सफेद पुखराज की विशेषताएं तथा धारण करने से लाभ | Future Point

सफेद पुखराज की विशेषताएं तथा धारण करने से लाभ

By: Future Point | 11-Jun-2018
Views : 76107सफेद पुखराज की विशेषताएं तथा धारण करने से लाभ

हम सभी यह जानते हैं कि रत्न हमारे जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव डालते हैं। रत्न स्वयं में एक अद्भुत शक्ति रखते हैं यही कारण है कि इनके मोह जाल से नेता, अभिनेता तथा आमजन कोई बच नहीं पाता हैं। जिन व्यक्तियों के जीवन में कोई परेशानी चल रही हों उन व्यक्तियों को अपनी जन्मकुंडली किसी योग्य ज्योतिषी को दिखा कर अपना भाग्य रत्न जान लेना चाहिए।

साथ ही इस शुभ रत्न को शुभ मुहूर्त में पूर्ण विधि-विधान से धारण भी कर लेना चाहिए। रत्नों के बारे में कहा जाता हैं कि रत्न यदि धारक को शुभ हों जाएं तो व्यक्ति का जीवन रातों-रात बदल देते हैं। अन्यथा गलती से यदि रत्न अशुभ हों जाएं तो राजा भी रंक बन जाता हैं। जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए रत्न एक साधन का कार्य करते हैं। अनेक रत्नों में से एक रत्न सफेद पुखराज रत्न हैं। सफेद पुखराज एक बहुमूल्य रत्न हैं।

पुखराज रत्न को विभिन्न भाषाओं में अलग अलग नामों से जाना जाता हैं। पुष्पराग, पुखराज, टोपाज, सैफायर आदि इसके कुछ नाम हैं। जन्मपत्री में गुरु की शुभता प्राप्त करने के लिए सफेद पुखराज रत्न पहना जाता हैं।

पुखराज स्टोन की शुद्धता की जांच करने के लिए निम्न तरीकों को प्रयोग किया जाता हैं-

  • रत्न की शुद्धता की जांच किसी लैब में करायें।
  • रत्न को पूरे एक दिन कच्चे दूध में रहने दें। यदि ऐसा करने पर भी रत्न की रंगत या चमक में कोई बदलाव ना आए तो उसे असली रत्न जानें।
  • सांप या किसी जहरीले जंतु ने काट लिया हों तो काटे हुए स्थान पर पुखराज को घिसकर लगाने से जहर जाता रहता हैं।
  • जो पुखराज असली होता है वह अपने वजन से अधिक प्रतीत होता हैं।
  • यदि पुखराज को गाय के गोबर से रगड़ा जाए तो उसकी चमक में पहले से अधिक बढ़ोतरी होती हैं।
  • जब असली पुखराज को सफेद कपड़े में रखकर धूप में रखा जाएं तो उसमें से पीले रंग की किरणें दिखाई देती हैं।
  • आग में रखने पर पुखराज असली हों तो उसका रंग सफेद हो जाता हैं।
  • यह माना जाता हैं कि असली पुखराज में एक रेशा अवश्य होता हैं।

 

जाने अपनी सभी समस्याओं का समाधान पाएं: सम्पूर्ण महा कुंडली रिपोर्ट में 

सफेद पुखराज रत्न धारण करने के फायदे

ज्ञान प्राप्ति के लिए भी पुखराज रत्न (Pukhraj Ratna) धारण किया जाता हैं। यह रत्न विशेष रुप से गुरु की राशि के व्यक्तियों को धारण करने की सलाह दी जाती हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु कमजोर हों या अशुभ स्थिति में हों उन व्यक्तियों को पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए। इसके धारण करने से संतान, धन और योग्यता में बढ़ोतरी होती हैं।

न्याय, धर्म और शैक्षिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों को पुखराज रत्न पहनना चाहिए। प्रशासनि सेवाओं में कार्यरत व्यक्तियों को भी इस रत्न को पहनने से शुभ फल प्राप्त होते है। पुखराज रत्न को धारण करने से विवेक और स्मरणशक्ति बढ़ती हैं। इसके साथ ही यह रत्न आर्थिक स्थिति को प्रबल करता हैं। भाग्य प्रबल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

सफेद पुखराज किस राशि के व्यक्ति को धारण करना चाहिए और किसे नहीं?

  • जब गुरु ग्रह शुभ भावों का स्वामी होकर शुभ भाव में स्थित हों तो पीला पुखराज धारण करने की सलाह ज्योतिषी देते हैं। इसके अतिरिक्त जब गुरु की महादशा प्रभावी हो उस समय भी पीला पुखराज रत्न पहनना चाहिए।
  • गुरु, मंगल और चंद्र की राशि के जातक पुखराज रत्न पहन सकते हैं। गुरु की राशियों में धनु और मीन, मंगल की राशियों में मेष और वृश्चिक तथा चंद्र ग्रह की कर्क राशि हैं। इन सभी राशियों के व्यक्तियों को पुखराज रत्न पहनने से लाभ होता हैं। गुरु जब जन्मपत्री में केंद्र और त्रिकोण भाव में स्थित हों तो इस रत्न को पहनने से भाग्य प्रबल होता हैं।

पुखराज रत्न कैसे धारण करें / पुखराज रत्न धारण विधि

पुखराज रत्न की अंगूठी स्वर्ण धातु में शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन जड़ित कराएं। रत्न इस प्रकार लगवायें कि वह त्वचा को स्पर्श करता रहें। अंगूठी निर्मित होने पर इसे शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन अभिमंत्रित करा कर पूर्ण विधि-विधान के अनुसार धारण करें। पुखराज रत्न जड़ित अंगूठी को तर्जनी अंगूली में धारण करना चाहिए।

विधि

एक गहरे बर्तन में जल, शहद, घी, कच्चा दूध और शक्कर मिलाकर रखें, इससे अंगूठी को धोकर शुद्ध कर लें। इसके बाद अंगूठी को गंगाजल से धोकर शुद्ध कर लें। तत्पश्चात ईष्ट देव का पूजन करें और साथ ही बृहस्पति देव का भी पूजन करें। धारण करते समय गुरु मंत्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः का कम से कम एक माला जाप करें। अब अंगूठी धारण करें। साथ ही यथासंभव योग्य व्यक्ति को दान करें।

रत्न कितने समय बदल दें

पुखराज रत्न 3 साल में अपनी शक्तियां खो देता हैं। इसलिए 3 साल होने पर अंगूठी में रत्न को बदल देना चाहिए और नया रत्न धारण करना चाहिए।

सफेद पुखराज धारण के फायदे

यदि हम बात करें पुखराज की तो यह गुरु ग्रह का रत्न हैं। परन्तु सफेद पुखराज शुक्र ग्रह का रत्न हैं। और शुक्र ग्रह से संबंधित सभी शुभ फल पाने के लिए सफेद पुखराज रत्न पहना जाता हैं। सभी ग्रहों में शुक्र रत्न भौतिक सुख-सुविधाओं, वैभव और ऐश्वर्य और भोग विलास की वस्तुओं, कला व संगीत से जुड़ा रत्न हैं। इन सभी विषयों में शुभता प्राप्ति के लिए सफेद पुखराज रत्न धारण किया जाता हैं।

यह रत्न प्रेम विषयों में सफलता, फैशन, कला और अन्य सभी रचनात्मक कार्यों में सकारात्मक फल प्राप्ति के लिए इस रत्न को धारण किया जाता हैं। इसके साथ ही यह रत्न सुख-सुविधाओं, संपन्नता और धन-धान्य देने में भी उपयोगी साबित होता हैं। रत्न से अच्छे फल पाने के लिए यह आवश्यक हैं कि रत्न शुद्ध और उत्तम क्वालिटी का होने के साथ साथ चमकदार भी होना चाहिए।

 

यह भी पढ़ें: हकीक दिलाता है हर क्षेत्र में सफलता जानिए इसके लाभ और धारण करने की विधि

सफेद पुखराज खरीदते समय कौन सी बातों का ध्यान रखें

जब भी आप कोई रत्न खरीदें तो इस बात का खास ध्यान रखें कि इसकी शुद्धता की पूर्ण जांच अवश्य करा लें। अच्छा यह रहेगा कि आप रत्न अपने किसी विश्वसनीय व्यक्ति के संपर्क या डीलर से ही लें। रत्न धारण से प्राप्त होने वाले फल इस बात पर निर्भर करते हैं कि रत्न सही वजन, मूल्य और शुद्ध हों। रत्न की प्रमाणिकता का सर्टिफिकेट भी साथ ही लें तो अच्छा रहेगा। आप इसे ओनलाईन कम्पनियों से भी खरीद सकते हैं।

रत्नों की कीमत का निर्धारण

किसी भी रत्न की कीमत रत्न के वजन, स्पष्टता, आकार और गुणवत्ता और क्वालिटी पर निर्भर करती हैं। जो रत्न जितना अधिक चिकना, आभायुक्त, चमकदार और रंगदार होता हैं वह उतना ही अधिक मूल्यवान होता हैं।