पूजा में इन दो रंगों का इस्तेमाल बना सकता है आपको पाप का भागी
By: Future Point | 27-Oct-2018
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जीवन से सभी समस्याओं और कष्टों से मुक्ति पाने का सबसे सरल तरीका है ईश्वर की पूजा करना। पूजा करने से ना केवल मन को शांति मिलती है बल्कि भक्ति करने से जीवन के सारे संकट भी दूर होने लगते हैं। पूजा करने से ईश्वर तुरंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना को पूर्ण करते हैं।
शास्त्रों में पूजा के लिए कई तरह के नियम भी बनाए गए हैं जिनका अगर आप पालन नहीं करते हैं तो आपको उस पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता है। वराहपुराण में भगवान वराह ने पूजन के नियमों का वर्णन किया है। इन नियमों में पूजन में शामिल होने के लिए कुछ विशेष रंगों का उल्लेख भी किया गया है।
इसके अनुसार पूजा में कुछ विशेष रंग के कपड़ों को पहनकर बैठना अशुभ माना गया है। आज हम आपका यही बताने जा रहे हैं कि पूजन में किस रंग के कपड़ों को पहनना वर्जित माना गया है।
पूजा में ये दो रंग हैं अशुभ
नीले और काले रंग को अशुभ माना गया है इसलिए पूजा में इन दो रंगों के कपड़े पहनकर नहीं बैठना चाहिए। शुभ कार्यों में भी इन दोनों रंगों को वर्जित किया गया है। अगर आप इन रंगों के वस्त्र पहनकर पूजा में शामिल होंगें तो हो सकता है कि आपके ईष्ट देव आपसे नाराज़ हो जाएं।
किस देवता के लिए है कौन-सा रंग
- भगवान शिव को काला रंग बिलकुल भी पसंद नहीं है। शिव पूजन में इस रंग का प्रयोग बिलकुल ना करें। सोमवार के व्रत एवं पूजन में हरे या किसी अन्य रंग के वस्त्र पहन सकते हैं।
- हनुमान जी स्वयं हमेशा नारंगी रंग के वस्त्र पहनते हैं इसलिए हनुमान जी की पूजा में इसी रंग का उपयोग करें।
- बुधवार के व्रत या गणेश पूजन में हरे रंग के वस्त्र पहनना बहुत शुभ रहता है। गणेश जी को हरा रंग बहुत प्रिय है और उनके पूजन में इस रंग का प्रयोग करने से वो आप पर शीघ्र प्रसन्न हो सकते हैं।
- भगवान विष्णु, साईं बाबा या बृहस्पतिवार की पूजा एवं व्रत में पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। सुनहरा, गुलाबी और नारंगी रंग भी आप पहन सकते हैं।
- शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है और इस दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना शुभ रहता है। शुक्रवार के व्रत एवं पूजन में काले रंग के वस्त्र बिलकुल ना पहनें।
- शनि देव को काला रंग प्रिय है इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र जरूर धारण करें। शनिवार के व्रत एवं पूजन में काले रंग के कपड़े पहन सकते हैं।
पूजा में ये रंग होता है अत्यधिक शुभ
ज्योतिष में पीले एवं केसरियां रंग को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। पीला रंग देवताओं के गुरु बृहस्पति देव को अत्यंत प्रिय है और इस रंग का संबंध उनसे ही माना जाता है। अध्यात्म और धर्म का कारक बृहस्पति को माना गया है। पूजा में पीले रंग के वस्त्र पहनने से मन स्थिर रहता है और मन में नकारात्मक विचार नहीं आते हैं।
केसरिया और पीले रंग को अग्नि का प्रतीक भी माना गया है। ये दोनों रंग बहुत पवित्र होते हैं। मान्यता है कि पीला रंग पहनने से मन में पवित्र विचार आने लगते हैं। बस यही कारण है कि पूजा में पीले रंग के प्रयोग पर ज्यादा जोर दिया जाता है।
काले रंग का प्रभाव
पूजा एवं शुभ कार्यों आदि में काले रंग को बहुत अशुभ माना गया है। इस रंग के बारे में कहा जाता है कि ये रंग कुछ भी लौटाता नहीं है बल्कि सब कुछ अपने अंदर सोख लेता है। अगर आप किसी ऐसी जगह पर हैं जहां एक विशेष कंपन या शुभ ऊर्जा है तो आपके पहनने के लिए सबसे उत्तम रंग काला है। ये रंग ऐसी जगह से ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा ले सकता है।
सफेद रंग का महत्व
मृत्यु के समय अंतिम विदाई के दौरान मृत शरीर को सफेद रंग के वस्त्र में लपेटा जाता है। इस दौरान शरीर लाखों-करोड़ों चीज़ों के संपर्क में आता है और ऐसे में सफेद रंग सबसे अच्छा माना जाता है। ये रंग कुछ भी ग्रहण नहीं करता बल्कि सब कुछ छोड़ देता है। मृत्यु भी इसी प्रकार होती है जिसमें कुछ शेष बाकी नहीं होता। सफेद रंग की तरह मृत्यु के बाद आप सब कुछ वापिस कर परावर्तित कर देना चाहते हैं।
इस तरह ज्योतिषशास्त्र में रंगों का अलग-अलग महत्व है। अब तो आप जान ही गए हैं कि किस देवता के पूजन में किस रंग का प्रयोग करना चाहिए। इस जानकारी की सहायता से आप पूजा का पूरा फल प्राप्त कर सकते हैं और ईष्ट देवता को प्रसन्न कर मनवांछित फल की प्राप्ति भी कर सकते हैं।