नए साल 2024 पर शनि करेंगे 5 राशियों का कल्याण
By: Acharya Rekha Kalpdev | 08-Jan-2024
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साल 2024 में सभी की नजर ग्रहों पर होती है। कौन सा ग्रह नए साल में किस प्रकार का फल देने वाला है। साल 2024 में राहु सारे साल मीन राशि में ही गोचर करेंगे। साल 2024 में गुरु अप्रैल तक मेष राशि और मई माह 2024 से वृषभ राशि में गोचर करने लगेंगे। मंद गति से भ्रमण करने वाले ग्रहों में राहु, गुरु ग्रहों के बाद शनि ग्रह से मिलने वाले फल विशेष होते हैं। शनि 2022 से कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं।
साल 2024 में शनि 15 फरवरी को अस्त होंगे और 21 मार्च को उदय होंगे, फिर 30 जून 2024 को वक्री होंगे और 15 नवम्बर 2024 को मार्गी हो जाएंगे। इस प्रकार शनि साल 2024 में राशि तो नहीं बदलेंगे, परन्तु शनि की गति में बदलाव अवश्य होगा। शनि के कुम्भ राशि में गोचर करने के समय में मकर, कुम्भ और मीन राशि की शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इसके अलावा कर्क और वृश्चिक राशि पर इस साल शनि की ढैय्या प्रभावी रहेगी। कुम्भ राशि शनि की मूलत्रिकोण राशि है, और शनि इस राशि में 27 साल बाद आये है, व् मार्च 2025 तक यहाँ रहने वाले हैं।
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मकर, कुम्भ, मीन, कर्क और वृश्चिक राशि इन पांच दृश्य पर शनि का विशेष प्रभाव रहेगा, इन राशियों के अलावा शनि की दृष्टि जिन जिन राशियों पर रहेगी, वो तीन राशियों भी शनि के प्रभाव में रहेंगी। आइये जानें की इन राशियों को शनि किस प्रकार के फल देने वाले हैं-
मकर राशि वालों को शनि क्या देंगे
शनि मकर राशि से अगली राशि कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं। इससे मकर राशि पर शनि साढ़ेसाती का तीसरा चरण चल रहा है। शनि मकर राशि के लोगो को शुभ फल इस साल में देंगे, क्योंकि मकर राशि उनकी अपनी राशि है। और उतरती हुई साढ़ेसाती मकर राशि वालों को मालामाल कर सकती है। पिछले 30 साल में किये गए कर्मों का फल सफलता, उन्नति, लाभ और सम्मान के रूप में मकर राशि वालों को प्राप्त हो सकता हैं।
कुम्भ राशि वालों के लिए शनि के फल
शनि इसी राशि पर गोचर कर रहे हैं, कुम्भ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। कुम्भ राशि भी शनि की अपनी राशि हैं, यह राशि उसकी अपनी मूलत्रिकोण राशि हैं। कोई भी ग्रह अपनी राशि के जातक को अशुभ फल नहीं देता हैं, हाँ यहाँ कुछ नियम जरूर हैं, यदि कोई व्यक्ति बेईमानी, अधर्म, अनैतिकता और क़ानून के विरुद्ध कार्य करता है तो ऐसे व्यक्ति के लिए शनि की साढ़ेसाती बहुत कष्टकारी रहती है। ईमानदारी, निष्ठां का पालन करना और जरूरतमंदों की सेवा करने से बुरे समय में भी अच्छा फल मिल सकता है। किसी के अधिकारों का हनन न करें, और सेवकों को न सताएं, इससे शनि प्रसन्न होकर अच्छे फल देते हैं। कुल मिलाकर शनि कुम्भ राशि के लोगों के लिए अच्छे फल देने वाले हैं।
मीन राशि वालों के लिए शनि के फल
मीन राशि देव गुरु बृहस्पति ग्रह की राशि है, शनि मीन राशि से बारहवीं राशि कुम्भ राशि में गोचर कर रहे हैं। मीन राशि से बारहवें शनि होने के कारण इस समय मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। हम सभी जानते है की शनि एक राशि में ढाई साल रहते हैं, इस प्रकार शनि की साढ़ेसाती के काल में शनि तीन राशियों से होकर गुजरते हैं। मीन राशि के स्वामी गुरु और शनि दोनों के आपसी रिश्ते मित्रता के नहीं है। इसलिए मीन राशि वालों को शनि साढ़ेसाती की अवधि के फल शुभ रूप में प्राप्त कम ही हो पाते है।
इन तीन राशियों के अलावा कर्क राशि इस समय शनि की ढैय्या के प्रभाव में हैं। कर्क राशि को शनि ग्रह किस प्रकार के फल दे रहे हैं, आइये देखें -
कर्क राशि
कर्क राशि से शनि इस समय गोचर में अष्ठम भाव में स्थित कुम्भ राशि पर गोचर कर रहे हैं। गोचर में शनि की इस स्थिति को शनि की अष्टम ढैय्या के नाम से जाना जाता है। शनि के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में काम अधिक करना पड़ सकता हैं। भागदौड़ और तनाव परेशान कर सकता है। कुटुंब में व्यर्थ की बातें सामने आ सकती है। रिश्ते सुख शान्ति में कमी की वजह बनेंगे। शनि की अष्ठम ढैय्या की अवधि में कर्क राशि वालों को अपनी सेहत का ख़ास ध्यान रखना चाहिए।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि से शनि का गोचर चौथे भाव पर हो रहा है, इसे कंटक शनि ढैय्या के नाम से जाना जाता है। राशि से चौथे शनि गोचर ह्रदय पर कष्ट देता है। इस समय में व्यक्ति अपने हृदय पर तबाव और तनाव महसूस करता है। शनि की दशम दृष्टि जन्मराशि वृश्चिक पर होने के कारण व्यक्ति उदास, निराश और थोड़ा नेगेटिव भी रहता है। कुल मिलाकर यह समय वृश्चिक राशि के व्यक्तियों के लिए सुखद और अच्छा नहीं कहा जा सकता है।