शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए करें ये आसान उपाय
By: Future Point | 23-Oct-2018
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ज्योतिषशास्त्र में शनि देव को न्याय के देवता की उपाधि दी गई है। मान्यता है कि शनि देव मनुष्य को उसके कर्मों का फल देते हैं। अगर कोई व्यक्ति पाप करता है तो शनि देव से दंड देने में बिलकुल भी नरमी नहीं रखते हैं और इसी वजह से शनि देव को क्रूर ग्रह भी माना जाता है।
शनि का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं क्योंकि शनि देव कष्ट देते हैं वो भी कर्मों के फल के रूप में। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में तो और भी बुरा हाल हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से पीडित है तो उस व्यक्ति का जीवन एक समस्या बन कर रह जाता है। उसके हर कार्य में बाधाएं आती हैं और जीवन में असफलता ही रह जाती है।
शनि देव के कुप्रभाव को लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि कुछ ज्योतिषीय उपायों से शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है। जी हां, शास्त्रों में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनकी मदद से शनि के कुप्रभाव से बचा जा सकता है या इसे कम किया जा सकता है।
तो चलिए जानते हैं शनि देव को शांत करने के उपायों के बारे में ..
शनि शांति के ज्योतिषीय उपाय
- रोज पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाएं और पेड़ के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से शनि के साथ-साथ राहू-केतु के दोष भी शांत हो जाते हैं।
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए बाजार से काली चिडियों का पिंजड़ा खरीदें और घर आकर उन चिडियों को पिंजड़े से आजाद कर दें।
- शनिवार की सुबह को स्नान के पानी में काले तिल डालकर नहाएं। इसके पश्चात् पीपल के पेड़ पर दूध और जल अर्पित करें।
- किसी नए काले रंग के कपड़े में राई बांध लें। अब इस कपड़े का पीपल के पेड़ की जड़ में रख आएं। शनि दोष की वजह से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होंगीं।
- हनुमान जी की उपासना से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीया जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को काले रंग के जूते या चप्पल दान करें। इस दिन बंदरों को काले चने, गुड़ और केला खिलाएं। इस उपाय से हनुमान जी भी प्रसन्न होते हैं।
शनि की टेढ़ी नज़र से बचने के उपाय
- हर ग्रह के पास एक ही दृष्टि होती है जिसे सातवी दृष्टि कहा जाता है लेकिन गुरु, मंगल और शनि के पास तीसरी और दसवीं दृष्टि भी होती है। शनि की यह दृष्टि जिस ग्रह या भाव पर पड़ जाती है उसका नाश हो जाता है।
- शनि की टेढ़ी नज़र से बचने के लिए ईमानदार बनें और सत्य वचन बोलें। अपने बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें।
- तुलसी के पौधे और पीपल को रोज़ जल अर्पित करें।
- वृक्षों को ना काटें और ना ही गर्भपात करवाएं।
- सूर्योदय से पूर्व उठें और भगवान शिव की उपासना करें।
- शनि देव के मंत्र – ऊं शं शनैश्चराय नम: का जाप करें।
कैसे पा सकते हैं शनि की कृपा
- सत्य बोलने वाले और दूसरों की मदद करने वाले व्यक्ति पर शनि देव हमेशा कृपा बरसाते हैं।
- कमजोर और निर्बल लोगों की सेवा करने वाले जातक से भी शनि देव प्रसन्न रहते हैं।
- बड़े-बुजुर्गों की सेवा करने से भी शनि शांत रहते हैं।
- लंबी अवधि तक रहने वाले या फलदार पेड़ लगाने वाले व्यक्ति से भी शनि देव खुश रहते हैं।
- भगवान शिव के उपासकों पर भी शनि देव की विशेष कृपा रहती है।
शनि के लाल किताब के उपाय
- शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए मास-मदिरा छोड़ दें।
- नौकरी और व्यापार में लाभ हेतु जमीन में सुरमा दफनाएं।
- अपने जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाने के लिए बंदरों की सेवा करें।
- शिक्षा और उत्तम स्वास्थ्य के लिए बरगद के पेड़ की जड़ों पर मीठा दूध चढ़ाएं। लगातार 43 दिनों तक नंगे पांव शनि मंदिर जाएं।
- शनिवार के दिन माथे पर दूध या दही का तिलक लगाएं। सांप को दूध पिलाने से भी लाभ होगा।
- शनिवार के दिन काले कुत्ते को दूध पिलाएं।
जीवन को सुख और समृद्धि से संपन्न करने के लिए शनि देव को प्रसन्न करना बहुत जरूरी है। उपरोक्त बताए गए ज्योतिषीय उपायों की मदद से आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं। शनि के संबंध में आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए कि शनि देव अकारण किसी को कष्ट नहीं देते हैं बल्कि वो आपको वही फल देते हैं तो आपने किया हो इसलिए अगर आप शनि देव के प्रकोप से बचना चाहते हैं तो कोई भी पाप या अधर्म करने से बचें। इस तरह आप स्वयं को शनि के प्रकोप से बचा सकते हैं।