मूंगा रत्न दिलाएगा मगंल ग्रह से जुडी सभी समस्यांओ से छुटकारा ।
By: Future Point | 29-May-2019
Views : 8535
मूंगा एक तरह की जैविक लकड़ी है यह समुद्र की गहराई में पाई जाती है, इसकी साफ़ सफाई करके तराशा जाता है तभी यह मूंगा बनता है, मूंगा दो आकार में पाया जाता है, एक कैप्सूल के आकार में और दूसरा त्रिकोण के आकार में पाया जाता है, मूंगा लाल व नारंगी रंग में मिलता है.
मूंगा मंगल का रत्न है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल देव के शुभ फल नही मिल रहे हैं तो उस स्थिति में मूंगा रत्न को धारण किया जाता है, मंगल साहस, बल और ऊर्जा का प्रतिक माना जाता है, और अस्थि संबंधी रोग मंगल की ख़राब स्थिति के कारण ही होते हैं, जिन व्यक्तियों की कुंडली में मंगल देव शुभ स्थिति में होते हैं परन्तु निर्बल होते हैं और फल देने में कमजोर होते हैं उन व्यक्तियों को मूंगा धारण करना चाहिए।
मूंगा को कौन से लग्न के जातक धारण कर सकते हैं-
मेष लग्न, कर्क लग्न, सिंह लग्न, वृश्चिक लग्न, धनु लग्न, मीन लग्न के जातकों को ही मूंगा धारण करना चाहिए।
मूंगा रत्न किस लग्न के जातकों को धारण नही करना चाहिए –
वृषभ लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न, तुला लग्न, मकर लग्न और कुम्भ लग्न के जातकों को कभी भी मूंगा धारण नही करना चाहिए।
मूंगा रत्न धारण करने के लाभ -
Buy red coral(moonga) online at Future Point Astroshop
मूंगा रत्न के गुण-
मूंगा चमकदार रत्न होता है और बहुत चिकना होता है, धनत्व अधिक होने के कारण इसका औसत वजन भी अधिक होता है मंगल का रत्न प्रकाश पड़ने पर सिंदूरी रंग की आभा प्रकट करता है।
मूंगा रत्न धारण करने की विधि –
- 5 से 8 कैरेट का मूंगा (अपने वजट के अनुसार) सोने या तांबे की अंगूठी में जड़वा लें।
- शुक्ल पक्ष के किसी भी मंगलवार को सूर्योदय के पश्चात् पंचामृत, गंगाजल, दूध, शहद और घी से इसे शुद्ध करने के पश्चात् इसका पूजन करें.
- मूंगा रत्न की अंगूठी को दायें हाथ की अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए।
- मूंगा धारण करते समय अंगूठी का पूजन करने के बाद ऊं अं अंगारकाय नम: मंत्र का दस हजार बार जाप करें।