कौन सा उपाय करें कि - लक्ष्मी जी दौड़ के आए
By: Acharya Rekha Kalpdev | 25-Apr-2023
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इस संसार में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिसके पास कोई दुःख न हो। इस संसार में सभी दुखी है, हाँ दुखों का प्रकार अलग अलग है। हर व्यक्ति के जीवन में कष्ट है, बाधाएं, परेशानियां है। जिसके पास अथाह धन है, वह भी दुखों से जूझ रहा है और जो एक रोटी के लिए तरस रहा है, उसके पास भी दुःख है। गुरु नानक जी ने सच ही कहा था की दुखिया नानक सब संसार, इस संसार में जिसके बाद ईश्वर है एक बस वही सुखी है, बाकी सभी को कोई न कोई दुःख लगा हुआ है। जीवन में आने वाले इन दुखों का सामना कोई हंसकर कर रहा है और कोई रोकर कर रहा है। किसी को नौकरी की तलाश है तो कोई नौकरी बदलना चाहता है, किसी को व्यापार में घाटा हो रहा है तो कोई नया व्यापार खोलने के लिए प्रयास कर रहा है, जितने लोग उतनी तरह की समस्याएं। ज्योतिष उपायों से इन समस्याओं से बाहर आया जा सकता है। उपायों से जीवन को सरल बनाया जा सकता है। बशर्ते की उपायों को नियमित रूप से किया जाएँ-
- ज्योतिषीय उपाय करने का यह अर्थ नहीं है कि हम कर्म में विश्वास नहीं करते है, कर्म अपने स्थान पर है, और ज्योतिषीय उपाय भी कर्म फल के आधार पर ही काम करते है। वैदिक ज्योतिष विद्या कर्म और प्रारब्ध आधारित विद्या है। ईश्वरीय आराधना भी इसका एक भाग है।
- नौकरी और जीवन को संकटों से मुक्त रखना हो तो हनुमान जी की आराधना करना शुरू करना चाहिए। संध्याकाळ में दीपक जलाकर, धूप और फूल अर्पित कर हनुमान जी कि नियमित रूप से दर्शन पूजन करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी की आराधना करने के साथ साथ जो व्यक्ति प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ भी करता है उसके सभी काम पूरे होते है।
- सुबह सूर्य उगने से पहले उठना चाहिए, स्नान आदि क्रियाओं से मुक्त होने के बाद उगते हुए सूर्य को जल देना चाहिए। सूर्य को जल देने से पहले उसमें रोली, फूल पत्तियां भी डालनी चाहिए। सूर्य को जल देने से सूर्य ग्रह शुभ होता है, और पिता कि आयु में भी वृद्धि होती है।
- जरुरी काम से घर से बाहर जा रहे हों तो व्यक्ति को हाथ में पांच लौंग लेकर बाहर निकलना चाहिए। कार्य के दौरान व्यक्ति इन लौंग को किसी लाल कपडे में रख कर जेब में रख सकता है। घर वापस आकर इन्हें अपने मंदिर में रख दें।
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- सूर्य के सम्मुख जो व्यक्ति गायत्री के मन्त्र का जाप करता है उसके नवग्रह धीरे धीरे शुभ होते है और नवग्रहों के दोष भी दूर होते है। गायत्री मंत्र का जाप व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि करता है, उसके व्यवहार को सौम्य बनाता है और धर्म, अर्थ, काम व् मोक्ष प्रदान करता है।
- देवी लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाकर, कनकधारा स्तोत्र का जो व्यक्ति नित्य पाठ करता है, उसके घर में कभी भी धन कि कमी नहीं रहती है। कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से घर धन-धान्य से भरा रहता है और सुख-समृद्धि कि वर्षा होती है। विधि विधान से पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपने साधक को अथाह धन देता है।
- श्रीमद भगवत गीता का पाठ करने से जीवन की सभी समस्याओं का हल निकलता है। इसके ११वें अध्याय का पाठ करने से धन की कमी दूर होती है।
- किसी भी घर में धन, लक्ष्मी तब तक नहीं ठहर सकती, जब तक की आप अपनी पत्नी का ध्यान नहीं रखते है। उसका मान नहीं करते है, तब तक आपके घर में धन नहीं ठाहर सकता है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अपने घर से शुरुआत किये, घर की स्त्री को लक्ष्मी मनाकर उसका मान कीजिये।
- घर में प्रतिदिन साफ़ सफाई करनी चाहिए। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के मध्य की अवधि में साफ़ सफाई का काम किया जा सकता है। सूर्यास्त के समय या उसके बाद में झाड़ू लगाया या सफाई करना शास्त्र विरुद्ध माना गया है। सबसे अच्छा होता है की सूर्योदय के समय ही झाड़ू लगाने का काम कर लिया जाये।
- शनिवार का दिन शनि ग्रह का दिन होता है, इस दिन लोहे की वस्तुओं की खरीदारी का काम करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही काले रंग के वस्त्र खरीदना भी इस दिन सही नहीं माना गया है।
- घर के मंदिर में सुबह शाम घी का दीपक जलाने से घर में धन धान्य की कभी भी कमी नहीं रहती है। सुबह शाम दोनों समय भगवान् की आराधना करते हुए घी का दीपक जलाकर उन्हें धन्यवाद करना चाहिए।
- अपने इष्ट की आराधना हर व्यक्ति को नित्य करनी चाहिए। इष्ट की आराधना करने से भाग्य शुभ रहता है और धन संपत्ति का आगमन घर में बना रहता है।
- झाड़ू को लक्ष्मी जी का स्वरुप माना गया है। इसलिए जाने अनजाने यदि झाड़ू को पैर लग जाए तो इसे अनदेखा करने की जगह पर झाड़ू को हाथ लगाकर माथे पर लगाकर माफी मांगनी चाहिए। घर में झाड़ू को छुपा कर रखना चाहिए, ऐसी जगह जहाँ बाहर से आने वाले लोगों की नजर न पड़े। झाड़ू को खड़ा करके भी नहीं रखना चाहिए। जैसे लक्ष्मी जी का मान किया जाता है ठीक वैसे ही झाड़ू को भी उनका ही रूप मानकर मान देना चाहिए। झाड़ू का अपमान जो करता है उसके घर में लक्ष्मी जी अधिक नहीं ठहरती है।
- घर में पूजा करते हुए बैठने के लिए हम सभी आसन का प्रयोग करते है। देव के अनुसार आसन का चयन किया जाता है। उदाहरण के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को लक्ष्मी जी के मन्त्रों का जाप करनी है तो उसे गुलाबी रंग के आसन का प्रयोग करना चाहिए। इसी प्रकार यदि कोई मंगल ग्रह या हनुमान जी का मंत्र जाप करता है तो ऐसे साधक को लाल रंग के आसान का प्रयोग करना चाहिए। जब भी पूजा करें तो पूजा के बाद आसन को प्रणाम कर, संभल कर रहें। आसन को कभी भी पैर से नहीं खिसकाना चाहिए। ऐसा करना अशुभ होता है।
- बिना पैसे दिए कोई भी वस्तु लेने से बचें। हमेशा से कुछ भी ले तो उसका मूल्य अवश्य दें। प्रत्यक्ष रूप में न दे पाए तो अप्रत्यक्ष रूप में दें। जो लोग आपके विरोधी हो उनसे भी वस्तुएं मुफ्त में लेने से बचें।