जुलाई महीने में बदलेगी इन ग्रहों की चाल, हर किसी की जिंदगी पर पड़ेगा असर
By: Future Point | 07-Jul-2022
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वैदिक ज्योतिष में भविष्यवाणी के लिए व्यक्ति के जन्म के समय के ग्रहों की स्थिति महत्वपूर्ण होती है। हालांकि, जीवन हमेशा एक जैसा नहीं रहता है। जीवन में बदलाव आता रहता है क्योंकि ग्रह अपनी गति से बदलते रहते हैं और इनके स्थान में भी परिवर्तन आता रहता है। जन्म के समय ग्रहों की स्थिति के साथ-साथ वर्तमान में ग्रह किस स्थान पर है, इसकी गणना करने के बाद ही व्यक्ति का भविष्यफल बताया जाता है। इन ग्रहों के गोचर और चाल के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति के जीवन में क्या हो सकता है।
पृथ्वी की तरह हर एक ग्रह ब्रह्मांड में अपनी गति से चलता रहता है और एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। ज्योतिष में, जैसा कि पृथ्वी से देखा जाता है, नक्षत्रों का समूह है जिसमें सूर्य और चंद्रमा सहित सभी ग्रह चलते हुए प्रतीत होते हैं, इसे राशि चक्र कहते हैं। यह राशि चक्र 12 राशियों में विभाजित है। ग्रह एक राशि से अन्य राशि में प्रवेश करते हैं और इसे ग्रहों का गोचर कहा जाता है।
किसी भी ग्रह के किसी राशि में गोचर करने पर 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। उस राशि से संबंधित व्यक्ति को भी उस प्रभाव का असर भोगना पड़ता है। ग्रहों के गोचर का प्रभाव अच्छा या बुरा, दोनों हो सकता है।
प्राचीन वैदिक ज्योतिष में इन गोचरों का फल जानने और इनके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय मौजूद थे जिन्हें आज भी उपयोग किया जाता है। ग्रह किस राशि में गोचर कर रहा है और किस घर में बैठा है, इसके आधार पर पता चलता है कि यह आपके जीवन पर सकारात्मक असर डालेगा या नकारात्मक।
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यदि किसी शुभ राशि में गोचर हुआ है और कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ रहा है तो इस गोचर से व्यक्ति के जीवन में अच्छे बदलाव आने की संभावना रहती है। ग्रहों के गोचर का प्रभाव जीवन में कई बार देखने को मिलता है क्योंकि कुछ ग्रह जल्दी स्थान परिवर्तन करते हैं जबकि कुछ सालों लगा देते हैं। उदाहरण के तौर पर चंद्रमा एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 2.5 दिन का समय लगाता है जबकि शनि ग्रह इतना धीमा है कि इसे 2.5 साल का समय लग जाता है।
शनि, बृहस्पति, राहू और केतु एक ही राशि में लंबे समय तक रहते हैं। इस वजह से इन ग्रहों के गोचर को महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना माना जाता है।
साल 2022 में जुलाई के महीने में कई ग्रह अलग-अलग राशियों में गोचर करेंगे। कौन-सा ग्रह किस दिन और किस राशि गोचर करेगा, इसकी जानकारी आगे दी गई है।
2 जुलाई
2 जुलाई को बुध ग्रह सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 17 जुलाई को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद बुध ग्रह चंद्रमा की राशि कर्क में प्रवेश करेंगे।
बुध ग्रह सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है और सूर्य की परिक्रमा लगाने वाला सबसे तेज ग्रह है। बुध के इस गोचर का व्यापार, आर्थिक स्थिति और अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है क्योंकि बुध कम्युनिकेशन का कारक ग्रह है। इस गोचर का असर स्टॉक मार्केट और फॉरेन एक्सचेंज पर भी देखा जा सकता है।
12 जुलाई
मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि ग्रह 12 जुलाई को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर मकर राशि में वक्री होंगे। 23 अक्टूबर को इसी राशि में शनि ग्रह मार्गी हो जाएंगी। शनि को सबसे धीमा ग्रह माना जाता है जो कि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 2.5 साल का समय लगाते हैं। इसलिए शनि का प्रभाव भी जातक के जीवन पर लंबे समय तक रहता है। शनि देव कर्म के ग्रह है और देवता हैं। ये मनुष्य के कर्मों का सही फल देते हैं और न्याय करते हैं। इस वजह से शनि ग्रह को अशुभ ग्रह भी कहा जाता है क्योंकि व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते समय यह बहुत सख्ती करते हैं।
13 जुलाई
13 जुलाई, 2022 को शुक्र ग्रह सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे और इस राशि में 7 अगस्त तक रहेंगे। इसके बाद शुक्र ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को वैवाहिक जीवन एवं प्रेम का कारक माना गया है। शुक्र का संबंध लग्जरी और संपत्ति से है। यदि कोई व्यक्ति जीवन में कोई महंगी वस्तु खरीदता है या ऐशो-आराम के साथ जीवन जीता है, तो उस निश्चित ही शुक्र ग्रह की कृपा होती है।
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16 जुलाई
जुलाई महीने की 16 तारीख को सूर्य ग्रह रात को 10 बजकर 50 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। सूर्य इस राशि में 17 अगस्त को सुबह 7 बजकर 14 मिनट तक रहेंगे। सूर्य ग्रह के इस राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियां प्रभावित होंगीं। सूर्य ग्रह का संबंध व्यक्ति के जीवन में पिता से होता है। यदि कुंडली में सूर्य मजबूत हो तो, उस व्यक्ति के अपने पिता के साथ अच्छे संबंध रहते हैं। इस बार सूर्य चंद्रमा की राशि कर्क में गोचर करने जा रहे हैं। अग्नि और जल का यह मेल आपके जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।
17 जुलाई
17 जुलाई को बुध ग्रह रात को 12 बजकर 1 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे। बुध ग्रह 1 अगस्त को रात के 3 बजकर 38 मिनट पर सिंह राशि में जाएंगे। वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को सबसे छोटा लेकिन सबसे प्रभावशाली ग्रह बताया गया है। यह ग्रह कम्युनिकेशन और वाणी का स्वामी है। यह ग्रह व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी असर डालता है। बुध के इस गोचर का असर व्यक्ति की रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ सकता है।
29 जुलाई
29 जुलाई को बृहस्पति ग्रह शुक्रवार को रात 1 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में वक्री होंगे और 24 नवंबर, गुरुवार को सुबह 4 बजकर 36 मिनट तक इस राशि में रहेंगे। बृहस्पति के इस गोचर का असर व्यक्ति के जीवन पर क्या पड़ता है, यह उसकी कुंडली में गुरु की स्थिति पर निर्भर करता है। बृहस्पति के वक्री होने पर शादी-ब्याह के कार्य प्रभावित हो सकते हैं। इससे व्यक्ति की शादी की बात बनने में देरी हो सकती है। व्यक्ति को शुभ चीजों से संबंधित ज्यादा यात्रा करनी पड़ सकती है। कुंडली में गुरु की स्थिति के अनुसार कभी-कभी वक्री होने पर यह ग्रह व्यक्ति को मालामाल भी कर सकता है। निजी जीवन में इस गोचर के कारण दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं इसकी वजह से व्यक्ति की रुचि धार्मिक कार्यों में बढ़ सकती है।
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