महंगे ईलाज की जगह रुद्राक्ष से करें अपने रोग का ईलाज | Future Point

महंगे ईलाज की जगह रुद्राक्ष से करें अपने रोग का ईलाज

By: Future Point | 13-Oct-2018
Views : 8005महंगे ईलाज की जगह रुद्राक्ष से करें अपने रोग का ईलाज

धरती पर रुद्राक्ष को भगवान शिव का स्‍वरूप माना जाता है। मान्‍यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के अश्रु स्‍वरूप धरती पर मौजूद हैं और इस वजह से इन्‍हें बहुत पवित्र और महत्‍वपूर्ण माना जाता है। मूल रूप से रुद्राक्ष पर्वतीय क्षेत्र में पाया जाता है। जावा, सुमात्रा में छोटे आकार के और नेपाल में बड़े आकर के रुद्राक्ष पाए जाते हैं। आज भी भारत में कई स्‍थलों पर रुद्राक्ष का पेड़ लगाया जाता है।

सदियों से मनुष्‍य जाति के कल्‍याण के लिए रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता रहा है। रुद्राक्ष को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे कि शिवाक्ष, भूतनाशक, पावन, नीलकंठाक्ष, हराक्ष, शिवप्रिय, तृणमेरु, अमर, पुष्‍पचामर, रुद्रक, रुद्राक्‍य, अक्‍कम, रुद्रचल्‍लू आदि।

रुद्राक्ष में तत्‍व

आपको बता दें कि रुद्राक्ष के दानों में गैसीय तत्‍व होते हैं जैसे कि कार्बन 50.031 प्रतिशत, हाइड्रोजन 17.897 प्रतिशत, नाइट्रोजन 0.095 प्रतिशत, ऑक्‍सीजन 30.453 प्रतिशत। इसके अलावा एल्‍युमिनियम, कैल्शियम, तांबा, कोबाल्‍ट और आयरन की मात्रा भी होती है। इसमें चुंबकीय और विद्युत फर्जा से शरीर को अलग-अलग लाभ मिलते हैं।

आइए अब जान लेते हैं रुद्राक्ष के प्रकार और उनके फायदों के बारे में :

एक मुखी रुद्राक्ष : ये रुद्राक्ष सूर्य ग्रह से संबंधित है और इसे धारण करने वाले व्‍यक्‍ति को नेत्र, सिर और ह्रदय रोगों से सुरक्षा मिलती है। एक मुखी रुद्राक्ष हर प्रकार की पीड़ा को दूर करता है और चेतना का द्वार खोलकर मन को विकास से रहित करता है। इसे धारण करने से मां लक्ष्‍मी की कृपा मिलती है। Read More

दो मुखी रुद्राक्ष : चंद्रमा से संबंधित यह रुद्राक्ष शिव और शक्‍ति का प्रतीक है। इसे धारण करने से फेफड़े, गुर्दे, वायु और आंखे के रोगों से बचाव होता है। माता-पिता के लिए भी इस रुद्राक्ष को शुभ माना जाता है। Read More

तीन मुखी रुद्राक्ष : मंगल के इस रुद्राक्ष के देवता भगवान शिव त्रिनेत्र हैं। महाकाली भी त्रिनेत्रा हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने से स्‍वयं मां शक्‍ति और भगवान शंकर की कृपा प्राप्‍त होती है। यह अग्‍नि स्‍वरूप है और इसे पहनने से रक्‍त से संबंधित रोग, रक्‍तचाप, मासिक धर्म की पीड़ा, अल्‍सर आदि से मुक्‍ति मिलती। Read More

चार मुखी रुद्राक्ष : चार मुखी के देवता स्‍वयं ब्रह्मा जी हैं। इस रुद्राक्ष का प्रतिनिधित्‍व बुध ग्रह करता है। अगर वैज्ञानिक या शोधकर्ता या चिकित्‍सा के क्षेत्र से जुड़े लोग इस रुद्राक्ष को धारण करें तो उन्‍हें विशेष लाभ और सफलता मिलती है। चार मुखी रुद्राक्ष मानसिक रोग, बुखार और पक्षाघात जैसे रोगों को दूर करता है। Read More

पांच मुखी रुद्राक्ष : ये रुद्राक्ष आसानी से पाया जा सकता है। इससे सभी रोग दूर होते हैं। डायबिटीज़, रक्‍तचाप, नाक, कान और गुर्दे की बीमारी को पांच मुखी रुद्राक्ष से दूर किया जा सकता है। यह बृहस्‍पति ग्रह का प्रतिनिधित्‍व करता है। Read More

छह मुखी रुद्राक्ष : शुक्र ग्रह का 6 मुखी रुद्राक्ष है। इस रुद्राक्ष की राशि तुला और वृषभ है एवं इसे स्‍वामी भगवान कार्तिकेय हैं। ज्ञान, बुद्धि, संचार और कौशल एवं आत्‍मविश्‍वास के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। इसे धारण करने से शरीर के समस्‍त विकार दूर होते हैं। विचारों में बदलाव आता है। Read More

सात मुखी रुद्राक्ष : शनि ग्रह का रुद्राक्ष सात मुखी है। 7 मुखी रुद्राक्ष की देवी मां लक्ष्‍मी हैं। आर्थिक और करियर में विकास के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है। हड्डियों और नसों एवं गर्दन के दर्द से मुक्‍ति पाने के लिए 7 मुखी रुद्राक्ष पहना जाता है। दिमाग के रोगों से भी ये रुद्राक्ष मुक्‍ति दिलाता है। Read More

आठ मुखी रुद्राक्ष : आठ मुखी रुद्राक्ष छाया ग्रह कहे जाने वाले राहू का है। इसके देवता भगवान गणेश हैं। कमर दर्द, शरीर में दर्द और किडनी एवं लिवर संबंधित समस्‍याओं को आठ मुखी रुद्राक्ष से दूर किया जा सकता है। त्‍वचा रोग, नेत्र रोग और प्रेत बाधा आदि से छुटकारा पाने के लिए इस रुद्राक्ष को धारण किया जाता है। Read More

नौ मुखी रुद्राक्ष : छाया ग्रह के नाम से प्रसिद्ध केतु नौ मुखी रुद्राक्ष से संबंधित है। इस रुद्राक्ष की देवी मां दुर्गा हैं। नौ मुखी रुद्राक्ष को ऊर्जा, शक्‍ति, साहस एवं निडरता प्राप्‍त करने के लिए धारण किया जाता है। नौ मुखी रुद्राक्ष पेट एवं त्‍वचा संबंधित रोगों से भी छुटकारा दिलाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से दरिद्रता भी दूर होती है। Read More

दस मुखी रुद्राक्ष : दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्‍णु का स्‍वरूप माना जाता है। इससे विचारों में सकारात्‍मकता आती है और व्‍यक्‍ति अन्‍याय के विरूद्ध खड़े होने का साहस दिखा पाता है। उदर और नेत्र रोग में लाभ पहुंचाता है। Read More

ग्‍यारह मुखी रुद्राक्ष : इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्‍यक्‍ति को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है। धार्मिक लोगों का साथ मिलता है। Read More

बारह मुखी रुद्राक्ष : ये रुद्राक्ष बारह ज्‍यो‍तिर्लिंगों का प्रतीक है। इसे धारण करने से नेत्र रोग दूर होते हैं और दिमाग से संबंधित कष्‍टों से मुक्‍ति मिलती है। Read More

तेरह मुखी रुद्राक्ष : 13 मुखी रुद्राक्ष देवताओं के राजा इंद्र से संबंधित है। मानव को सांसारिक सुख देने वाला ये रुद्राक्ष दरिद्रता को दूर करता है। हड्डी, जोड़ों का दर्द और दांतों के रोग को इससे दूर किया जा सकता है। Read More

चौदह मुखी रुद्राक्ष : भगवान शंकर ही 14 मुखी रुद्राक्ष का प्रतीक हैं। शनि के प्रकोप को दूर करने और त्‍वचा रोगों के साथ-साथ बाल के रोग, उदर रोगों को भी ये दूर करता है। Read More

आप अपनी स्‍वास्‍थ्‍य संबंधित समस्‍या के अनुसार रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।