह उस क्षेत्र में शीघ्र सफलता देता है जिसका वह विशेष कारक होता है और ऐसा उस समय विशेष रूप से होता है जब जातक को उस क्षेत्र में कार्य करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है। यही कारण है कि महज चार वर्ष की आयु में ही इन्हें फिल्म जगत में कार्य करने का अवसर मिला और उन्होंने अपनी योग्यता, आकर्षक व्यक्तित्व और विस्मयकारी सफलता के दम पर सभी को सम्मोहित कर दिया।

12 वर्ष की अवस्था में पराक्रम के तृतीय भाव में स्थित योगकारक मंगल की दशा आरंभ हुई जो 19 वर्ष की अवस्था तक चली। इस दशा में इन्होंने अपने कठिन परिश्रम व पराक्रम से अपने आपको फिल्म जगत में सफलता पूर्वक स्थापित किया। 19 वर्ष की अवस्था के बाद द्वादश भाव में स्थित उच्च राशिस्थ राहू की महादशा आरंभ हुई जिसमें इन्होंने अपने फिल्म जगत की उपलब्धियों को हासिल करते हुए देश विदेश की बहुत सी यात्राएं करके आनंदमय जीवन व्यतीत किया।

गुरु की महादशा के स्वर्णिम काल में श्रीदेवी ने अपने स्टारडम व सफलता के प्रभाव स्वरूप रिलेक्स्ड लाईफ का आनंद लिया तथा 15 वर्षों के लम्बे विराम के बाद 2012 से 2017 तक इंगलिश विंगलिश फिल्म की सफलता के बाद दूसरी पारी खेलने के लिए पुनः वापसी की।

जून 2016 से इन्हें शनि की महादशा प्रारंभ हुई जो कर्क लग्न के लिए मारक ग्रह माना जाता है। इनकी कुंडली का यह मारक शनि मुख्य मारकेश सूर्य के साथ परस्पर दृष्टि योग का संबंध बना रहा है। ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि यदि शनि मारक बन जाये या कुंडली के मारक ग्रहों से संबंध बना ले तो यह सभी मारकों को पीछे छोड़कर स्वयं सबसे बड़ा व अनकंडीश्नल मारक बन जाता है।

श्रीदेवी की कुंडली में ऐसा ही हो रहा है क्योंकि यह शनि सप्तमेश व अष्टमेश होकर प्रबल मारक व अकारक है तथा मुख्य मारकेश के साथ दृष्टि संबंध भी बना रहा है इसलिए इसकी दशा में जब शनि का अष्टम ढैया आया और गोचरस्थ राहू की इस पर दृष्टि पड़ी तो यह अनकंडीश्नल मारक बन गया।

अगर 24 फरवरी 2018 का गोचर देखें तो उस दिन गोचर का राहू मारकेश दशानाथ अनकंडीश्नल मारक शनि पर दृष्टि डाल रहा था और शनि का अष्टम ढैया भी प्रभाव में था और इस अष्टम के ढैया के शनि की जन्म लग्न से अष्टम भाव पर भी दृष्टि पड़ रही थी और उनके मृत्यु के भाव पर कुल 6 ग्रहों का प्रभाव पड़ रहा था।