नीच भंग राजयोग है कुंडली में तो, व्यक्ति बनता है करोड़पति
By: Future Point | 17-Mar-2020
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ज्योतिष शास्त्र में 'नीचभंग राजयोग' को अत्यंत शुभ माना गया है। यह योग जातक को राजा के समान धनवान बनता है, इसके प्रभाव से जातक जीवन में करोड़पति बनता है, जिस जातक की जन्मपत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' होता है उसे अपने जीवन में धन, पद, प्रतिष्ठा, स्त्री, पुत्र, आरोग्य आदि का सुख प्राप्त होता है। ऐसा नहीं है कि इस योग के होने से व्यक्ति जन्म से ही राजा बनकर पैदा होता है, यह योग जिनकी कुण्डली में बनता है उन्हें प्रारम्भ में कुछ मुश्किल हालातों से गुजरना पड़ता है जिससे उनका ज्ञान व अनुभव बढ़ता है, और इन्हें कुछ ऐसे अवसर मिलते हैं जिनसे कारण ये अच्छी पद प्रतिष्ठा प्राप्त करते है, और जीवन में सफलता को प्राप्त करते हैं, कई बार हमने ऐसी कुण्डलियां देखी हैं जिसमें एकाधिक ग्रह अपनी नीच राशि में मौज़ूद होते हैं। ऐसा होने से ग्रह बुरी तरह प्रताड़ित होता है और अशुभ फल देने वाला हो जाता है। ज्यादातर ज्योतिषी इसे अशुभ इसलिए मानते हैं क्योंकि इस अवस्था में ग्रह की स्थिति और बलाबल काफी कम होने से वह संबंधित भाव के लिए तथा अपने कारकत्व वाली वस्तुओं के लिए नुकसानदेह साबित होता है। कोई ग्रह नीच कब माना जाता है? जब भी ग्रह अपनी उच्च राशि से सातवीं राशि पर जन्मकालीन स्थिति में मौज़ूद होता है, ऐसे में उसका बल क्षीण हो जाता है।
ऐसी अवस्था में प्रायः वह कम फल देने में सक्षम होता है। इसलिए उसे शुभता नहीं प्राप्त हो पाती है तथा वह जिस स्थान पर उपस्थित होता है उसके लिए सामान्यतः अशुभकर्ता हो जाता है। किंतु सभी परिस्थितियों में नीच का ग्रह अशुभ फल ही करे, ऐसा बिलकुल नहीं है। लेकिन यदि कोई ग्रह कुण्डली में नीच राशि में बैठा हो तो बिना उसकी वास्तविक स्थिति जाने कोई फलादेश करना सही नहीं होगा। कई ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें नीच राशि में बैठा हुआ ग्रह, उच्च के ग्रह जैसा फल देने लगता है। इस खास स्थिति को नीच भंग राजयोग कहते हैं। नीच भंग राजयोग के फलादेश के साथ साथ ज्योतिषी को कुंडली मे यह भी देख लेना चाहिए कि यह नीच भंग राजयोग किस योग को सपोर्ट कर रहा है, यह योग जिस ग्रह को स्पोर्ट कर रहा होता है, जातक उसी व्यवसाय में अपना करियर बनाता है, जैसे फिल्म स्टार, चिकित्षक, क्रिकेटर, राजनीति , गायन, धार्मिक संत या कथाकार, ज्योतिष, क्राइम या प्रशासनिक सेवा के बड़े अधिकारी या सैनिक अधिकारी, जैसे उच्च पदों को प्राप्त करता है, इसके प्रभाव से व्यक्ति को मान-सम्मान व प्रतिष्ठा मिलती है, और व्यक्ति जीवन में सभी भौतिक सुखों को भोगने वाला होता है|
नीच भंग राजयोग की स्थितियां-
यदि कुंडली में दो ग्रहो की युति हो, और जिस राशि में एक ग्रह नीच का हो उसी राशि में दूसरा ग्रह उच्च का हो जाये तो नीच भंग राजयोग बनता है, यह योग जीवन में हर सुख को देने वाला होता है|
यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुण्डली में कोई ग्रह नीच राशि में बैठा हो, और उस राशि का स्वामी उस नीच ग्रह के साथ युति करे तो नीच भंग राजयोग बनता है|
यदि नीच राशि का स्वामी ग्रह किसी भी भाव से अपनी स्व राशि को देख रहा हो तो नीच भंग राजयोग हो जाता है इसके प्रभाव से जातक के पास राजा के सामान सुख सुविधाएं होती है|
यदि नीच राशि का स्वामी ग्रह किसी भी भाव मे उच्च होकर बैठा हो तो नीच भंग राजयोग बन जाता है। जातक साम दाम दंड से बहुत उन्नति करता है|
अगर नीच राशि का स्वामी ग्रह स्व राशि मे ही नीच ग्रह के साथ बैठा हो तो नीच भंग राज बन जाता है। जातक बहुत संपत्ति का मालिक होता है|
अगर नीच राशि का स्वामी ग्रह जिस राशि मे उच्च होता है, वह ग्रह केंद्र मे बैठा हो तो नीच भंग राजयोग बन जाता है|
नीच भंग राजयोग ग्रह-
सूर्य से बनने वाला नीच भंग राजयोग जातक को सरकार और राज्य की ओर से लाभ दिलाने वाला होता है| व्यक्ति अपनी नीतियों को वरिष्ठ लोगों के सहयोग से आगे ले जाने में सक्षम होता है,
चंद्रमा के नीच भंग होने पर जातक सिचाई विभाग से सम्बंधित कार्य एवं तकनिकी कर्मचारी ,प्रकाशक, कलाकार, पेंटर, दुग्ध कारोबार से संबंध रखने वाले ,सामुद्रिक वस्तुए शंख सीप ,मछली आदि सामुद्रिक उत्पादनों का विक्रेता होना स्वाभाविक है। ये व्यक्ति सदा स्त्रियों से लाभान्वित एवं अनुगृहीत रहते है।इसके साथ ही ज्ञानी और प्रेम पुर्वक व्यवहार करने वाले होते हैं|
मंगल से बनने वाले इस योग में जातक अधिक उग्र हो जाता है, जल्दबाजी में काम करने वाला होता है, व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिलती है, प्रोपर्टी से लाभ प्राप्त होता है| पुलिस या सेना की नौकरी, अर्ध-सैनिक बलों की नौकरी, अग्नि-शमन सेवाएं, खेलों आदि के कार्यों से लाभ मिलता है,
बुध से बनने वाले नीच भंग राजयोग में जातक अपनी बुद्धि का उपयोग करके मेहनत से जीवन में सफलता प्राप्त करता है, व्यापार में वृद्धि और उन्नति होती है, जातक को सही दिशा का बोध कराने वाले मित्र भी मिलते हैं, और अपने लोगों का सहयोग भी मिलता है,
बृहस्पति से बनने वाले इस योग के द्वारा जातक अपने ज्ञान और चतुराई से आर्थिक उन्नती पाता है, काम काज में कुशल होता है,
शुक्र से बनने वाले इस योग में जातक धनवान और लोगों के मध्य प्रसिद्धि पाने वाला बनता है, और जीवन में भौतिक सुखों की प्राप्ति करता है, व्यक्ति में अहंकार भी अधिक हो सकता है अथवा दिखावे की प्रवृति भी रह सकती है|
शनि से बनने पर इस योग के प्रभाव से व्यक्ति में कार्यकुशलता के साथ साथ व्यवहारिकता का ज्ञान भी अच्छा होता है, और जातक निरंतर अपने प्रयासों से जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करता है|
इन लोगों को नीचभंग राजयोग ने दी सफलता की ऊंचाईयां-
अनिल अंबानी-
अनिल अंबानी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।अनिल अंबानी जी की कुंडली मकर लग्न और वृषभ राशि की है, इनकी कुंडली में चतुर्थ और दशम भाव का स्वामी मंगल नीचस्थ अवस्था में सप्तम भाव में स्थित है। चंद्रमा की कर्क राशि में मंगल नीचस्थ होता है, कर्क राशि का स्वामी चंद्र उच्चस्थ अवस्था में केंद्र में स्थित है। लाभेश मंगल का नीचभंग चंद्रमा से होने और धन कारक गुरु की नवम दृष्टि ने इन्हें अत्यंत विशाल धन-सम्पदा का मालिक बनाया।
शरद पवार-
शरद पवार जी की जन्मकुंडली में वृश्चिक लग्न और मेष राशि है। इनकी कुंडली में शनिदेव नीच राशि में स्थित है। नीचस्थ शनि मंगल की राशि में नीच अवस्था प्राप्त कर रहा हैं, नीच राशि का स्वामी मंगल चंद्रमा से सप्तम में, केंद्र में स्थित है। मंगल स्वराशि में शुक्र के साथ स्थित होकर नीच भंग राजयोग का निर्माण कर शुभता प्रदान कर रहा है। शरद पवार राजनैतिक क्षेत्र में एक जाना-माना नाम है। इन्हें यह नाम और प्रसिद्धि एकादश भावस्थ राहु ने दिलाई। राहु इस कुंडली में लाभ भाव में शुभ अवस्था में स्थित है। नीचस्थ शनि की दशा में इन्होंने सक्रिय रुप से राजनीति में अपना कार्य शुरु किया व अपनी पार्टी का निर्माण किया और राजनीति में सफलता की सीढ़ी पर प्रथम कदम रखा। और आगे चल कर राजनीति में प्रसिद्धि व सफलता प्राप्त की|
विशेष :-
किसी भी जातक की कुण्डली में बनने वाला राजयोग एक शुभ और बहुत प्रभावशाली योग होता है, व्यक्ति को इस योग के प्रभाव से जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है. उसे संघर्ष अधिक नहीं करने पड़ते हैं और किसी न किसी रुप में वह दूसरों का सहयोग भी प्राप्त कर लेता है. लेकिन इसके विपरीत स्थिति नीच भंग राजयोग की होती है, इसमें शुभ प्रभाव सीधे रुप में न मिलकर व्यक्ति को कष्ट के साथ प्राप्त होते हैं अधिक अच्छा हासिल तो होता है लेकिन उसके लिए संघर्ष की स्थिति भी अधिक रहती है, जातक संघर्ष करके धनवान बनता है, यही नीच भंग राजयोग का महत्वपूर्ण सार है|
आप फ्यूचर पॉइंट के माध्यम से अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाकर अपनी कुंडली में बनने वाले नीचभंग और अन्य राजयोगों के बारे में जान सकते है|