राहु की महादशा में कौन से देवी-देवता की पूजा करने से मिलते हैं शुभ फल
By: Future Point | 19-Jun-2023
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राहु की महादशा (Mahadasha of Rahu) व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण समय होता है। राहु की महादशा के समय व्यक्ति को कष्ट भोगना पड़ सकता है और उसे नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की पूजा करना महत्वपूर्ण हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि राहु की महादशा में किस विशेष देवी या देवता की पूजा करनी चाहिए और इसकी विधि क्या होती है।
राहु के बारे में जानकारी / Information about Rahu
रराहु एक नक्षत्रीय ग्रह है और हिन्दू ज्योतिष में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसे एक छाया ग्रह माना जाता है और यह चंद्रमा की गति को बाधित करता है। राहु धरती के दक्षिणी गोलार्ध में स्थित होता है और इसकी महादशा 18 साल तक चलती है। राहु को कुंडली में प्रथम घर का कारक माना जाता है और इसकी महादशा में व्यक्ति को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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राहु की महादशा / Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा व्यक्ति के जीवन में एक ऐसा समय होता है जब उसे निरंतर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस समय में व्यक्ति अस्थिरता, दुःख, विपत्ति और मानसिक तनाव का सामना कर सकता है। राहु की महादशा में व्यक्ति को अपनी भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
राहु की महादशा में पूजा का महत्व / Importance of worship in Rahu Mahadasha
राहु की महादशा में पूजा करने का महत्वपूर्ण कारण है कि इससे राहु की क्रोधित शक्ति को शांत किया जा सकता है और उसकी पूजा द्वारा समस्याओं का समाधान हो सकता है। राहु की महादशा में पूजा करने से व्यक्ति अपने जीवन में स्थिरता, ध्यान, और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कर सकता है।
राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की पूजा / Worship of a particular God or Goddess in the Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की पूजा करना शुभ माना जाता है। इसके लिए व्यक्ति अपनी प्राथमिकता और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के आधार पर एक देवी या देवता का चयन कर सकता है। इस पूजा से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे राहु की दशा में स्थिरता का अनुभव होता है।
राहु की महादशा में पूजा करने के नियम और विधि / Rules and method of worshiping in Rahu's Mahadasha
राहु की महादशा में पूजा करने के नियम और विधि निम्नलिखित हैं:
- पूजा के लिए एक शुभ मुहूर्त चुनें और उस समय पर तैयार रहें।
- पूजा के लिए एक साफ और शुद्ध स्थान चुनें।
- पूजा के लिए राहु की मूर्ति, यंत्र या फोटो का उपयोग करें।
- पूजा में उपयोग होने वाले सामग्री को सावधानीपूर्वक तैयार करें। इसमें दीपक, धूप, फूल, अर्क, पुष्प, नीवर, और प्रसाद शामिल हो सकते हैं।
- पूजा के दौरान मंत्र जाप करें I
- पूजा के बाद, देवी या देवता की अर्चना करें और उन्हें धन्यवाद दें।
- पूजा के बाद प्रसाद बांटें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
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राहु की महादशा में पूजा के लिए विशेष मंत्र / Special mantra for worship in Mahadasha of Rahu
जब हम राहु की महादशा में पूजा करने की बात करते हैं, तो विशेष मंत्रों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। इन मंत्रों का जाप करने से राहु की दशा में स्थिरता, शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। यहां हम आपको राहु की महादशा में पूजा के लिए कुछ विशेष मंत्रों के बारे में बता रहे हैं::
ॐ रां राहवे नमः
यह मंत्र राहु की पूजा के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से राहु की क्रोधित शक्ति को शांत किया जा सकता है और राहु की दशा में व्यक्ति को स्थिरता और सफलता प्राप्त हो सकती है। इस मंत्र का प्रतिदिन सूर्योदय के समय जाप करना चाहिए।
ॐ राहवे नमः
इस मंत्र का जाप करने से राहु की महादशा में स्थिरता और शांति की प्राप्ति होती है। यह मंत्र व्यक्ति को राहु के दुष्प्रभावों से बचाकर उसे सुरक्षित रखता है। रोज़ाना इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए ताकि राहु की प्रतिष्ठा हो और उसकी क्रोधित शक्ति शांत हो सके।
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
यह मंत्र राहु की महादशा में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इस मंत्र का जाप करने से राहु की दशा में व्यक्ति को उच्चतम स्तर की सुरक्षा मिलती है और यह उसे अशुभ ग्रह के दुष्प्रभाव से बचाता है। इस मंत्र का दिन में किसी भी समय जाप कर सकते हैं, लेकिन अधिकतम प्रभाव के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जाप करना चाहिए।
यह थे राहु की महादशा में पूजा के विशेष मंत्र जिनका जाप करके आप अपनी दशा में स्थिरता, शांति और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं। ध्यान दें कि इन मंत्रों का जाप सही तरीके से करें और पूर्ण श्रद्धा के साथ करें ताकि उनका प्रभाव आपके ऊपर शुभ फल दे।
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राहु की महादशा में पूजा करने के फायदे / Benefits of worshiping in Rahu's Mahadasha
राहु की महादशा में पूजा करने के फायदे काफी महत्वपूर्ण होते हैं। यह पूजा व्यक्ति को राहु के दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाने में मदद करती है और उसे स्थिरता, सफलता, और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है। आइए, हम राहु की महादशा में पूजा करने के कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में जानते हैं:
1. दुर्भाग्य से मुक्ति
राहु की महादशा व्यक्ति के जीवन में अनिष्ट और दुर्भाग्य का कारण बनती है। राहु की पूजा करने से उसके दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है। राहु की महादशा में पूजा करने से भाग्य में सुधार होता है और व्यक्ति के जीवन में अच्छे समय की प्राप्ति होती है।
2. सफलता की प्राप्ति
राहु की महादशा में पूजा करने से व्यक्ति को सफलता की प्राप्ति होती है। राहु व्यक्ति को अविश्वसनीय सफलताओं की प्राप्ति करवा सकता है और उसे अपूर्व यश प्राप्त करने में मदद कर सकता है। राहु की महादशा में पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में करियर, व्यापार, और वित्तीय सफलता की ऊर्जा बढ़ती है।
3. आध्यात्मिक उन्नति
राहु की महादशा में पूजा करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। राहु व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान और साधना में आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान करता है। राहु की महादशा में पूजा करने से व्यक्ति में आध्यात्मिक ग्रोथ होती है और उसे आत्मज्ञान, मन की शांति, और आध्यात्मिक संवेदनशीलता की प्राप्ति होती है।
राहु की महादशा में पूजा करने के फायदों के साथ-साथ, आप राहु की महादशा में नियमित रूप से मन्त्र जाप भी कर सकते हैं। यह आपकी पूजा को और अधिक प्रभावशाली बनाएगा और आपको अधिक से अधिक लाभ प्रदान करेगा।
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राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की माला का जाप / Chanting the rosary of a particular deity or goddess in the Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की माला का जाप करने का महत्वपूर्ण स्थान होता है। इससे व्यक्ति को राहु की दशा में स्थिरता, सुख, और आनंद की प्राप्ति होती है। विभिन्न देवी और देवताओं की माला का जाप करके राहु की दशा में समस्याओं से निजात मिलती है और व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यहां कुछ विशेष देवी और देवताओं की मालाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है:
1. माता दुर्गा की माला
माता दुर्गा की माला का जाप राहु की महादशा में काफी प्रभावशाली होता है। यह माला राहु के दुष्प्रभावों को दूर करके व्यक्ति को सुरक्षा और सफलता प्रदान करती है। माता दुर्गा की माला का जाप करने से व्यक्ति में धैर्य, साहस, और संकट से मुक्ति की ऊर्जा बढ़ती है। यह माला उच्चतम स्तर केआत्म-विश्वास की प्राप्ति करने में मदद करती है और व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायता प्रदान करती है।
2. माता काली की माला
माता काली की माला का जाप राहु की महादशा में व्यक्ति को शक्ति, सामर्थ्य, और अद्भुत पराक्रम प्रदान करता है। इस माला का जाप करने से व्यक्ति को राहु के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है और वह अपने जीवन में सफलता और विजय की प्राप्ति करता है। माता काली की माला का जाप व्यक्ति के मस्तिष्क में शांति और सम्पूर्णता की अनुभूति कराता है।
3. शिव-पार्वती की माला
शिव-पार्वती की माला का जाप राहु की महादशा में व्यक्ति को अच्छे समय, स्थिरता, और समरसता की प्राप्ति होती है। यह माला जाप व्यक्ति को राहु की दशा में उच्चतम स्तर की मानसिक और आध्यात्मिक समता प्रदान करता है। शिव-पार्वती की माला का जाप करने से व्यक्ति में उत्कृष्टता, सद्भावना, और समाधान की ऊर्जा जागृत होती है। यह माला जाप व्यक्ति को आनंद, सुख, और शांति की अनुभूति करता है।
यदि आप राहु की महादशा में किसी विशेष देवी या देवता की माला का जाप करना चाहते हैं, तो यह jaap आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। ध्यान और श्रद्धा के साथ यह जाप करने से आपको आध्यात्मिक उन्नति, स्वास्थ्य, धन, और सुख की प्राप्ति हो सकती है।
राहु की महादशा में पूजा करने की विधि / Method of worshiping in Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा में पूजा करने की विधि के बारे में जानने से पूजा का अर्थ और महत्व अधिक स्पष्ट होता है। यहां हम राहु की महादशा में पूजा करने की कुछ महत्वपूर्ण विधियाँ देखेंगे:
1. सामग्री की तैयारी
राहु की महादशा में पूजा करने के लिए सबसे पहले सामग्री की तैयारी करें। इसमें शुद्धता का ध्यान रखें और उचित सामग्री का चयन करें। आपको राहु की प्रतिमा, रंगों की पोशाक, पूजा की थाली, दीपक, धूप, पुष्प और प्रसाद की आवश्यकता होगी। सामग्री को अच्छी तरह से साफ करें और पूजा के लिए तैयार रखें।
2. स्थान का चयन
पूजा के लिए एक उचित स्थान का चयन करें। यह स्थान पवित्र, शांतिपूर्ण और वास्तुसंगत होना चाहिए। राहु की महादशा में पूजा करते समय स्थान को सुंदरता से सजाएं।
3. पूजा की विधि
राहु की महादशा में पूजा करते समय एक नियमित क्रम का पालन करें। सबसे पहले, पूजा की थाली पर राहु की प्रतिमा स्थापित करें। फिर दीपक को जलाएं और धूप और पुष्प को चढ़ाएं। मन्त्रों के साथ पूजा करें और राहु को अपनी भक्ति और प्रार्थना समर्पित करें। पूजा के बाद, प्रसाद को वितरित करें और उसे स्वयं भी खाएं।।
4. नियमित पूजा करें
राहु की महादशा में प्रचुर लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से पूजा करें। यह मासिक, साप्ताहिक, या रोजाना हो सकती है। ध्यान और भक्ति के साथ पूजा करने से राहु के दुष्प्रभावों को शांत करने में मदद मिलती है।
राहु की महादशा में पूजा करने की विधि आपको राहु के दुष्प्रभावों से रक्षा करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद कर सकती है। यह आपको शांति, समृद्धि, और समस्याओं के समाधान की प्राप्ति कराती है।
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राहु की महादशा में उपाय / Remedies in Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा में उपाय आपको राहु के दुष्प्रभावों से बचाने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद कर सकते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख उपायों के बारे में चर्चा करेंगे जो राहु की महादशा में आपकी सहायता कर सकते हैं:
1. मंत्र जाप
राहु की महादशा में मंत्र जाप करना एक प्रमुख उपाय है। "ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः" यह मंत्र राहु की शांति और उनके दुष्प्रभावों से रक्षा करने में मदद करता है। आप इस मंत्र का नियमित जाप कर सकते हैं, विशेष रूप से सुबह और शाम के समय।
2. दान करें
राहु की महादशा में दान करना भी एक प्रभावी उपाय है। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान कर सकते हैं, जैसे कि काला कपड़ा, सरसों, उड़द दाल, तिल, नीलम, लहसुन और तंबाकू। इससे आपको राहु के कारण उत्पन्न कर्मों के दोषों से छुटकारा मिल सकता है।
3. पूजा और आराधना
राहु की महादशा में पूजा और आराधना करना आपकी राहु के प्रति भक्ति और श्रद्धा को प्रदर्शित करता है। आप राहु की प्रतिमा को स्थापित कर सकते हैं और मंदिर में उनकी पूजा कर सकते हैं। इसके अलावा, आप राहु के विशेष मंत्रों का जाप और उनकी आराधना कर सकते हैं।
4. व्रत और उपवास
राहु की महादशा में व्रत और उपवास रखना भी उपयोगी हो सकता है। आप राहुदेव के व्रत को नियमित रूप से मनाएं और उपवास करें। इससे आपको राहु के दुष्प्रभावों से बचने में मदद मिल सकती है।
राहु की महादशा में उपाय आपको अनुकूलता, शांति, और सफलता प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपकी समस्याएं गंभीर हैं या आपको सहायता की आवश्यकता है, तो आपको एक विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह लेनी चाहिए।
राहु की महादशा में सत्यनारायण कथा का पाठ / Recitation of Satyanarayan Katha in Mahadasha of Rahu
राहु की महादशा में सत्यनारायण कथा का पाठ करने से आपको आनंद, शांति, और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति हो सकती है। सत्यनारायण कथा एक प्रमुख हिंदू पौराणिक कथा है जिसके समस्त भक्तजन अपने जीवन में समृद्धि और शुभकामनाएं प्राप्त करने के लिए पाठ करते हैं।
सत्यनारायण कथा का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
1. तैयारी का विधान
सत्यनारायण कथा के पाठ के लिए आपको पहले तैयारी करनी होगी। इसके लिए आप एक पूजा स्थल तैयार कर सकते हैं, जिसमें सत्यनारायण भगवान की प्रतिमा स्थापित करें। इसके साथ ही आपको विभिन्न पूजा सामग्री, पुष्प, धूप, दीप, पान, फल, नैवेद्य, और पानी के कलश की तैयारी करनी होगी।
2. कथा का पाठ
तैयारी के बाद आपको सत्यनारायण कथा का पाठ करना होगा। आप पूजा स्थल में बैठकर कथा का पाठ कर सकते हैं। शुरूआत में गणेश पूजन करें और फिर सत्यनारायण भगवान की आराधना करें। फिर ध्यान के बाद सत्यनारायण कथा का पाठ करें।
3. सत्यनारायण कथा की पाठशाला
सत्यनारायण कथा की पाठशाला में, आप प्रतिदिन एक अध्याय का पाठ कर सकते हैं या पूरी कथा को एक ही दिन में पढ़ सकते हैं। कथा का पाठ करते समय, ध्यान से श्लोकों का पाठ करें और उनके अर्थ को समझें। कथा के पठन के बाद, सत्यनारायण भगवान को समर्पण के साथ आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
सत्यनारायण कथा का पाठ करने से राहु की महादशा में आपको धन, स्वास्थ्य, और शुभकामनाएं प्राप्त होती हैं। यह एक सकारात्मक प्राथना है जो आपके मन को शुद्धि कर देती है और आपको राहु के दुष्प्रभावों से बचाती है।
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राहु की महादशा में सावन मास की पूजा / Worship of Sawan month in Rahu's Mahadasha
राहु की महादशा में सावन मास की पूजा बहुत महत्वपूर्ण होती है। सावन मास भगवान शिव के विशेष मास के रूप में जाना जाता है और इस मास में पूजा और व्रत अत्यंत शुभ माने जाते हैं। राहु की महादशा में सावन मास की पूजा करने से आप अपने जीवन में समृद्धि, सुख, और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
1. सावन मास की महत्वता
सावन मास को हिंदू पंचांग में भगवान शिव के विशेष मास के रूप में माना जाता है। इस मास में भगवान शिव की पूजा, अर्चना, और व्रत विशेष आयोजित किए जाते हैं। सावन मास में भगवान शिव को खुश करने के लिए अपनी भक्ति, श्रद्धा, और पूर्ण समर्पण का अवसर प्राप्त होता है। राहु की महादशा में सावन मास की पूजा करने से राहु के दुष्प्रभावों की शांति और संतुष्टि प्राप्त हो सकती है।
2. सावन मास में पूजा का तरीका
सावन मास में पूजा करने के लिए आप निम्नलिखित तरीके का अनुसरण कर सकते हैं:
भगवान शिव की पूजा
- सावन मास के पहले सोमवार से पूजा शुरू करें।
- शुद्ध और स्वच्छ रहें।
- भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के सामने बैठें।
- पूजा सामग्री जैसे जल, दूध, धूप, दीप, फूल, बेलपत्र, रुद्राक्ष माला, और कुछ मिठाई इत्यादि को तैयार करें।
- शिव मन्त्र के साथ भगवान शिव की पूजा करें। मन्त्रों को जाप करें और शिवलिंग को जल से स्नान कराएं।
- फूल, दीप, और अन्य पूजा सामग्री से आरती करें।
- भगवान शिव के सामक्ष प्रणाम करें और उनसे आशीर्वाद लें।
सावन सोमवार व्रत
- सावन मास के हर सोमवार को व्रत रखें।
- स्नान करें और शिवलिंग की पूजा करें।
- सावन सोमवार को माँ पार्वती और भगवान शिव की कथा सुनें और पढ़ें।
- पूजा के बाद भोजन करें, प्रसाद बांटें, और दूसरे भक्तों के साथ शिवजी की आरती करें।
सावन मास में पूजा करने से आप अपने जीवन में शुभता, आनंद, और समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं। यह आपको राहु की महादशा में सुरक्षा और सुख की प्राप्ति में मदद कर सकता है।
राहु की महादशा की महत्वपूर्ण बातों को संक्षेप में समझने के बाद, हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि इस ग्रह की महादशा में पूजा, विधि, और उपाय का महत्व बढ़ जाता है। यह समय आपके आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास के लिए एक अवसर प्रदान करता है और आपको ग्रह की शांति और संतुष्टि की प्राप्ति में मदद करा सकता है। राहु की महादशा में पूजा, मंत्र, माला का जाप, ध्यान, प्राणायाम, और उपाय करना आपकी आंतरिक स्थिति में स्थिरता, समृद्धि, और शांति का अनुभव कराता है। इसे करने से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं और आप अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए, राहु की महादशा में पूजा, विधि, और उपाय का निष्कर्ष यही है कि इनका पालन करना आपके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और आपको अपने उद्देश्यों और ध्येयों की प्राप्ति में सहायता प्रदान कर सकता है।
FAQ (पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या राहु की महादशा में पूजा और उपाय करना आवश्यक है?
राहु की महादशा में पूजा और उपाय करना आपके आध्यात्मिक और व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है। यह आपको राहु की शांति, समृद्धि, और सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
2. क्या राहु की महादशा में पूजा और उपाय केवल राहु ग्रह के लिए होते हैं?
नहीं, राहु की महादशा में पूजा और उपाय केवल राहु ग्रह के लिए ही नहीं होते हैं। इसमें आप अन्य देवी-देवताओं, की माला के जाप, प्राणायाम, ध्यान, और उपाय शामिल कर सकते हैं।
3. क्या मैं राहु की महादशा में स्वयं पूजा और उपाय कर सकता हूँ?
जी हां, आप राहु की महादशा में स्वयं पूजा और उपाय कर सकते हैं। हालांकि, यदि आपको विधि और उपाय के बारे में ज्ञान नहीं है, तो आपको एक पंडित की सलाह लेनी चाहिये।