कैसे सम्भव है वैदिक ज्योतिष द्वारा व्यक्ति की जन्मकुण्डली से ही उसके उत्तम व्यवसाय और नौकरीपेशा को जानना
By: Future Point | 25-Apr-2019
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आजकल के दौर में हर व्यक्ति अपने भाग्य और बेहतर भविष्य को जानने के लिए आतुर रहता है जिसके लिए वह तमाम पड़ितों और ज्योतिषों से अपने मन में उपज रहे तमाम प्रश्नों के उत्तर जानने का इच्छुक रहता है , क्या मेरी लाइफ निरंतर आगे बढ़ने वाली और स्थाई होगी? अधिकांश व्यक्ति यह जानने के आतुर रहते हैं क्या मेरी सरकारी नौकरी का योग बन रहा हैं ?
दुनिया भर का हर व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीना चाहता है | हर किसी की चाह है की उसके पास एक अच्छी नौकरी, घर और समृध्द परिवार हो, जब तक दैनिक जीवन शान्ति पूर्वक चल रहा तब तो कुछ नहीं ,और जैसे ही किसी प्रकार की दिक़्क़्त और संकट का सामना करना पड़ता है तब व्यक्ति का ध्यान सीधे अपने नक्षत्र ग्रहों और सितारों की दशा पर जाता, उस वक़्त व्यक्ति ज्योतिष परामर्श और कैरियर परामर्श के लिए विचार विमर्श करता है |
देश भर के विद्धान ज्योतिषों ने वैदिक ज्योतिष के अध्ययन से पाया है की नवयुवकों को सूर्य चन्द्रमा और सितारों कि चाल का दशा का ज्ञान रखना चाहिए, इस बात का सीधा संकेत यह है कि कुंडली अध्ययन के आधार पर की गई भविष्यवाणी उसको उचित राह दिख़ा सकती जिस पर व्यक्ति अपना कैरियर बना सकता |
तो क्या ज्योतिष ज्ञान का कैरियर से कोई पारस्परिक सम्बन्ध है |
वैदिक ज्योतिष से कुंडली ज्ञान की भविष्यवाणी नौ ग्रहों और बारह राशियों पर आधारित है ,और यह कुछ खास व्यवसाय/नौकरी के लक्षणों को इंगित करते हैं | वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन पर हावी है इसलिए मन विचारों पर हावी रहता परिणाम स्वरूप विचार क्रियाओं पर शासन करते है इसलिए चंद्रमा का हस्तछेप कैरियर की भविष्यवाणी मे पूर्ण प्रभाव डालता है |साथ ही साथ कुंडली पत्रिका मे दसवां घर कैरियर को शिखर तक ले जाने मे महत्वपूर्ण है - वैदिक ज्योतिष के आधार पर कुण्डली मे चंद्रमा का साइन(चिन्ह)और दसवां घर एक साथ गिरना सफलता के प्रतिशत को बढ़ा देता है |
कैरियर कुंडली व्यक्ति के योग्यता के आधार पर विशेष व्यवसाय को प्रशिक्षण होने के लिए बता सकती है| सबसे महत्वपूर्ण कारक कुण्डली का सबसे ऊंचा गृह या ग्रहों का समूह है | किसी व्यक्ति के पंचम स्थान का स्वामी बुध ग्रह हो, वह किसी शुभ ग्रह के साथ हो-यदि शुभ ग्रह दुष्ट हो ,यदि बुद्ध ऊंची राशि मे विराजमान हो बुध पंचमस्थ हो पंचमेश जिस नवांश मे हो उसका स्वामी केंद्रत हो और शुभ ग्रह से दुष्ट हो इन सब योगों मे से किसी भी योप्ग मे व्यक्ति समझदार बुद्धिमान और बलवान होता हैं | चतुर्थ भाव से समान्य शिक्षा ,नवम भाव से उच्च शिक्षा और तकनीकी जानकारी की शिक्षा के बारे मे पता चलता है |
जन्मकुंडली के दशम भाव से कैरियर पर विचार किया जाता की व्यक्ति को किस कार्यक्षेत्र और व्यवसाय मे सफलता प्राप्त होगी |लग्न से व्यक्ति के शरीर ,सूर्य से आत्मा और चंद्रमा से मन का विचार होता है |
कुण्डली के लग्न स्थान से लेकर दशम स्थान तक शारीरिक परिश्रम द्वारा काम की संपन्नता ,चंद्रमा से दशम स्थान तक मानसिक प्रबलता से कार्य समपन्नता का और सूर्य से आत्मा की प्रबलता का ज्ञान होता है |लग्न और चंद्रमा मे जो प्रबल हो उससे दशम भाव द्वारा व्यक्ति के कर्म और कैरियर पर विचार किया जाता है | यदि चंद्रमा और लग्न इन दोनों मे दशम स्थान पर कोई ग्रह न हो तो सूर्य से दशम स्थान मे विराजमान चंद्रमा , और सूर्य से लेकर दशम स्थान तक कोई ग्रह मौजूद न हो तो इस स्थिति में दशम स्थान के स्वामी के नवांशपति से कैरियर का विचार किया जाता है|
कैरियर के लिए कुण्डली मे ज्योतिष विचार के कारक
1) 10 वीं सभा के प्रभु की ताकत
2) 10 वीं हाउस के भगवान की नियुक्ति
3) 3 और 5 वें हाउस के भगवान की स्थिति
4) अपने चार्ट में सूर्य की नियुक्ति
5) आपके चार्ट में चंद्रमा का स्थान
6) आपके चार्ट के 10 वें घर पर अन्य ग्रहों का प्रभाव
7) आपके नवमांश चार्ट में ग्रहों की गरिमा
8) आपका आतमकारक ग्रह
9) शासक महादशा और अंर्तदशा ग्रह
10) गोचर ग्रहों का प्रभाव
दिये गए महत्वपूर्ण बिन्दुओं का मुख्य उद्देश्य यह है की ज्योतिष विशेषज्ञों को इन बातों का खासकर ध्यान रखकर आपके वर्तमान और भविष्य के पहलू पर ध्यान देना चाहिए |
जन्मकुंडली, राशिफल और नक्षत्र व्यक्ति के जीवन का हिस्सा है | इसलिए किसी भी व्यक्ति मे ज्यादा जानकारी ना होते हुए भी उसकी जन्मतिथि जानकर उसके भविष्य के बारे मे सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है |सबसे ध्यान देने योग बात जब आप अपने व्यक्तित्व के बारे मे जानने लगते हैं तो आप खुद ही अपने कैरियर के सही मार्ग की तरफ अग्रसर होने लगते हैं |
ऊपर दी गई उपरोक्त जानकारी मे किसी भी तरह की भ्रांति या समस्या उत्पन्न हो तो आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं |