गुरु - मंगल 2024 राशि परिवर्तन योग - इन राशियों के बदलेंगे दिन
By: Acharya Rekha Kalpdev | 23-Jan-2024
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जन्म के समय आकाश में ग्रहों की स्थिति के नक़्शे अनुसार हमें जन्मपत्री में ग्रहों की स्थिति प्राप्त होती है। जन्मपत्री में नौ ग्रह, 12 राशियां, 12 भावों में स्थित होते है। भावों में ग्रहों की स्थिति, युति और दृष्टि से अनेक योगों का निर्माण होता है। ज्योतिषीय योग सदैव शुभ फल ही नहीं देते है, बल्कि योगों को शुभ, अशुभ दो भागों में बांटा जा सकता है। ऐसे ही योगों में से एक योग का नाम है, राशि परिवर्तन योग। वैदिक ज्योतिष शास्त्रों में राशि परिवर्तन योग की व्याख्या की गई है। इस योग से प्राप्त होने वाले फलों की चर्चा भी शास्त्रों में की गई है।
इस योग को सामान्य जीवन से इस तरह से समझ सकते है, जैसे किसी व्यक्ति को मेरठ जाना है, और किसी को करनाल। परन्तु यात्रा के अंतिम समय में यात्रियों का विचार बदल जाता है, और वे दोनों अपना-अपना यात्रा टिकट बदल लेते है, ऐसे में जिसे मेरठ जाना था, वो करनाल चला जायेगा और करनाल वाला मेरठ।
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राशि परिवर्तन योग भी कुछ इसी प्रकार फल देता है। आसान शब्दों में इसे अदला बदली योग भी कहा जा सकता है।
किसी कुंडली में सूर्य कि राशि में शनि हो और शनि कि राशि में सूर्य हो तो यहां सूर्य - शनि में राशिपरिवर्तन योग बन रहा है। इस स्थिति में सूर्य शनि के फल देगा और शनि सूर्य के। मेष राशि, धनु और सिंह लग्न के व्यक्तियों कि कुंडली / Kundali में राशि परिवर्तन योग बनना, राजयोग का निर्माण करता है। इसके विपरीत कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के व्यक्तियों कि कुंडली में विपरत राजयोग का निर्माण होने पर जातक को सामान्यतः अशुभ फल कि प्राप्ति होती है। जब यह योग पुरुषार्थ भाव और एकादश भाव के मध्य बनता है तो व्यक्ति का जीवन संघर्ष और प्रयास में ही सारा जीवन निकल जाता है। सफलता के नाम पर उसके पास शून्य आता है। सफल होने कि मारामारी उम्र भर लगी रहती है।
कई बार राशि परिवर्तन योग में जीवन उलझ कर रह जाता है, ऐसे में किसी भी राशि के फल पूरे नहीं मिल पाते है। यदि कुंडली में शनि कि राशि में मंगल हो और मंगल कि राशि में शनि हो तो मंगल स्थित भाव के फलों शनि जैसे मिलने लगते है और शनि स्थित भाव से मंगल के गुण वाले फल मिलने लगते है। इसे यहाँ अधिकारों कि परिवर्तन योग का नाम दिया जा सकता है।
उदहारण के लिए योगी आदित्य नाथ जी कि कुंडली में कर्मेश शुक्र और आयेश बुध दोनों में राशि परिवर्तन योग बन रहा है। इस योग ने कर्म को ही प्राप्तियां बना दिया, व्यक्तिगत इच्छाओं का दमन कर व्यक्ति राष्ट्रहित में जीवन व्यक्ति कर रहा है।
एक अन्य उदाहरण से इसे समझते है, प्रसिद्द फिल्मी कलाकार राजेश खन्ना जी कि कुंडली में लग्नेश बुध और सप्तमेश गुरु में राशि परिवर्तन योग बन रहा है। मिथुन लग्न कि कुंडली में केन्द्राधिपति दोष के अशुभ प्रभाव को भी इस योग ने समाप्त कर दिया। राजेश खन्ना जी का वैवाहिक जीवन बहुत सुख नहीं रहा, परन्तु उनकी लोकप्रियता विश्व प्रसिद्द रही है।
वर्तमान ग्रह गोचर में गुरु और मंगल एक दूसरे की राशि में गोचर कर रहे है। 27 दिसम्बर 2023 से मंगल गुरु की धनु राशि में गोचर कर रहे है और गुरु 22 अप्रैल 2023 से मंगल की मेष राशि में गोचर कर रहे है, दोनों का यह राशि परिवर्तन किस प्रकार का रहने वाला है। आइये देखें -
गुरु इस समय मंगल की राशि में और गुरु की नवम दृष्टि भी मंगल पर है। मंगल की दृष्टि गुरु ग्रह पर नहीं है। परन्तु मंगल की चतुर्थ दृष्टि गुरु की मीन राशि पर है। मेष राशि में गुरु गोचर में मंगल के फलों को प्रभावित कर रहे है। और मंगल भी गुरु के फलों को प्रभावित कर रहे है। मंगल और गुरु का राशि परिवर्तन योग 05 फरवरी 2024 तक बनने वाला है। मंगल गुरु की एक राशि में स्थिति है और दूसरी राशि से दृष्टि सम्बन्ध बना रहे है। धनु और मीन दोनों ही राशियों पर मंगल का प्रभाव 05 फरवरी 2024 तक बना रहेगा। इस प्रकार गुरु मंगल एक दूसरे से नव-पंचम योग बना रहे हैं। साथ में राशि परिवर्तन राजयोग का निर्माण भी यहाँ हो रहा है। इस समय अवधि में यह योग किस प्रकार के फल दे सकता है, आइये जाने -
मेष राशि को मिलने वाले फल
गुरु मेष राशि के लोगों के स्वास्थ्य सुख में वृद्धि करेंगे। गुरु प्रभाव से मेष राशि के स्वभाव में विनम्रता रहेगी। विवेक और धैर्य का साथ मिलने से मुश्किल विषयों का भी हल निकालने में इस राशि के लोग सफल रहेंगे। आपकी राशि पर इस समय शनि की तीसरी दृष्टि आ रही है, ऐसे में आपको परेशानियों से तनाव में नहीं आना है। निराश और हताश नहीं होना है। खुद को पॉजिटिव रखते हुए आप इस समय का लाभ उठा सकते है।
धनु राशि को मिलने वाले फल
मंगल गुरु की धनु राशि में गोचर कर धनु राशि के व्यक्तियों के स्वभाव में जोश, उत्साह और आवेश की अधिकता रहेगी। धनु राशि वाले इस समय अपना मूल स्वभाव खो सकते है। विनम्र स्वभाव, क्रोध का स्थान ले सकता है। व्यर्थ का आवेश रिश्तों को खराब करने का कार्य कर सकता है। बहुत जल्द किसी पर प्रतिक्रिया करने से बचें। अच्छी बात यह है की धनु राशि पर गुरु की दृष्टि भी आ रही है। इससे धनु राशि को गुरु की दृष्टि की शुभता भी प्राप्त होगी।
कर्क राशि को मिलने वाले फल
मंगल धनु राशि से अष्टम दृष्टि से कर्क राशि को प्रभावित कर रहे है. इसके प्रभाव से कर्क राशि वालों में क्रोध की अधिकता रह सकती है. इस समय कर्क राशि अष्टम शनि की ढैय्या के प्रभाव में भी है. इस राशि पर पहले ही मानसिक दबाव और तनाव बना हुआ है. वह तनाव क्रोध का रूप ले सकता है. भावुकता और क्रोध कुछ समय के लिए परेशान कर सकता है. कर्क राशि पर राहु का प्रभाव भी है. ऐसे में इनकी मानसिक स्थिति कुछ संदेह और क्रोध से भरी हो सकती है. धैर्य रखने से स्थिति में सुधार होगा।
सिंह राशि को मिलने वाले फल
सिंह राशि पर इस समय गुरु और शनि दोनों की दृष्टि आ रही है. गुरु की पंचम दृष्टि से सिंह राशि वाले, अपने ज्ञान और जानकारी में वृद्धि करेंगे. शनि की सप्तम दृष्टि के प्रभाव से इस राशि के लोग इतिहासिक और प्राचीन विषयों से जुड़े ग्रंथों और शास्त्रों का अध्ययन कर सकते है. सिंह राशि के लिए यह समय कुछ सिखने और ज्ञान अर्जित करने का बना हुआ है।