श्राद्ध के दिनों में क्यों नहीं किया जाता कोई भी शुभ काम
By: Future Point | 29-Sep-2018
Views : 10070
पितृ पक्ष का संबंध मृत्यु से माना जाता है और यही वजह है कि श्राद्ध पक्ष को अशुभ माना गया है। जिस प्रकार अपने परिजनों की मृत्यु पर हम शोकाकुल रहते हैं उसी प्रकार श्राद्ध कर्म में भी पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
पितृ पक्ष के सोलह दिनों में किसी भी तरह के शुभ, नियमित, मंगल, व्यावसायिक कार्यों को नहीं किया जाता है। श्राद्ध के दिनों में पितर हमसे और हम पितरों से जुड़े रहते हैं। इस दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों को दूर रखकर पितरों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट किया जाता है।
Read: इस विधि से नहीं करेंगें श्राद्ध तो प्रसन्न की जगह नाराज़ हो जाएंगें पूर्वज
श्राद्ध पक्ष में कौवे,श्वान और गाय का महत्व
- श्राद्ध के दिनों में पितर, ब्राह्मण और परिजनों के अलावा गाय, श्वान और कौऐ के लिए भी भोजन निकाला जाता है। पितृ पक्ष में इन्हें ही पूर्वजों का रूप माना जाता है।
- गाय में देवताओं का वास होता है इसलिए पितृ पक्ष में इसकी पूजा भी की जाती है।
- वहीं शास्त्रों के अनुसार श्वान और कौवे पितरों का वाहक हैं और पितृपक्ष अशुभ होने से खाने वाले को ग्रास देने का विधान है।
- श्वान निकट रहकर सुरक्षा प्रदान करता है और ये निष्ठावान होता है इसलिए इसे पितरों का प्रतीक माना जाता है।
- कौए को गृहस्थ और पितृ के बीच श्राद्ध में दिए गए पिंड और जल के वाहक माने गए हैं।
श्राद्ध गणना का कैलेंडर
- भाद्रपद की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से आश्विन मास की कृष्ण अमावस्या तक होते हैं। इन सोलह दिन एवं तिथियां होती हैं और इन तिथियों पर मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों का श्राद्ध किया जाता है।
- अगर किसी सुहागिन स्त्री की मृत्यु हुई है तो उसका श्राद्ध नवमी तिथि को किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में इस तिथि को अविधवा नवमी भी कहा गया है। जिन लोगों ने मृत्यु से पहले सन्यास ले लिया था उनका श्राद्ध द्वादश तिथि को किया जाता है।
- वहीं जिन लोगों का वध शस्त्रों से किया जाता है उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को होता है। वहीं अगर किसी की मृत्यु की तिथि ज्ञात ना हो तो आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन भी अपने पितरों का श्राद्ध कर सकते हैं।
शुभ कार्य क्यों वर्जित हैं
श्राद्ध कर्म के बारे में विद्वानों का मानना है कि इस दौरान ईश्वर के यहां के सभी द्वार खुल जाते हैं और भगवान अपने यहां से मृत आत्माओं को अपने वंशजों के पास भेजते हैं। इस दौरान हमारे पूर्वज हमसे मिलने या हमे देखने आते हैं और इसीलिए उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। अगर कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों को याद नहीं करता है या उनका तर्पण नहीं करता है तो पितर उसे श्राप भी देकर जाते हैं।
Read: Shradh Rituals to overcome financial debts
चूंकि, ये समय पितरों एवं मृत परिजनों को याद करने के लिए होता है इसलिए इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मरे हुए लोगों की याद में उनके परिजन शोक मनाते हैं और शोक भाव एवं समय में कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
श्राद्ध के 16 दिनो तक तर्पण सामग्री जैसे दाल-चावल को नदी या तालाब में ठंडा करते हैं जिन्हें मछलियां खाती हैं। ये भी पूर्वजों के आने का संकेत होता है। पितृ पक्ष को अशुभ माना जाता है और इस वजह से इस दौरान दाढ़ी-मूंछ या बालों को कटवाने की भी मनाही होती है। श्राद्ध के 16 दिनों तक किसी ना किसी के यहां पूर्वज किसी भी रूप में आकर रखी सामग्रियों का भोग करते हैं।
हिंदू धर्म में पितरों की मोक्ष की प्राप्ति के लिए उनकी मृत्यु के पश्चात् श्राद्ध कर्म किया जाता है। श्राद्ध करने से आपके पितर प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन को सुख और संपन्नता से भर देते हैं। पौराणिक ग्रंथों में श्राद्ध करने की विधि का उल्लेख मिलता है। अगर विधिपूर्वक श्राद्ध ना किया जाए तो श्राद्ध कर्म निष्फल भी हो सकता है और आपके पूर्वजों की आत्मा अतृप्त ही रहती है।
Read: पूर्णिमा श्राद्ध पर इन मुहूर्त और विधि से करें पितरों को प्रसन्न
शास्त्रों के अनुसार किसी सुयोग्य पंडित द्वारा श्राद्ध कर्म की पूजा करवानी चाहिए। ब्राह्मणों को पूरी श्रद्धा से पितृ पक्ष में दान दें और इस दौरान किसी गरीब, जरूरतमंद को दान देने एवं उसकी सहायता करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है और पितर प्रसन्न होते हैं।
श्राद्ध में करें ये उपाय
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पितृ दोष शांति पूजा भी इसका उत्तम उपाय है। आप Future Point पर भी अनुभवी पंडित या ब्राह्मण द्वारा पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ शांति पूजा या श्राद्ध पूजा बुक करवा सकते हैं। इस पूजा को बुक करवाने के लिए आपको अपने नाम, अपने परिजन का नाम और उनके गोत्र आदि से संबंधित जानकारी देनी होगी।
आपको बता दें कि आप ऑनलाइन भी इस पूजा में शामिल हो सकते हैं। इस पूजा को बुक करवाने के लिए इस नंबर पर हमें संपर्क करें : 011-40541000
Book Your Shradh Puja Package Now: Shradh Puja 2018
If you have any enquiry to be clarified, please mail us to:-
mail@futurepointindia.com
You may also call us at :-
Phone: 011-40541000/1021/1010