शनि हो रहे हैं मकर राशि में मार्गी, इन 6 राशियों को होगा जबरदस्त लाभ
By: Future Point | 14-Oct-2021
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नवग्रहों में शनि आकाश में सबसे अधिक दूरी पर होने से, उसका वृत्त मार्ग बड़ा है इसलिए शनि की गति कम है। उसको पूरा चक्र भ्रमण में लगभग 30 वर्ष लगते हैं। एक राशि का भ्रमण यह ढाई वर्ष में पूरा करते हैं। दूरबीन से देखने पर शनि अन्य ग्रहों की अपेक्षा सबसे सुंदर दिखाई देता है। उसके पिंड के चारों ओर एक सुंदर वलय दिखाई देता है। शास्त्रों में शनि को अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे मन्दगामी, सूर्यपुत्र, शनिश्चर और छायापुत्र आदि, शनि पुष्य, अनुराधा, और उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों का स्वामी है। यह मकर, और कुम्भ राशियों का स्वामी है। शनि तुला राशि में २० अंश पर परमोच्च और मेष राशि के २० अंश पर परमनीच होते हैं। शनि की तीसरी, सातवीं, और दसवीं दृष्टि मानी जाती है। शारीरिक रोगों में शनि को वायु विकार, कंप, हड्डियों और दंत रोगों का कारक माना जाता है। शनि मशीनों और तकनिकी कार्यों का कारक है इसलिए आज के समय में शनि की महत्ता सबसे ज्यादा है क्योंकि हर काम में तकनीक और मशीनों का उपयोग होता है। जिन लोगों की कुंडली में शनि अच्छी स्थिति में होता है उन्हें इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों में अच्छी सफलता मिलती है। उन्हें अपने करियर में उच्च पदों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह अपना राशि परिवर्तन करता है, तो उदय-अस्त, वक्री-मार्गी आदि होता है, ऐसे में देश, दुनिया, और हमारे आपके जीवन और प्रकृति आदि पर इसका कुछ न कुछ शुभ-अशुभ प्रभाव अवश्य देखने को मिलता है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है और वो लोगों को उनके कर्मों और मेहनत के अनुसार ही फल प्रदान करते हैं। शनि-देव सदैव ‘‘जैसा करोगे वैसा भरोगे’’ के सिद्धांत पर चलते हैं और इसलिए उन्हें न्यायाधीश भी कहा जाता है। शनि को धैर्य, अनुशासन, कर्म और सेवा का कारक कहा जाता है, साथ ही नौकरी और व्यवसाय पर भी शनि का गहरा प्रभाव होता है। ऐसे में मौजूदा समय में शनि का मार्गी होना निश्चित तौर पर महामारी की वर्तमान स्थिति में सुधार लाएगा। नौकरी, बिजनेस और आर्थिक संकट पर भी सकारात्मक असर डालेगा।
बात करें समय और राशि की तो, शनि ग्रह 11 अक्टूबर 2021 को सुबह 3 बजकर 43 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हो जाएगा। शनि के मार्गी होने का जहां कुछ राशियों को शुभ परिणाम मिलेगा वहीं कुछ राशि के जातकों को इस दौरान सावधान रहने की जरूरत है।
मेष राशि-
मेष राशि में शनि दशम और एकादश भाव का स्वामी होकर राशि से दशम भाव में गोचर करेगा। इस राशि के जातकों के लिए करियर के लिहाज से यह समय अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आप अतीत की अपनी सभी समस्याओं को हल करने में सक्षम होंगे। रोजगार की तलाश करने वाले जातकों को भी शुभ समाचार मिल सकता है। आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। आपके घर का माहौल सुधरेगा और परिवार के लोगों और सदस्यों के साथ आपके रिश्ते अच्छे और सुगम बनेंगे। जीवनसाथी के साथ सभी गलतफहमियां दूर होंगी। हालांकि इस समय के दौरान आपको अपनी माँ के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा।
उपाय- रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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वृषभ राशि-
वृषभ राशि में शनि नवम और दशम भाव का स्वामी होकर वृषभ राशि से नवम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपके भाग्य में उन्नति होगी और साथ ही आपको अपनी मेहनत के अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे। शनि का भाग्य स्थान में गोचर होने से पिता के साथ कुछ मतभेद हो सकता है। आपको उनकी सेहत का भी विशेष ध्यान रखना होगा। इस राशि के छात्र जातकों के संबंध उनके शिक्षकों से थोड़े खराब होने के आसार हैं। आपको सलाह दी जाती है कि, अपने शिक्षकों से कुछ अच्छा सीखें और उनके जीवन के अनुभवों को समझें। इस समय के दौरान आपकी आय में वृद्धि होगी, जिसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा, और आपका भाग्य भी पग-पग पर आपका साथ देगा।
उपाय- गले या कलाई में एक स्फटिक धारण करें।
मिथुन राशि-
शनि इस गोचर के दौरान आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर करेंगे। शनि की ढैय्या से जूझ रही इस राशि को शनि के मार्गी होने से काफी फायदा मिलने वाला है। करियर में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे और भाग्य आपके साथ रहेगा। आप जो भी काम पूरे मन और मेहनत से करेंगे, उसमें सफलता जरूर मिलेगी। ये समय विदेश यात्रा के लिए भी बेहतर साबित होगा और वहां से जुड़े सभी कार्य समय पर बनेंगे। यदि बीते समय में ज़मीन से जुड़े किसी वाद-विवाद से अब तक जूझ रहे थे तो इस समय वहां से भी निज़ात मिलती नज़र आ रही है। विद्यार्थियों के लिए भी ये समय उत्तम फल देने वाला है। इसके अलावा सेहत से जुड़ी समस्याएं दूर होने के आसार हैं, यदि कोई पुरानी बीमारी है, तो वो भी अब ठीक हो सकती है।
उपाय- अभिमंत्रित प्राणप्रतिष्ठित घोडे़ की नाल व्यापार वृद्धि के लिए प्रयोग करे।
कर्क राशि-
कर्क राशि में शनि सप्तम और अष्टम भाव का स्वामी होकर कर्क राशि से सप्तम भाव में गोचर करेगा। इस दौरान आपको अधिक आलस रह सकता है। जिस कारण आपके कार्य-व्यवसाय में रूकाबटें आ सकती हैं, इसलिए आलस से बचें। इस अवधि में आप व्यापार से जुड़े कुछ ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय लेंगे, जो आप बीते वर्ष में नही ले पा रहे थे। विदेश से जुड़े भी ऐसे प्रोजेक्ट मिलेंगे जिससे आपको लाभ मिलेगा। साझेदारी के व्यवसाय से जुड़े जातकों को उनके काम में स्थिरता मिलेगी। हालांकि पेशेवर जातकों को अपने सहयोगियों के साथ कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। वहीं इस राशि के विवाहित जातक अपने जीवन साथी के साथ अपनी समझ को और बेहतर बनाने में सफल होंगे।
उपाय- अपने बड़े बुजुर्गों का आदर सत्कार करें।
सिंह राशि-
शनि छठे और सातवें भाव का स्वामी होकर सिंह राशि से छठे भाव में ही गोचर कर रहे हैं। यह शनि आपको इस समय सही दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देगा और आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचाने में पूरी मदद करेगा। आपकी मेहनत और संघर्ष बहुत बढ़ जाएगा जिससे आप खुद को बहुत व्यस्त महसूस करोगे। किसी ज़मीन में निवेश करने की सोच रहे हैं तो बहुत ही सोच समझ कर करें, नहीं तो आपके साथ धोखा हो सकता है। नौकरी से जुड़ा कोई बदलाव कर रहे हैं तो यह समय आपके लिए उत्तम रहेगा। स्वास्थ्य से जुड़ी समस्यायें दिखाई दे रही हैं। किसी पुरानी बीमारी की वज़ह से मानसिक तनाव बना रह सकता है।
उपाय- प्रतिदिन प्रातः स्नानादि से निवृत होकर शनि के मंत्र ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः। का जप कम से कम एक माला नित्य करें।
कन्या राशि -
शनिदेव कन्या राशि के जातकों के पांचवें भाव में मार्गी होंगे। कन्या राशि के जातकों को इस वर्ष अपनी रुकी हुई शिक्षा को पुनः शुरू करने का प्रोत्साहन मिलेगा। आप जिस भी कार्य को करेंगे उस पर ही अपना ध्यान केंद्रित रखें। इस समय किसी अन्य चीज की गहराई में यदि आप जाते हैं तो आप अपना ध्यान भ्रमित कर सकते हैं। कार्यक्षेत्र पर कर्मचारियों से मतभेद भी संभव है। ऐसे में खुद को जितना सम्भव हो सके नियंत्रित रखें। वहीं वे जातक जो किसी प्रेम संबंध में हैं, उनके लिए यह अवधि अनुकूल साबित हो सकती है। इस दौरान आप अपने प्रिय के साथ सभी मतभेदों को सुलझाने में सफल रह सकते हैं। करियर के दृष्टिकोण से इस दौरान आप नए काम करने और अपने कौशल को निखारने की कोशिश करते नजर आ सकते हैं।
उपाय- शनिवार के दिन मज़दूरों को भोजन कराएं।
तुला राशि-
तुला राशि के लिए शनि इस समय चौथे भाव में गोचर कर रहे हैं। शनि का यह गोचर व्यापारिक दृष्टि से नए अवसर लेकर आएगा। हालांकि अगर आप इस वर्ष व्यावसायिक निर्णय सही से ले पाने में सक्षम रहे तो आपके लिए यह बड़ा लाभ भी दिला सकता है। विदेश में किसी नए प्रोजेक्ट के लिए आपको विदेश यात्रा करने का अवसर मिलेगा। यदि आप कोई संपत्ति ख़रीदने की योजना बना रहे हैं और किसी वजह से आपको संपत्ति ख़रीदने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो इस दौरान आप उस बाधा को दूर करने में सफल रह सकते हैं। साथ ही इस अवधि में आप व्यवसाय के लिए कोई ज़मीन या वाहन ख़रीद सकते हैं। लेकिन आपको किसी के भी कहने से कोई भी निवेश करने से बचने की सलाह दी जाती है।
उपाय- शाम को शनि चालीसा का पाठ करें।
वृश्चिक राशि -
शनि तीसरे और चौथे भाव का स्वामी होकर वृश्चिक राशि से तीसरे भाव में गोचर करेगा। आप अपने कार्यक्षेत्र में अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अपने काम के प्रति मेहनती और ऊर्जावान नजर आ सकते हैं जिससे आप लाभकारी परिणाम प्राप्त करने में सफल रह सकेंगे और कार्यस्थल पर अपनी एक अलग छवि बनाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस समय आपके संबंध अपने सहकर्मियों और वरिष्ठों से बेहतर रहने की संभावना है। इस दौरान काम को लेकर ग्राहकों से बातचीत/डील करने के लिए आपको बार-बार कुछ यात्राओं पर जाना पड़ सकता है। स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो इस दौरान आपका स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
उपाय- शनि मंदिर में सरसों के तेल का दान करें।
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धनु राशि-
शनि इस दौरान धनु राशि के जातकों के दूसरे भाव में मार्गी होकर गोचर करेंगे। कोई अच्छी खबर मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा। परिवार में आपके मान-सम्मान की वृद्धि होगी और आपके भाई बहन को सफलता मिल सकती है। जिससे आपको भी प्रसन्नता होगी। इस दौरान आपकी आय में वृद्धि देखी जा सकती है। साथ ही इस अवधि में आप बचत करने में भी सक्षम रह सकते हैं। इसके अलावा आप कमाई के अन्य स्रोतों से भी लाभ प्राप्त करने में सफल रह सकते हैं। व्यापारी लोगों के लिए ये शुभ अवसर है, वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं। इस दौरान आप अपने बच्चों के प्रति संवेदनशील रह सकते हैं और उनकी सभी गतिविधियों पर नज़र रखने का प्रयास कर सकते हैं। आपको अब तक जिन समस्याओं की वजह से परेशानियां हो रही थीं, उनका समाधान मिल जाएगा।
उपाय- शनिवार के दिन किसी ज़रूरतमंद को कंबल दान करें।
मकर राशि -
मकर राशि वालों के लिए शनिदेव इस समय उनकी ही राशि में गोचर कर रहा है। इस राशि के लिए ये स्थिति काफी शुभ फलदायक साबित होगी। इस दौरान आप काफ़ी अनुशासित रह सकते हैं। आप इस अवधि में अपने व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जीवन में ख़ुद के लिए कुछ सख़्त नियम लागू करने का प्रयास भी कर सकते हैं। आपको आपकी जीवनशैली और कार्यक्षेत्र में कुछ बदलाव होने की भी संभावना है। इस राशि के लोग धन का संचय अच्छे से कर पाएंगे। सेहत में भी सुधार होगा। आपको लक्ष्य तक पहुंचने में शनि काफी मदद करेंगे। कारोबार में लाभ होगा और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा।
उपाय- भगवान विष्णु की आराधना करें।
कुंभ राशि-
कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि उनके बारहवें भाव में मार्गी होकर गोचर करेंगे। नौकरीपेशा जातकों के लिए यह समय अनुकूल रहने की संभावना है। इस दौरान आप कार्यक्षेत्र में आने वाली सभी चुनौतियों और बाधाओं पर विजय प्राप्त करने में सफल रह सकते हैं। साथ ही आप इस अवधि में सुचारु रूप से काम कर सकते हैं जिसकी वजह से कार्यस्थल पर आप बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रह सकते हैं। संबंधों के लिहाज से इस अवधि में आपके संबंध अपने भाई-बहनों के साथ अधिक मधुर न रहने की आशंका है। लेकिन शादीशुदा जीवन में अनुकूल बदलाव आएंगे। आपके कार्य लोगों को आकर्षित करेंगे और इससे आपका यश बढ़ेगा। व्यापार में सफलता मिलेगी। हालांकि लेनदेन के मामले में काफी सतर्क रहने की जरूरत है, इस दौरान आपका रुझान आध्यात्मिकता की ओर बढ़ेगा।
उपाय- काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
मीन राशि-
शनिदेव आपके लाभ स्थान से मार्गी होकर गोचर करेंगे। इस दौरान व्यवसायी जातकों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी। यहां शनि के शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर एकटक कार्य करने का अच्छा समय है। आपकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ेगी।आय के स्त्रोत बढ़ेंगे। व्यक्तिगत जीवन के रूप से देखा जाए तो यदि आप एकल जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो इस दौरान आप किसी नए रिश्ते में आ सकते हैं और साथ ही आप अपने साथी के साथ भविष्य की योजनाएं भी बनाते नज़र आ सकते हैं। यदि नौकरी बदलना चाहते हैं तो यह उपयुक्त समय है। लेकिन धन के निवेश संबंधित फैसले सोच समझ कर लें, पैसे कहीं अटक सकते हैं।
उपाय- ज़रूरतमंदों को दान आदि दें।
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