जानिए सातमुखी रुद्राक्ष के लाभ और चमत्कारिक प्रभावों के बारे में,
By: Future Point | 06-Apr-2020
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सात मुखी रुद्राक्ष से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, तथा धन-सम्पति, कीर्ति प्राप्त होती है, प्राचीन काल में ऋषियों को यह अत्यंत प्रिय था और ऋषिगण प्रायः इसका उपयोग अत्यधिक किया करते थे| यह रुद्राक्ष यह रुद्राक्ष वृष, तुला, मकर, कुम्भ लग्न के जातकों को अधिक लाभ प्रदान करता है, ज्योतिष के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष शनि द्वारा शासित है| इसे धारण करने से शनि ग्रह के दोषों का नाश होता है| जातक को आध्यात्मिक सुख की प्राप्ति होती है| सात मुखी रुद्राक्ष वात रोगों एवं मृत्यु तुल्य कष्टों से छुटकारा मिलता है| सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इस रुद्राक्ष के देवता हनुमान जी और सात माताएं हैं। शनि को इस रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह माना जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से शनि जैसे ग्रह की प्रतिकूलता भी दूर हो जाती है।
इसके साथ ही यह गठिया दर्द ,सर्दी, खांसी, पेट दर्द ,हड्डी, नपुंसकता, वायु, स्नायु दुर्बलता, विकलांगता व मांसपेशियों में दर्द, लकवा, मिर्गी, बहरापन, मानसिक चिंताओं, अस्थमा जैसे रोगों पर नियंत्रण करता है। इसके अतिरिक्त यौन रोगों, हृदय की समस्याओं, गले के रोगों में भी सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से फायदा मिलता है। केवल यही नहीं यदि आपकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है तो इस रुद्राक्ष को पहनने से आर्थिक पक्ष भी मजबूत होता है। मूलांक आठ वालों को इस रुद्राक्ष को पहनने से अच्छे फल प्राप्त होते हैं। पद्म पुराण, देवी भागवत, रुद्राक्ष जबाला उपनिषद जैसे अनेक प्राचीन ग्रंथों में रुद्राक्ष की अति-अद्भुत एवं आश्चर्यजनक महत्ता का वर्णन किया गया है। रुद्राक्ष के मुखो की संख्या रुद्राक्ष की फलश्रुति निर्धारित करती है। वैसे तो एक मुखी से 21 मुखी तक के सभी रुद्राक्ष लोकप्रिय है किन्तु सात मुखी रुद्राक्ष आज के इस आधुनिक दौर में प्रत्येक मनुष्य के लिए अति आवश्यक है|
सात मुख वाले रुद्राक्ष पहनने मात्र से ही सप्त ऋषियों का सदा आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे मनुष्य का सदा कल्याण होता है। इसके साथ ही यह सात माताओं ब्राह्मणी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, इन्द्राणी, चामुण्डा का मिला-जुला रूप भी है। इन माताओं के प्रभाव से यह पूर्ण ओज, तेज, ज्ञान, बल तथा सुरक्षा प्रदान करके आर्थिक, शारीरिक तथा मानसिक परेशानियों को दूर करता है। यह उन सात आवरणों का भी दोष मिटाता है जिससे मानव शरीर निर्मित होता है, यथा-पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश, महत्व तथा अहंकार। सात मुखी रुद्राक्ष धन-सम्पति, कीर्ति तथा विजयश्री प्रदान करने वाला होता है। इसको धारण करने से धनागमन बना रहता है, साथ ही व्यापार, नौकरी में भी उन्नति होती है। सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धन-सम्पदा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले के ऐश्वर्य में लगातार वृद्धि होती है तथा गुप्तधन की प्राप्ति या अचानक धनलाभ हो सकता है। उन्नति के नए-नए अवसर तथा अल्प प्रयास में सभी ऐशो-आराम प्राप्त हो सकते है। जिन लोगों के पास अच्छी आय के बावजूद कोई बचत नहीं हो पाती वह सभी लोग सात मुखी रुद्राक्ष जरूर धारण करें।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने के विधि:-
किसी भी रुद्राक्ष को गले में धारण करने से पहले इसे पवित्र करना व इसकी पूजा करना आवश्यक होता है| सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से पहले इसे इस प्रकार से शुद्ध करें| सोमवार, शिवरात्रि या श्रावण मास के किसी भी दिन रुद्राक्ष धारण करने के लिए शुभ माने गये है| सबसे पहले दूध-दही-शहद-घी-शक्कर के मिश्रण से रुद्राक्ष को स्नान कराएं| अब पवित्र गंगाजल से स्नान कराएं और अब इसे पूजा स्थल पर लाल वस्त्र बिछाकर रख दें| दीपक प्रज्वल्लित कर भैरव जी को काले तिल, धुप-दीप अर्पित करें। इसके बाद ‘’ॐ नमः शिवाय’’ या ‘’ॐ हूं नमः’’ मंत्र का जाप करें। यह रुद्राक्ष शनि देव से संबंधित है इसलिए आप शनि देव के बीज मंत्र ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ का 108 बार जाप भी कर सकते हैं। इसके उपरांत पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में या शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद सात मुखी रुद्राक्ष को काले या लाल धागे में पिरोकर धारण करें।
सात मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव (Effects of seven Mukhi Rudraksha)-
सात मुखी रुद्राक्ष के अध्यात्मिक प्रभाव–
सात मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मणि आदि सात लोक माताओं का स्वरुप माना जाता है। इसे धारण करने से महान सम्पति तथा आरोग्य प्राप्त होता है। यदि इसे पवित्र भावना से धारण किया जाये तो आत्म ज्ञान की प्राप्ति होती है।
सात मुखी रुद्राक्ष के वैज्ञानिक प्रभाव–
- जो बच्चे बचपन से ही दुबले पतले होते है ऐसे बच्चो कों सात मुखी रुद्राक्ष मक्खन में घिस कर खिलाने से बच्चा स्वस्थ हो जाता है। एवं जो व्यक्ति नपुंसक होते हैं वे यदि सुबह शाम सात मुखी रुद्राक्ष कों मधु के साथ घिस कर सेवन करे तो काफी फायदा होता है।
- सातमुखी रुद्राक्ष पहनने से प्रत्येक क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है तथा यश व कीर्ति में वृद्धि होती है।
- सातमुखी रुद्राक्ष धारण करने से आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है, एवं मन शान्त रहता है।
- सातमुखी रुद्राक्ष पहनने से गणेश व लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है, जिसके कारण घर व परिवार में सुख व समृद्धि बनी रहती है।
- नौकरी वाले जातक यदि सातमुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं, तो उनके कैरियर में प्रगति होती है तथा प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है|
- सातमुखी रुद्राक्ष को पहनने से शनि ग्रह से सम्बन्धित दोषों जैसे साढ़ेसाती, ढैय्या आदि का शमन होता है।
- शिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से दरिद्र भी ऐश्वर्यशाली हो जाता है। सात मुखी रुद्राक्ष परम सौभाग्य दायी है, यश कीर्ति की प्राप्ति होती है, गुप्त धन भी प्राप्त होता है, इसके देवता हनुमान जी हैं| शनि के दोषों को दूर करने में यह सहायक है|
- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से ज्ञान, तेज, बल, अर्थ, व्यापार में उन्नति आदि संभव है| स्त्री सुख भी पूर्ण रूप से मिलता है|
सात मुखी रुद्राक्ष के लाभ (Benefits of 7 Mukhi Rudraksha)-
एैसे मनुष्य जिनका भाग्य उनका साथ नहीं देता और नौकरी या व्यापार में अधिक लाभ नहीं होता एैसे जातकों को सात मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए क्योंकि इसके धारण से धन का अभाव व् दरिद्रता दूर होकर व्यक्ति को धन, सम्पदा, यश, कीर्ति एवं मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है ग्रन्थों के अनुसार सात मुखी रुद्राक्ष पर शनि देव का प्रभाव माना गया है इसलिए जो व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हों या जोड़ो के दर्द से परेशान हों उनके लिए शनि देव की कृपा प्राप्त होने के कारण से यह रुद्राक्ष लाभदायक हो सकता है| नाम, प्रसिद्धि, धन और प्रगति की चाहत रखने वाले सभी नर-नारी यह रुद्राक्ष धारण कर सकते है साथ ही अपनी तिजोरी में भी रख सकते है|
- भाग्य का साथ पाना चाहते हैं तो सात मुखी रुद्राक्ष आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।
- नौकरी और व्यापार में सफलता पाना चाहते हैं तो सात मुखी रुद्राक्ष से आपको लाभ होगा और भाग्योदय होगा।
- सात मुखी रुद्राक्ष के प्रभाव में धन का आगमन होता है और दरिद्रता दूर होती है। इसके साथ ही धन, संपदा और मान-सम्मान में बढ़ोत्तरी होती है।
- शनि से संबंधित होने के कारण सात मुखी रुद्राक्ष शनि के प्रकोप से रक्षा करता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के आय स्त्रोत में वृद्धि होती है | माँ लक्ष्मी की कृपा ऐसे जातक पर सदैव बनी रहती है |
- शनि की साढ़े साती या ढैय्या के समय सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए | इस रुद्राक्ष को धारण करने पर शनिदेव भी प्रसन्न रहते है|
- मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं इसलिए दोनों राशि के जातकों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष को पहनना शुभ बताया गया है।
- शिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष को धारण करने से दरिद्र भी ऐश्वर्यशाली हो जाता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष में सप्त ऋषियों का आशीर्वाद निहित होता है | साथ ही इस रुद्राक्ष को धारण करने से शरीर में सप्त धातुओं की रक्षा होती है|
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए इस रुद्राक्ष की माला को धारण करना लाभकारी माना जाता है।
- स्नायु तंत्र से सम्बंधित रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से लाभ प्राप्त होता है|
- जो लोग कोर्ट-कचहरी के मामलों में फंसे हों, उन्हें सात मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ बताया गया है।
- मानसिक परेशानी, गठिया दर्द, हड्डी व मांसपेशियों में पीड़ा व अस्थमा जैसे रोगों में सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ मिलता है|
- जोड़ों के दर्द, मानसिक परेशानी दूर करने में भी सात मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद होता है।
- सात मुखी रुद्राक्ष होने के कारण यह शरीर की सप्त धातुओं की रक्षा करता है और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करता है।