क्या है शनि की वक्री चाल? 12 राशियों की जिंदगी पर क्या डालेंगे प्रभाव
By: Future Point | 13-Jul-2022
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ज्योतिष में शनि की वक्री चाल अहम स्थान रखता है। सौरमंडल के सभी नौ ग्रहों में शनि ग्रह सबसे धीमी चाल चलता है और एक राशि में लगभग ढाई साल तक रहता है। जब कोई ज्योतिषी व्यक्ति की कुंडली देखता है तो उसमें शिन की स्थिति भी देखी जाती है। शनि की स्थिति व्यक्ति के कर्म या प्रोफेशन को दर्शाता है। व्यक्ति के जीवन में सुख और कर्म के समन्वय को निर्धारित करने के लिए शनि की स्थिति को देखना अनिवार्य हो जाता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य को नवग्रहों का राजा माना जाता है जबकि उनके पुत्र शनि दीर्घायु, प्रोफेशन, नौकरी का कारक है। शनि देव को कर्मफल दाता कहा जाता है और वह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार उसे अच्छा और बुरा फल देते हैं। जब शनि ग्रह वक्री चाल चलते हैं तो इसके प्रभाव से व्यक्ति का काम धीमा हो जाता है और उसे अपने काम में ज्यादा प्रयास करने पड़ते हैं।
शनि के वक्री होने का क्या मतलब है
शनि के व्रकी होने का अर्थ है कि शनि ग्रह सीधे या आगे चलने की बजाय उल्टे यानि पीछे की ओर चल रहे हैं। पीछे या उल्टे चलने को ज्योतिषीय भाषा में वक्री होना कहते हैं। शनि के वक्री होने का बारह राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है।
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शनि के वक्री होने का प्रभाव
यह एक भ्रम है कि शनि देव अशुभ फल देते हैं जबकि सत्य तो यह है शनि ग्रह शुभ फल भी देते हैं। न्याय के स्वामी होने की वजह से शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। शनि के वक्री होने पर व्यक्ति के कामों में देरी होने लगती है। वक्री चाल से शनि देव व्यक्ति को आगे बढ़ने का मौका देते हैं और अपनी गलतियों को सुधारने का अवसर देते हैं।
यदि किसी की कुंडली में शनि वक्री चाल में हो और व्यक्ति को शुभ फल दे रहा हो तो शनि के वक्री गोचर से उस व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक प्रभाव मिलते हैं। वहीं दूसरी ओर अगर शनि अशुभ स्थान में हो तो उसका वक्री होना गलत प्रभाव देना शुरू कर देता है। यदि वक्री शनि आपके पक्ष में हो तो व्यावसायिक सफलता मिलती है लेकिन अगर अशुभ हो तो वक्री शनि कार्यों में बाधा, जोड़ों का दर्द, पेशे से संबंधित समस्याएं और कच्चे तेल, कोयला, इस्पात और लोहे से जुड़े शेयरों में गिरावट का कारण बन सकता है।
शनि के वक्री होने से कई पर्यावरणीय बदलाव भी आते हैं। इस समय भूकंप और भूस्खलन का भी खतरा रहता है। शनि की वक्री चाल ना केवल व्यक्ति बल्कि देश के लिए खतरा होता है।
2022 में शनि कब वक्री हो रहा है
5 जून को सुबह 4 बजकर 14 मिनट पर शनि कुंभ राशि में वक्री हुए थे और उनकी इस चाल का विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। शनि हर ढ़ाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं।
जानिए कि बारह राशियों पर शनि के वक्री होने का क्या प्रभाव पड़ रहा है।
मेष राशि : आपके पहले, पांचवे और आठवे घर में पॉजिटिव असर दिख सकता है। करियर में सफल होने के लिए आपको सही निर्णय लेना होगा। व्यापार में अपनी योजनाओं पर काम करने के लिए अच्छा समय है। कुंभ राशि में शनि का वक्री होना आपकी आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देगा। काम में किए गए प्रयासों का पूरा फल मिलेगा। रूके हुए काम भी बन सकते हैं। अपने लक्ष्य पर नजर रखेंगे और इस दौरान आपको सामाजिक और निजी जीवन में सुख प्राप्त होगा।
वृषभ राशि : दशम भाव से वक्री हो रहे शनि वृषभ राशि के कार्मिक भाव में रहेंगे। आपको अपने पहले किए गए कार्यों में सफलता मिल सकती है। आपको अपने व्यापार में थोड़ी ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है लेकिन थोड़ी मेहतन और देरी के बाद परिणाम मिल जाएगा। इस समय नौकरी बदलने का निर्णय ना लें। छात्रों को पढ़ाई में ध्यान लगाने में दिक्कत आ सकती है। धन-संपत्ति को लेकर योजना बनाने की जरूरत है। निजी जीवन में माता-पिता और बच्चों के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं।
मिथुन राशि : इस गोचर के दौरान आप ज्यादातर नाखुश रहेंगे। आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है। किसी चीज का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं तो अब भी निराशा हाथ लगेगी। व्यापार में कुछ नुकसान हो सकता है और आपके अहं को चोट लग सकती है। शनि के वक्री होने से स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
कर्क राशि : आपकी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक जिंदगी में असंतुलन आने की संभावना है। जीवनसाथी के साथ भी बहस या अनबन हो सकती है। पैतृक संपत्ति के कारण दिक्कतें आ सकती हैं या एक-दूसरे की सफलता से जलन हो सकती है। आर्थिक नुकसान होने की भी संभावना है।
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सिंह राशि : सिंह राशि के सप्तम भाव में शनि का यह गोचर होगा। आपके निजी जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। वैवाहिक जीवन में समस्याएं और दिक्कतें आ सकती हैं। जीवनसाथी के साथ छोटी-छोटी बातों पर भी बहस हो सकती है। कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
कन्या राशि : इस राशि के छठे भाव में शनि वक्री होंगे। आपके जीवन के हर पहलू पर इस गोचर का असर पड़ेगा। इस कारण स्वास्थ्य खराब रह सकता है। कन्या राशि के बच्चों को खासतौर पर सेहत को लेकर सावधान रहना होगा। अचानक आए खर्चों से लोन लेना पड़ सकता है।
तुला राशि : तुला राशि के पंचम भाव में शनि का यह गोचर होगा। इसका असर आपकी लव लाइफ और शिक्षा पर पड़ेगा। तुला राशि के बच्चे गुस्सैल व्यवहार कर सकते हैं। साथ ही, उन्हें अपने भाई-बहनों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, पार्टनर के साथ आपके रिश्ते में सुधार आएगा। पार्टनरशिप में व्यापार करने वालों को लाभ मिल सकता है।
वृश्चिक राशि : शनि का वक्री गोचर वृश्चिक राशि के चौथे भाव में होगा। माता-पिता के साथ संबंध खराब हो सकती हैं। काम की वजह से आपको घर से दूर रहना पड़ सकता है। भाई-बहनों से बहस हो सकती है और माता-पिता की देखभाल करना बोझ लग सकता है। इस समय ड्राइविंग करना खतरनाक हो सकता है।
धनु राशि : शनि का कुंभ राशि में वक्री होना धनु राशि के तीसरे भाव में होगा। मेहनत करने वाले लोगों को भाग्य का साथ मिलेगा। कोई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और इस समय बच्चों के साथ धैर्य रखें। काम की वजह से घर बदलना पड़ सकता है या यात्रा करनी पड़ सकती है।
मकर राशि : शनि का यह गोचर मकर राशि के दूसरे भाव में होगा। आपके जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। मां का प्यार आपसे दूर हो सकता है। इस समय परिवार में दिक्कतें हो सकती हैं। विवाह में प्यार की कमी हो सकती है। प्रॉपर्टी बढ़ाने में सफल हो सकते हैं और प्रोफेशनल लाइफ में थोड़ा रिलैक्स महसूस करेंगे।
कुंभ राशि : शनि का वक्री गोचर आपके पहले या लग्न भाव पर असर करेगा। आपको अपनी शारीरिक बनावट को लेकर चिंता हो सकती है। आर्थिक समस्याओं की चिंता होगी और आपके मान-सम्मान को लेकर चोट लग सकती है। आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी और लव लाइफ में रोमांस की कमी हो सकती है।
मीन राशि : आपके बारहवें भाव में शनि वक्री होंगे। पैसों को लेकर थोड़ा सतर्क रहें क्यों फिजूलखर्चे बढ़ सकते हैं। बिजनेस में किसी पर भी भरोसा करना मुश्किल हो सकता है। पार्टनरशिप में काम करने वाले लोग थोड़ा सावधान रहें। छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान देने में दिक्कत हो सकती है।
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