मासिक शिवरात्रि 2021 - जानें तिथि व मुहूर्त
By: Future Point | 07-Feb-2021
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सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। शिवरात्रि शिव और शक्ति की आराधना का महान पर्व है। फ्यूचर पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। माना जाता है कि शिवरात्रि के मध्य रात्रि में भगवान शिव एक लिंग के रुप में प्रकट हुए थे। यह रात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की मध्य रात्रि थी। तब से इस पर्व को हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महा शिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाता है। परंतु इसके अलावा हर माह में एक शिवरात्रि की तिथि पड़ती है। जिसे मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। फ्यूचर पंचांग के अनुसार साल में कुल बारह मासिक शिवरात्रि पड़ती है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का बहुत महत्व है।
मासिक शिवरात्रि पर्व -
फ्यूचर पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। माना जाता है कि एक बार महादेव शिव बहुत क्रोधित हो गए, और उनकी तपिस से देवता भयभीत हो उठें। देवों ने माता पार्वती से भगवान शिव को मनाने के लिए आग्रह किया। माता ने देवों के आग्रह को स्वीकार्य कर भगवान शिव को शांत करने के लिए आराधना शुरू की। जिससे प्रसन्न होकर शिव ने माता पार्वती से वर मांगने के लिए कहा माता ने शिव से शांत होने के लिए कहा। भगवान शिव माता के निःस्वार्थ भाव को देख बोले, देवी आज आपने मानव कल्याण के लिए मेरी उपासना की है जिसके फलस्वरूप में वरदान देता हूं कि जो भक्त इस दिन मेरी आराधना करेगा मैं उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करूंगा। तब से इस तिथि को हर माह मासिक शिवरात्रि मनाया जाने लगा। जो भी भक्त मासिक शिवरात्रि व्रत का पालन करना चाहता है, वो महाशिवरात्रि के दिन से शुरू कर सकता है और इसे एक साल तक जारी रख सकता है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व -
शिवरात्रि के व्रत की महिमा अत्यंत श्रेष्ठ है, लेकिन हर महीने आने वाला मासिक शिवरात्रि का व्रत भी बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि में व्रत, उपवास रखने और भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करने से सभी मनोमनाएं पूरी होती हैं। इस व्रत को करने से हर मुश्किल कार्य आसान हो जाता है और जातक की सारी समस्याएं दूर होती हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन की महिमा के बारे में यह भी कहा जाता है कि वो कन्याएं जो मनोवांछित वर पाना चाहती हैं इस व्रत को करने के बाद उन्हें उनकी इच्छा अनुसार वर मिलता है और उनके विवाह में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं। शिव पुराण के अनुसार जो भी सच्चे मन से इस व्रत को करता है उसकी सभी इच्छाएँ पूरी हो जाती हैं।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि -
मासिक शिवरात्रि के इस पर्व को प्रत्येक सम्प्रदाय के हिन्दुओं द्वारा मनाया जाता है। जो भक्त मासिक शिवरात्रि करने की इच्छा रखते हैं उन्हें मासिक शिवरात्रि का प्रारम्भ महाशिवरात्रि के दिन से करना चाहिए। इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस व्रत व तप की शुरुआत करने का सबसे उचित समय मध्यरात्रि है। श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की रात को जाग कर शिव जी की पूजा और शिव का आश्रीवाद ग्रहण करना चाहिए, तो आइये जानते हैं मासिक शिवरात्रि पूजा विधि के बारे में
मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर आप स्नान आदि कर लें।
फिर मंदिर में जा कर भगवान शिव और उनके परिवार (पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी) की पूजा करें।
उसके पश्चात शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से करें। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं।
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं और भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें।
शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
संध्या के समय आप फलहार कर सकते हैं। उपासक को अन्न ग्रहण नही करना चाहिए।
फिर अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद उपवास खोलें।
मासिक शिवरात्रि व्रत कथा -
पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसके बाद सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की थी। उस दिन से लेकर आज तक इस दिन को भगवान शिव जन्म दिवस के रूप में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन शिव पूजन का खास महत्व है। बहुत से पुराणों में भी शिवरात्रि व्रत का ज़िक्र किया गया है। शास्त्रों के अनुसार अपने जीवन के उद्धार के लिए माता लक्ष्मीं, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती तथा रति जैसी बहुत-सी देवियों और रानियों ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था। मासिक शिवरात्रि जीवन में सुख और शांति प्रदान करने वाली है, भगवान शिव की कृपा दृष्टि से उपासक के सारे बिगड़े काम बन जाते है।
मासिक शिवरात्रि तिथि व मुहूर्त 2021
मासिक शिवरात्रि - तिथि- 11 जनवरी 2021, दिन- (सोमवार) मुहूर्त समय - 00:02 बजे से 00:56 बजे, (जनवरी 12) तक,
मासिक शिवरात्रि– तिथि- 10 फरवरी 2021 दिन– (बुधवार) मुहूर्त समय- 00:09 बजे से 01:01 बजे, (फरवरी 11) तक,
महा शिवरात्रि – तिथि- 11 मार्च 2021, दिन- (बृहस्पतिवार) मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:55 बजे, (मार्च 12) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि- 10 अप्रैल 2021, दिन - (शनिवार) मुहूर्त समय - 23:59 बजे से 00:45 बजे, (अप्रैल 11) तक,
मासिक शिवरात्रि - तिथि - 9 मई 2021, दिन – (रविवार) मुहूर्त समय - 23:56 बजे से 00:38 बजे, (मई 10) तक,
मासिक शिवरात्रि - तिथि- 8 जून 2021, दिन - (मंगलवार) मुहूर्त समय- 00:00 बजे से 00:40 बजे, (जून 09) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि- 8 जुलाई 2021, दिन – (बृहस्पतिवार) मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:47 बजे, (जुलाई 09) तक,
श्रावण शिवरात्रि – तिथि- 6 अगस्त 2021, दिन – (शुक्रवार) मुहूर्त समय - 00:06 बजे से 00:48 बजे, (अगस्त 07) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि- 5 सितम्बर 2021, दिन– (रविवार) मुहूर्त समय - 23:57 बजे से 00:43 बजे, (सितम्बर 06) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि- 4 अक्टूबर 2021, दिन – (सोमवार) मुहूर्त समय - 23:45 बजे से 00:34 बजे, (अक्टूबर 05) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि - 3 नवम्बर 2021, दिन – (बुधवार) मुहूर्त समय - 23:39 बजे से 00:31 बजे, (नवम्बर 04) तक,
मासिक शिवरात्रि – तिथि - 2 दिसम्बर 2021, दिन – (बृहस्पतिवार) - मुहूर्त समय - 23:44 बजे से 00:38 बजे, (दिसम्बर 03) तक,
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