कलयुग में हर तरफ राहु ही राहु - कुंडली में राहु को शुभ कैसे करें? | Future Point

कलयुग में हर तरफ राहु ही राहु - कुंडली में राहु को शुभ कैसे करें?

By: Acharya Rekha Kalpdev | 22-Mar-2024
Views : 2683कलयुग में हर तरफ राहु ही राहु - कुंडली में राहु को शुभ कैसे करें?

नवग्रहों में से मंगल ग्रह इस धरा का प्रतिनिधित्व करता है और धरा के नीचे जो कुछ है वह शनि है, धरा का पानी चंद्र है, धरा पर अग्नि सूर्य है। धरा पर हरियाली बुध है, धरा पर फल गुरु है, इस धरा पर सारा सौंदर्य शुक्र है, और पाताल से पृथ्वी के मध्य जो कुछ भी है, वह सभी राहु है और पृथ्वी से आकाश के मध्य जो कुछ है वह केतु है। राहु को सुधारना हो तो देवी सरस्वती जी की आराधना करें। राहु खर्चीला है, केतु कंजूस है। राहु को मायावी ग्रह कहा गया है, छाया ग्रह कहा गया है, यह सांसारिक रिश्ते नाते जो दिखते है, परन्तु होते नहीं है, यही राहु है, राहु भी छलावा देता है, पर अंत में कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। नवग्रहों में राहु अकेला ऐसा ग्रह है तो व्यक्ति को अरबपति और करोड़पति बना सकता है। मायावी शक्तियों के कारक राहु यूट्यूब और सोशल मिडिया से लाभ कमाना राहु के कारण है।

राहु देता रातों रात सफलता

नशे की वस्तुओं से जुड़ा व्यापार कर रहे, व्यक्तियों पर राहु का प्रभाव है। अनिद्रा के रोग, और नीति निर्माण का कार्य राहु देता है। राहु को आज के समय का सबसे प्रभावी ग्रह कहा जा सकता है। राहु सांसारिक इच्छाओं को व्यक्त करता है, भौतिक वस्तुओं के पीछे जातक भागता है। वैसे तो राहु भ्रम, शक, संदेह और संशय देता है साथ ही यह झूठ, उलझनों में भी फंसाता है। रिश्तों में राहु दादा जी है, काले बादल और घना कोहरा राहु है। राहु ठगी कराता है, फ्रॉड और फरेब राहु है। राहु खुद सर्प का मुख है इसलिए रेंगने वाले जीवों का प्रतिनिधित्व राहु करता है। तंत्र-मंत्र और जादू राहु है। सनातन धर्म के सारे धर्म विरोधी राहु है। भूत बाधा राहु है। दंगे फसाद राहु है। अचानक से कुछ भी घटित होना राहु से जोड़ा गया है। दांतों के रोग राहु की देन है। राहु वेषधारी रावण है, राहु आडम्बर है, दिखावा है, संसार की चकाचौंध राहु है। राहु न पूरी होने वाली इच्छा है। राहु कभी भोग विलास से संतुष्ट नहीं होता है। सार रूप में देखें तो राहु व्यक्ति को कई बार रातों रात करोड़पति और अरबपति बनाता है।

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राहु कभी हार नहीं मानता है

नवग्रहों में राहु ही केवल ऐसा एक मात्र ग्रह है जो व्यक्ति को बिना मेहनत के धन देने का सामर्थ्य रखता है। राहु प्रसन्न होने पर आये तो व्यक्ति को रातों रात अरबपति बना दे, और लेने पर आये तो रातों रात कंगाल बना दें। धन को माया का नाम दिया गया है, और राहु मायावी ग्रह है, साम, दाम, दंड और भेद से धन कमाना राहु का गुण है। दूसरों की तारीफ कर अपना काम निकालना राहु का काम है। राहु के पास चातुर्य है, इसलिए राहु कभी हार नहीं मानता, इसलिए राहु शुभ हो तो व्यक्ति राजनीति के खेल का धुरंधर खिलाडी होता है। राजनेताओं में एक बड़ा गुण होता है, वो अपने मान और अपमान दोनों को अधिक देर तक याद नहीं रखते है। अनदेखा कर आगे बढ़ जाते है। अचानक से धन कमाने के प्रयास राहु जनित होते है। लॉटरी, घुड़दौड़, शेयर-सट्टा और किसी प्रतियोगिता में बड़ा धन लाभ पाना राहु के प्रभाव से ही होता है।

जो कभी संतुष्ट न हो - वही राहु है

इंटरनेट, सोशल मीडिया, स्मार्ट फ़ोन, सोशल मीडिया पर अलग-अलग खाते राहु है। राहु से मोबाइल, दुर्बुद्धि, चातुर्य, मतभेद देता है। राहु और सांप एक जैसे है, राहु परछाई के समान है, इसलिए राहु दीखता है पर होता नहीं है। राहु को कम करना है तो परछाई को कम करना होगा। राहु को शांत करना हो तो केतु को बल दें। राहु जोड़-तोड़ से प्राप्त उच्च पद है, राजनीति में जोड़-तोड़ की गिरती सरकार है। आय से अधिक लाभ राहु है। ससुराल में मान है राहु। स्वार्थवश दूसरों को प्रभावित करना राहु है। मनोगत विज्ञानं राहु है, खगोल विज्ञानं है। दूर-दूर की यात्राएं है, राजनीति का खेल है, अचानक से बड़ा लाभ राहु है। राहु व्यसन में लेकर जाता है। परम्परों से हटाता है राहु। राहु प्रभाव से महत्वकांक्षाएं हावी हो जाती है। रात-रात भर जागना राहु है।

पाताल से लेकर पृथ्वी तक राहु

सारे ग्रह एक तरफ और राहु का प्रभाव एक तरफ, राहु व्यक्ति को कल्पनाओं में लेकर जाता है, वास्तविकता से रूबरू नहीं होने देता। राहु बिगड़े हाथी की तरह है, एक बार अगर बिगड़ जाए तो फिर सब कुछ तहस-नहस कर देता है। वही हाथी जब सधा हुआ हो तो इतना धन देता है की संभालना मुश्किल हो जाता है। जिन भी लोगों ने रातों रात सफलता पाई है, उन लोगों की कुंडली में राहु बहुत अच्छी स्थिति में होता है। राहु, सूर्य-चंद्र को ग्रहण लगाता है। राहु व्यक्ति को कूटनीति, धूर्त्तनीति, राजनीति, गुप्तचर का धनी बनाता है. भगवन शिव के अलावा राहु को कोई नहीं समझ सकता। कलयुग में राहु ही छाया हुआ है, जीवन भर का भटकाव राहु है, राहु का प्रभाव शुरू होने से पहले व्यक्ति का विवेक काम करना बंद कर देता है। अगर कुछ समझ नहीं आ रहा हो तो कुंडली देखनी चाहिए, उसमें दशा का सम्बन्ध राहु से आ रहा होगा। राहु चकाचौंध का जीवन देता है, भोग विलासिता सब राहु की मेहरबानी है। कलयुग में जिस ग्रह का प्रभाव सबसे अधिक मिलता है वह राहु है। पाताल से लेकर पृथ्वी तक राहु ही राहु है।

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राहु को खुश कैसे करें?

  • राहु की कारक वस्तुएं - सीसा, सर्प, काला रंग, काले तिल, जौ, सरसों का तेल, काले रंग के पुष्प, हाथी, कच्चे कोयले, अभ्रक, मछली, गर्म कपड़े, बिजली के यंत्र, नीलगाय, धुआं, कुंडली में राहु जिस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता हो उस ग्रह की वस्तुएं, गोमेद।
  • शनिवार के दिन अपने वजन के समान जौ लेकर, उसके 18 एक समान भाग कर लें। प्रत्येक भाग को एक काले रंग के कपड़ें में रख कर बांध कर रख दें। इसमें से प्रत्येक बुधवार एक पोटली ले, उस पर दूध का छींटा मार दें, और अपने सिर से घडी की दिशा के विपरीत दिशा में सात बार घुमा कर पोटली को बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
  • प्रत्येक 18 बुधवार, सूर्यास्त के बाद, यह उपाय करें, सरसों के तेल का दीपक लेकर उसमें छाया देखकर, बाती डालकर जलाएं, और सामने बैठकर राहु मन्त्र-ॐ रां राहवे नम: का कम से कम एक माला जाप करें।
  • राहु प्रभावित व्यक्ति को चांदी का एक टुकड़ा हमेशा अपनी जेब में रखना चाहिए।
  • कुत्ते को रोटी खिलने से राहु दोष दूर होते है।
  • राहु की शांति के लिए माथे पर चन्दन का टीका लगाना चाहिए।
  • राहु के दोष दूर करने के लिए नियमित रूप से गंगा स्नान करना चाहिए।
  • शनिवार के दिन का व्रत करने से भी राहु ग्रह के दोषों की शांति होती है।
  • लोहे का कड़ा या छल्ला धारण करने से शनि शांति होती है, शनि को राहु के समान कहा गया है।
  • कोढ़ियों के आश्रम में सेवा और दान करने से राहु ग्रह की शांति होती है।
  • लगातार 18 शनिवार व्रत करने से राहु ग्रह की शांति होती है।
  • शनिवार के दिन काले वस्त्र धारण करने से राहु के दोषों में कमी होती है।
  • राहु की कृपा पाने के लिए शनिवार के दिन भैरव मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  • राहु की शांति के लिए हनुमान चालीसा और हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
  • ससुराल पक्ष के साथ रिश्ते मधुर रखने से राहु के दोष नहीं लगते है।
  • सोमवार के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से राहु जनित दोष दूर होते है।
  • राहु एक सर्प है, और सर्प के फैन को शांत रखने के लिए आवश्यक है कि उस पर कोई भार रखा जाए।
  • गरीब कन्याओं का विवाह कराने से भी राहु दोष कम होता है।
  • राहु कुंडली में त्रिकोण भाव में स्थित हो तो जातक को गोमेद रत्न धारण करना चाहिए।
  • स्नान के जल में कुशा डालकर नहाने से राहु दोष कम होती है।
  • कुंडली में राहु की स्थिति शुभ होने पर स्नान के जल में कस्तूरी, गजदंत और लोबान (चुटकीभर) मिलाकर स्नान करना चाहिए।
  • राहु की शांति के लिए निम्न वस्तुओं को एक काले वस्त्र में बांधकर पोटली बनाये और सूप में रखकर किसी गरीब को दान में दे दें।
  • राहु वस्तुएं - नीला वस्त्र, काला वस्त्र, काले तिल, काला कम्बल, सूप, सरसों के तेल से भरा पात्र, लोहा, सप्तधान्य, अभ्रक, गोमेद और खडग।
  • राहु को खुश करने के लिए- शीशे के 8 टुकड़े लेकर शनिवार के दिन बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए।
  • पंचधातु पर राहु यन्त्र बनवाकर मंदिर में स्थापित कर नित्य दर्शन पूजन करें।
  • राहु को शांत करने के लिए रात में सोने से पहले नमक के पानी में पैर धोकर सोने से राहु शांत रहता है और अनिद्रा रोग को दूर करता है।
  • भगवान शिव ने सर्प धारण किया है, भगवन शिव का दर्शन पूजन करने से राहु शांत रहता है।
  • राहु को शांत करने के लिए देवी सरस्वती जी की आराधना नित्य करनी चाहिए।
  • राहु का प्रभाव ईश्वर में आस्था रखने, धर्म से जुड़ने से कम होता है।