क्‍या आपकी कुंडली में है विदेश जाने का योग, ऐसे जानें | Future Point

क्‍या आपकी कुंडली में है विदेश जाने का योग, ऐसे जानें

By: Future Point | 03-Nov-2018
Views : 18431क्‍या आपकी कुंडली में है विदेश जाने का योग, ऐसे जानें

कई लोग विदेश यात्रा या विदेश में बसने का सपना देखते हैं लेकिन हम सभी जानते हैं कि इस सपने को पूरा करना हमारे हाथ में नहीं होता है। आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि किस्‍मत में होगा विदेश जाने का भी मौका मिल जाएगा। किस्‍मत की ये बात कुंडली के ग्रहों और उनकी कुछ विशेष स्थि‍ति पर निर्भर करती है।

ज्‍यो‍तिषशास्‍त्र के अनुसार अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में विदेश यात्रा के योग हों तो उसे किसी ना किसी कारण से विदेश जाने का मौका मिल ही जाता है। ज्‍योतिष  की मानें तो जब तक आपकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग नहीं है तब तक इस दिशा में आपके सारे प्रयत्‍न विफल हो जाएंगें। तो चलिए जानते हैं कि कब किसी जातक को विदेश यात्रा का सुख मिलता है और कैसे।

बारहवां भाव

जन्‍मकुंडली का बारहवां भाव विदेश यात्रा से संबंधित होता है और इस वजह से दुख का भाव होने के बावजूद भी इस घर को सुअवसर के रूप में देखा जाता है। विदेश यात्रा के लिए चंद्रमा को नैसर्गिक कारक माना गया है। दशम भाव से आजीविका का पता चलता है। शनि ग्रह आजीविका के नैसर्गिक कारक होते हैं। विदेश गमन के लिए कुंडली में बारहवें भाव, चंद्रमा, दशम भाव और शनि की स्थिति का आंकलन किया जाता है।

यह भी पढ़ें: अमीर बनने का ख्‍वाब देखते हैं तो आज ही शुरू कर दें ये काम, बन जाएंगें करोड़पति

विदेश यात्रा के योग

  • कुंडली के बारहवें भाव में चंद्रमा हो तो विदेश यात्रा के योग बनते हैं। ऐसी स्थिति में जातक विदेश से आजीविका पाता है।
  • कुंडली के छठे भाव में चंद्रमा हो तो भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
  • दशम भाव में चंद्रमा हो या इस घर पर चंद्रमा की दृष्टि पड़ रही हो तो भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
  • सातवें भाव या लग्‍न भाव में चंद्रमा की उपस्थिति भी विदेश से व्‍यापार का संकेत देती है।
  • शनि देव को आजीविका का कारक माना गया है। शनि और चंद्रमा की युति भी विदेश यात्रा करवाती है।
  • अगर जन्‍मकुंडली में दशमेश बारहवें भाव और बारहवें भाव का स्‍वामी दसवें भाव में हो तो भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं और जातक को विदेश से आजीविका कमाने का मौका मिलता है।
  • यदि भाग्‍य का स्‍वामी बारहवें भाव में है या बारहवें भाव का स्‍वामी भाग्‍य स्‍थान में बैठा है तो जातक के विदेश यात्रा के योग बनते हैं।
  • भाग्‍य स्‍थान में बैठकर राहू भी विदेश यात्रा के योग का निर्माण करता है।
  • सप्‍तम भाव का स्‍वामी बारहवें भाव में हो या बारहवें भाव का स्‍वामी सप्‍तम भाव में बैठा हो तो विदेश यात्रा की संभावना बढ़ जाती है और जातक विदेश से व्‍यापार करता है।

विदेश यात्रा के उपाय

  • अगर आप विदेश यात्रा पर जाने की इच्‍छा रखते हैं तो रोज़ सुबह उठकर तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें। जल में लाल मिर्ची के दाने डालें। नियमित इस उपाय को करने से सूर्य देव प्रसन्‍न होते हैं और आपके विदेश गमन के मार्ग प्रशस्‍त होते हैं।
  • उड़ते हुए हनुमान जी की पूजा करने से भी विदेश यात्रा के योग बनते हैं। हनुमान जी के इस स्‍वरूप की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं।

विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं तो इन आसान उपायों को जरूर अपनाएं।