कैसे दूर करें रसोई घर का वास्तु दोष बिना तोड़-फोड़ के? जानिए
By: Future Point | 24-Dec-2021
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परिवार के सदस्यों की खुशहाली और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है कि आपके घर में किचन भी वास्तु / Vastu सम्मत हो। घर में किचन की मुख्य भूमिका होती है, किचन में पकाया गया खाना आपको स्वस्थ, तनावमुक्त रखता है लेकिन अगर यही किचन गलत दिशा में हो तो सबसे पहले घर की महिलाओं पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अन्य सदस्यों को भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। आज जानते हैं वास्तु के अनुरूप घर में रसोईघर कहां रखना चाहिए।
किचन के लिए घर की दक्षिण-पूर्व दिशा अर्थात आग्नेय-कोण को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। विकल्प के रूप में आग्नेय दिशा की तरफ पूर्व में या फिर उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ पश्चिम दिशा में भी रसोई का निर्माण कर सकते हैं।
लेकिन भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं रखनी चाहिए, यहाँ किचन का होना एक बड़ा वास्तु दोष / Vastu Dosh माना गया है। इस दिशा में किचन होने से व्यक्ति अपने कौशल का इस्तेमाल नहीं कर पाता है जिस वजह से उसे अपने करियर में अस्थायित्व और घर-परिवार में खराब रिश्तों का सामना करना पड़ सकता है, यहाँ तक की बच्चों के विवाह में देरी हो सकती है।
रसोई का इस दिशा में होना घर में अनावश्यक खर्चों को बढ़ा सकता है। इसके आलावा घर के सदस्यों में रोग, दुर्घटना, संतान के प्रति चिंता भी इस दिशा में किचन होने का कारण हो सकते हैं।
ईशान कोण में किचन / Northeast kitchen -
घर के ईशान कोण में किचन का होना शुभ नहीं है। रसोईघर की यह स्थिति घर के सदस्यों के लिए भी शुभ नहीं है। इस स्थान में रसोईघर होने से निम्नप्रकार कि समस्या आ सकती है यथा -खाना बनाने में गृहिणी की रूचि नहीं होना, परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहना, धन की हानि, बेवजह खर्च, मानसिक तनाव, वंश वृद्धि रूक जाना तथा दुर्घटना इत्यादि का सामना करना पड़ता है। अतः भूलकर भी इस दिशा में रसोईघर नहीं बनवाना चाहिए।
उत्तर दिशा में किचन / North Facing Kitchen -
उत्तर दिशा रसोई घर के लिए अशुभ है। इस स्थान का रसोईघर आर्थिक नुकसान देता है इसका मुख्य कारण है कि उत्तर दिशा धन का स्वामी कुबेर का स्थान है यहाँ रसोईघर होने से अग्नि धन को जलाने में समर्थ होती है इस कारण यहाँ रसोई घर नहीं बनवाना चाहिए। हां यदि गरीबी जीवन या सब कुछ होने हुए भी कुछ नहीं है का रोना रोना है तो आप रसोईघर बना सकते है।
वायव्य कोण अर्थात उत्तर-पश्चिम दिशा में किचन / Kitchen in north-west direction -
विकल्प के रूप में वायव्य कोण में रसोईघर का चयन किया जा सकता है। परन्तु अग्नि भय का डर बना रह सकता है। अतः सतर्क रहने की जरूरत है।
पश्चिम दिशा में किचन / West Side Kitchen -
पश्चिम दिशा में रसोईघर (Kitchen) होने से आए दिन अकारण घर में क्लेश होती रहती है कई बार तो यह क्लेश तलाक का कारण भी बन जाता है। संतान पक्ष से भी परेशानी आती है।
नैर्ऋत्य कोण अर्थात दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन -
इस दिशा में रसोईघर बहुत ही अशुभ फल देता है। नैऋत्य कोण में रसोईघर बनवाने से आर्थिक हानि तथा घर में छोटी-छोटी समस्या बढ़ जाती है। यही नहीं घर के कोई एक सदस्य या गृहिणी शारीरिक और मानसिक रोग (Mental disease) के शिकार भी हो सकते है और इसके कारण गृह क्लेश तथा दुर्घटना की सम्भावना भी बढ़ जाती है।
दक्षिण दिशा में किचन / South side Kitchen-
दक्षिण दिशा में रसोई घर बनाने से आर्थिक नुकसान हो सकता है। मन में हमेशा बेचैनी बनी रह सकती है। कोई भी काम देर से होगा। मानसिक रूप से हमेशा परेशान रह सकते है।
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आग्नेय कोण अर्थात दक्षिण-पूर्व दिशा में किचन / Igneous angle i.e. kitchen in south-east direction-
आग्नेय कोण में रसोई घर बनाना सबसे अच्छा माना गया है। इस स्थान में रसोई होने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। घर के सदस्य स्वस्थ्य जीवन व्यतीत करते हैं।
पूर्व दिशा में किचन / East facing kitchen-
पूर्व दिशा में किचन होना अच्छा नहीं है फिर भी विकल्प के रूप में इस दिशा में रसोई घर बनाया जा सकता है। इस दिशा में रसोई होने से पारिवारिक सदस्यों के मध्य स्वभाव में रूखापन आ जाता है। वहीं एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी बढ़ जाता है। वंश वृद्धि में भी समस्या आती है।
रसोई घर का वास्तु दोष दूर करने के उपाय / Remedies to remove Vastu defects in kitchen -
रसोईघर/किचन में अनेक प्रकार के सामान होते हैं जिसमे सबका अपना विशेष महत्त्व है। रसोईघर में प्रयुक्त होने वाले सामान यदि उचित दिशा में नहीं रखा जाता है तो उसे वास्तु दोष माना जाता है। यह दोष होने पर जातक के घर परिवार में अनेक प्रकार की समस्या तो आती ही है साथ ही गृहिणी अर्थात House Wife के स्वास्थ्य के ऊपर इसका असर ज्यादा पड़ता है। अतः यथा सम्भव यह प्रयास करना चाहिए कि सभी सामान वास्तु के अनुरूप निर्धारित दिशा में हो।
जिस घर में रसोईघर दक्षिण-पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तु दोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेशजी की तस्वीर लगानी चाहिए।
रसोई घर में चूल्हा आग्नेय कोण में रखना चाहिए और खाना पकाने वाले का मुख पूर्व दिशा की ओर होना भी आवश्यक है, इससे धन की वृद्धि तथा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
पीने योग्य जल का भंडारण व हाथ धोने के लिए नल ईशान कोण में होना चाहिए।
रसोई में सिंक यानि कि बर्तन धोने की दिशा के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा शुभ मानी गई है।
टोस्टर, गीजर या माइक्रोवेव, ओवन आग्नेय कोण में रखना आपके लिए लाभदायक होगा।
मिक्सर, आटाचक्की, जूसर आदि आग्नेय कोण के निकट दक्षिण में रखना शुभ माना गया है।
एग्जॉस्ट फैन को पूर्वी दीवार पर लगाना श्रेष्ठकर माना गया है।
यदि रेफ्रीजिरेटर रसोई में रखना है तो इसे दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर रखें, ईशान या नैऋत्य कोण पर कदापि नहीं रखना चाहिए।
मसाले के डिब्बे, बर्तन, चावल, दाल, आटा आदि के डिब्बे दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम में रखना वास्तु सम्मत है।
रसोई घर का प्रवेश द्वार ईशान या फिर उत्तर दिशा की ओर होना शुभ माना जाता है।
खाली सिलेंडर नैऋत्य कोण में रखें एवं प्रयोग होने वाला सिलेंडर दक्षिण दिशा की ओर रखें।
रसोई घर में उत्तर या पूर्व दिशा की ओर खिड़की रखनी चाहिए।
सकारात्मक ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए रसोईघर की पूर्व या उत्तर की दीवार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाना बहुत शुभ माना गया है।