ज्योतिषीय विश्लेषण: कब मिलेगी कोरोना वायरस से मुक्ति?
By: Future Point | 18-Mar-2020
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करोना वायरस (Covid-19) ने लगभग पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। एक चीनी रिपोर्ट के मुताबिक़ इसका पहला मामला 31 दिसंबर, 2019 को चीन के वुहान (wuhan) शहर में सामने आया था। उसके बाद से यह वायरस तेज़ी से दूसरे देशों में भी फैलने लगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार 13 मार्च तक चीन के अलावा विश्व के 122 देश इससे प्रभावित थे। हाल ही में कुछ अन्य मामले सामने आने के बाद यह वायरस 176 देशों में फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब तक (18 मार्च, 2020) इससे 7807 लोगों की मौत हो चुकी है।
भारत में भी यह वायरस तेजी से फैल रहा है। भारत में यह संक्रमण पहली बार केरल में सामने आया था। भारत में इससे संक्रमण के अब तक (मार्च 19, 2020) 151 मामले सामने आ चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इस वायरस से भारत में अब तक तीन व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) इसे (11 मार्च, 2020 को) वैश्विक महामारी (Pandemic) घोषित कर चुका है। भारत सरकार भी इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर चुकी है।
लोग इस बात को लेकर चिंता में हैं कि आख़िर उन्हें इस विषाणु से कब छुटकारा मिलेगा? कोरोना वायरस क्या है? कैसे यह वायरस इतनी तेज़ी से फैल रहा है? इससे कैसे बचा जा सकता है? मनुष्य के लिए यह वायरस कितना घातक है? इससे किन लोगों को सबसे अधिक ख़तरा है? क्या ज्योतिष में इन सवालों का जवाब है?
कोरोना वायरस क्या है?
कोरोना वायरस (कोविड-19) का संबंध वायरस (विषाणु) के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से व्यक्ति को बुखार, जुकाम से लेकर सांस लेने और श्वास संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इस वायरस को पहले कभी नहीं देख़ा गया है। अब तक इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। इसका उपचार व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक प्रणाली पर निर्भर करता है जिसमें रोग के लक्षणों (जैसे कि बुखार, खांसी, निर्जलीकरण) का इलाज किया जाता है जिससे संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। दुनिया भर में लगातार इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है।
इस बीमारी के लक्षण क्या हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है तो उसमें निम्न लक्षणों देखने को मिल सकते हैं:
- बुखार (Fever)
- खांसी (Cough)
- सांस लेने में दिक्कत होना (Shortness of breathe)
अधिक गंभीर मामलों में संक्रमण से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में उपरोक्त लक्षणों के अलावा निम्न लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं:
- निमोनिया (Pneumonia)
- सेवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome or SARS-CoV)
- किडनी खराब हो जाना (Kidney Failure)
इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, भ्रम होना, गले में सूजन या फोड़े होने की समस्या हो सकती है। हालांकि इस वायरस से संक्रमित लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं लेकिन कुछ मामलों मे यह बीमारी अधिक गंभीर हो सकती है जिससे व्यक्ति की मौत तक हो सकती है। लेकिन यह व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक प्रणाली, जीवन शैली और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है कि उस पर वायरस का असर कैसा होगा।
भारत में कहां-कहां फैल चुका है कोरोना वायरस?
डब्ल्यूएचओ (WHO) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक विश्व में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1.9 लाख के पार पहुंच गई है। यदि भारत की बात करें तो रविवार, 15 मार्च मार्च तक कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 110 मामले सामने आए थे। वहीं, ताज़ा आंकड़ों की बात करें तो हाल ही में कुछ और मामले सामने आने के बाद संक्रमित लोगों की संख्या 150 के पार पहुंच गई है और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक़ अब तक (19 मार्च, 2020) केरल में 27 मामले, दिल्ली में 12, हरियाणा में 17, कर्नाटक में 14, लद्दाख में 8, महाराष्ट्र में 45, राजस्थान में 7, जम्मू और कश्मीर में 4, तेलंगाना में 6, तमिलनाडु में 2 और उत्तर प्रदेश में 17 मामले सामने आए हैं। जबकि ओडिशा, पंजाब, चंडीगढ़, पॉन्डिचेरी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 1-1 मामले सामने आए हैं।
इस प्रकार भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित कुल लोगों की संख्या 151 हो गई है। इनमें 25 मामले विदेशी लोगों (हरियाणा में 14, राजस्थान में 2, दिल्ली में 1, केरल में 2, महाराष्ट्र में 3, तेलंगाना में 2 और उत्तर प्रदेश में 1) के हैं। अब तक 15 लोग इस संक्रमण से बाहर से निकल चुके हैं। जबकि 3 लोगों की (1 कर्नाटक, 1 दिल्ली और 1 महाराष्ट्र में) इससे मौत हो चुकी है।
कोई टीका नहीं, बचाव ही उपाय
कोरोना वायरस को डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 नाम दिया है। इस वायरस के बारे में बहुत अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। फ़िलहाल इस वायरस से निजात पाने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है इसलिए बचाव ही सबसे कारगर उपाय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इससे बचने के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
- साबुन और पानी या अल्कोहल बेस्ड हेंड रब (Alcohol-based hand rub) से अच्छी तरह अपने हाथ धोते और साफ़ करते रहें। इससे अगर आपके हाथ में वायरस मौजूद होंगे तो वे मर जाएंगे।
- यदि कोई खांस या छींक रहा है तो उससे कम से कम 3 फीट (1 मीटर) की दूरी बनाकर रखें।
- कोशिश करें कि आप बार-बार अपने मुंह, नाक और आंख को हाथ न लगाएं। ऐसा करने से हाथ में मौजूद विषाणु इन अंगों के ज़रिए शरीर के अंदर पहुंच सकते हैं।
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को टिश्यू (Tissue) से ढकें। उसके बाद तुरंत इस टीश्यू को कूड़ेदान में फेंक दें।
- अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो तो अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र को संपर्क करें और तुरंत जांच कराएं। जब तक पूरी तरह ठीक न हो जाएं, घर में ही रहें और सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- हमेशा जागरूक रहें और दूसरों को भी जागरूक करते रहें। कोविड-19 (COVID-19) को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा दी जा रही जानकारी प्राप्त करते रहें और दूसरों को भी बताते रहें।
- यदि आपने हाल ही में कोरोना वायरस से प्रभावित किसी भी क्षेत्र में यात्रा की है तो घर से बाहर न निकलें। किसी नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र से जांच करवाएं और ऊपर दिए गए सभी नियमों का पालन करें।
सरकार ने अब तक (6 मार्च, 2020) कुल 52 स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना वायरस की जांच और इलाज की व्यवस्था की है। इसके लिए सभी राज्य सरकारों ने हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए हैं। आप इसके बारे में और विस्तृत जानकारी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।
ज्योतिषीय विश्लेषण: कोरोना वायरस से कब मुक्त होगा भारत?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी वायरस राहु और शनि से प्रभावित होता है। राहु का संबंध हवा और आकाश से है। वायरस हवा में बेहद आसानी से फैल जाता है। शनि हवा में पैदा हुए कण हैं, जो इसको फैलने में मदद करते हैं। गुरु ग्रह का ऑक्सीजन पर स्वामित्व है। इसके बुरे प्रभाव के कारण आबोहवा बदल जाती है जिसके कारण व्यक्ति के शरीर पर बुरा असर पड़ता है। इससे वायु विकार, श्वास रोग और फेफड़ों में दर्द जैसी समस्या होती है। चंद्रमा का संबंध भी फेफड़े संबंधी रोग से है।
राहु 7 मार्च, 2020 को अपनी उच्च राशि मिथुन में गोचर कर चुके हैं जो कि भारत की कुंडली का दूसरा घर और आम लोगों के मुंह और नाक का घर है। इस घर में चंद्र उच्च के और बृहस्पति कारक ग्रह हैं। शनि इस वक्त अपनी राशि मकर में हैं जो हमारी ऑक्सीजन को प्रभावित करते हैं। नाक के ज़रिए हम सांस लेते हैं। कोरोना वायरस सांस के ज़रिए मानव शरीर में पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचा रहा है।
24 मार्च को अमावस्या के दौरान वायरस का असर अधिक बढ़ने की संभावना है। 30 मार्च, 2020 को गुरु अपनी नीच राशि मकर में प्रवेश करेंगे जहां शनि देव पहले से ही विराजमान हैं। जबकि आठवें भाव में मंगल और केतु मिलकर अंगारक योग बना रहे हैं। ग्रहों की इन स्थितियों के कारण इस दौरान कोरोना वायरस के और अधिक फैलने की आशंका है।
माना जा रहा है कि कोरोना वायरस अधिक तापमान में प्रभावहीन हो जाता है। इसलिए जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी इसका असर कम होता जाएगा। 13 अप्रैल, 2020 को जब सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे तो इस वायरस का असर कम होने लगेगा। 22 अप्रैल 2020 को ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के कारण भी कोरोना वायरस से राहत मिलेगी।
30 जून को गुरु वक्री अवस्था में एक बार फ़िर स्वराशि धनु में प्रवेश करेंगे और 20 नवंबर तक इसी राशि में रहेंगे। ज्योतिषीय गणना के अनुसार मई और सितंबर के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण पर काफ़ी हद तक काबू पा लिया जाएगा। 20 नवंबर को गुरु जब स्वराशि धनु से निकलकर पुन: मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब इस रोग पर पूरी तरह रोकथाम लग जाने की संभावना है।
कोरोना वायरस से बचाव के ज्योतिषीय उपाय
वैदिक ज्योतिष में हर समस्या से निजात पाने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। कोरोना वायरस जैसी महामारी से बचने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
- नीलकंठ महादेव यानी भगवान शिव की आराधना करें। भगवान शिव ने सदियों पहले विश्व को विष से बचाया था। इसलिए उनकी आराधना करने से आप पर उनकी कृपा बनी रहेगी।
- प्रतिदिन सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
- सुबह स्नान करने के बाद केसर का तिलक लगाएं और सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
- गुरु ग्रह का ऑक्सीजन पर स्वामित्व है। इसलिए उसे प्रबल करने का प्रयास करें।
- दूध में हल्दी डालकर पीएं।
- ठंडा पानी न पीएं। गुनगुना गर्म पानी पीएं।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
इसके अलावा किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह से आप नव ग्रह पूजा (Navgrah Puja) भी करवा सकते हैं। इस पूजा से सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं जिससे आपके स्वास्थ्य पर ग्रहों का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।