इन 5 ज्योतिषीय मंत्र का जाप करने से कम होगा मानसिक तनाव
By: Acharya Rekha Kalpdev | 20-Feb-2024
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आज के भाग दौड़ के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसे तनाव न हो। तनाव आज हम सब की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। थोड़ा बहुत तनाव तो सभी को रहता है, लेकिन हर समय तनाव में रहना ठीक नहीं है। जीवन के उतार चढाव और दैनिक जीवन की परेशानियां तनाव का कारण बनती है। जब हम परेशानियों में न उलझकर "कोई नहीं कहकर" अनदेखा कर आगे बढ़ते है, तो तनाव बड़ी हेल्थ समस्या का कारण नहीं बनता है। जो व्यक्ति ऐसा नहीं कर पाता है उसे जल्द ही डॉक्टर से सलाह लेनी पड़ती है। अत्यधिक तनाव होने पर हमारे मन में नेगेटिव विचार आने लगते है। तनाव मानसिक, शारीरिक और आर्थिक नुकसान का कारण बनता है। लम्बे समय तक तनाव रहने पर हद्रय की गति बढ़ जाती है। जो आगे जाकर हृदयघात का कारण बनती है। तनाव से होने वाले रोगों की सूची बहुत लम्बी है जैसे - चिंता, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेसर की समस्या आदि।
अब सवाल यह उठता है कि तनाव को कम कैसे किया जाए। आनंदित और प्रसन्नचित रहकर कैसे जिया जाए। खुद को तनावरहित रखने के कई मार्ग है। जैसे - जीवनशैली में बदलाव करना, योग और ध्यान करना, नित्य मंत्र जाप करना। इन सभी उपायों को एक साथ भी अपनाया जा सकता है।
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जीवनशैली में बदलाव कर
तनाव में कमी करने के लिए और अधिक व्यायाम करें। सुबह और रात्रि भोजन के बाद घूमने कि आदत डालें। संतुलित भोजन को अपनाये। फ़ास्ट फ़ूड खाने से परहेज करें, और घर का बना हेल्थी खाना खांए। भोजन में सब्जियां, फल, बिन्स, मेवे और अंकुरित अनाज को भोजन में शामिल करें। फोन और टीवी पर रहने का समय कम करें।
अपना ध्यान रखने की आदत डालें। चाय और काफी का सेवन कम करें। अपने परिवार और मित्रों के साथ समय अधिक से अधिक व्यतीत करें। स्वास्थ्य में कमी करने वाले विषयों को न कहना सीखें। फिर वह चाहे अधिक भोजन हो या एल्कोहल। सबसे अधिक आलस्य का त्याग करें। और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। तनाव को कम करने के लिए एल्कोहल या किसी भी प्रकार का नशा करने की आदत न डालें। नियमित रूप से योग करने की आदत डालें। साथ ही ध्यान भी करें। प्रति दिन पूरी नींद लेने से भी तनाव में कमी कि जा सकती है।
मंत्र जाप से तनाव में कमी
मन्त्र चिकित्सा वैदिक काल में सबसे मान्य चिकित्सा पड़ती थी। उस समय में गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज मंत्र जाप से किया जा सकता था। प्राचीन काल की मंत्र चिकित्सा पद्वति आज के वैज्ञानिकों के द्वारा स्वीकार्य है। मन्त्रों में निहित ऊर्जा शक्ति को वैज्ञानिक जगत भी सहर्ष स्वीकार कर चुका है। गायत्री मन्त्र और अन्य अनेक मन्त्रों पर किये गए रिसर्च से यह सामने आया कि मंत्र ऊर्जा से मानसिक रोगों का चमत्कारिक रूप से इलाज किया जा सकता है।
1 मंत्र जप से तनाव दूर करना चाहते है तो निम्न मंत्र का जाप
देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।
रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
2 गायत्री मंत्र जाप से तनाव में कमी
क्रोध और तनाव में कमी करने में गायत्री मंत्र अद्भुत परिणाम देता है। विचलित मन को स्थिरता देने और नकारात्मक विचारों पर पूर्ण विराम लगाने में गायत्री मंत्र पूर्ण रूप से सक्षम है। जो व्यक्ति नित्य गायत्री मंत्र का जाप करता है, उसे इस जीवन मृत्यु चक्र से मुक्ति मिलती है। मोक्ष प्राप्ति के लिए गायत्री मंत्र सहज और सरल साधन है।
इस मंत्र से दैहिक, मानसिक और आत्मिक कष्टों से राहत मिलती है। प्रत्येक व्यक्ति को गायत्री मंत्र जाप नित्य करना चाहिए। अंत:प्रज्ञा को जागृत करने में गायत्री मंत्र एक चाबी का कार्य करता है।
गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
3 शिव मंत्र जाप से तनाव में कमी
मन को एक आनंद की अवस्था में ले जाने में शिव मंत्र जाप महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भगवान् शिव साधक और योगी की अवस्था में रहते है। भगवान् शिव ने चंद्र देव को सिर पर धारण किया है। और चंद्र देव मन के कारक ग्रह है। चंद्र देव को प्रसन्न कर मन के दोषों को दूर किया जा सकता है। मन की अशांति को दूर करने के लिए भगवान् शिव का मंत्र जाप लाभ देता है। ;ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप मन को आह्लादित करने वाला है। रुद्राक्ष की माला पर भगवान् शिव के मंत्र का जाप करता है, उसे दुःख कष्ट नहीं दे पाते है। मन को तनावरहित करने में शिव मंत्र जाप बेहद उपयोगी सिद्ध होता है। बशर्ते की इसे प्रतिदिन जपा जाए।
4 चंद्र मंत्र तनाव रहित रहने का अचूक मंत्र
ॐ सों सोमाय नमः। मंत्र चंद्र ग्रह का मंत्र है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र मन, और माँ का कारक ग्रह है। कुंडली में चंद्र सुस्थित हो तो व्यक्ति प्रसन्न रहता है, जल्द दुखी नहीं होता है। इसके विपरीत चंद्र कुंडली में पीड़ित हो तो व्यक्ति दुखी रहता है, उसके मन में नकारात्मक विचार अधिक आते है। वह व्यक्ति तनाव में रहता है। ऐसे व्यक्ति को मन को शांत रखने के लिए ॐ सों सोमाय नमः। मंत्र का जाप नियमित रूप से करना चाहिए। यह मन्त्र मन के उलझे तारों को सुलझाने का कार्य करता है। मानसिक विकारों को ठीक करने का कार्य भी इस मंत्र से किया जा सकता है।
5 तनाव दूर करने के लिए ॐ मंत्र का जाप करें। ॐ मंत्र एकाक्षरी मंत्र है। एक अक्षर का मंत्र होने पर भी यह एक पूर्ण मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से मन सारी दुनिया के तनावों से दूर जाकर, आनंद और सुख का अनुभव करता है। यह मंत्र मानसिक शांति देता है और दुःख को साधक से दूर रखता है। ॐ मंत्र लम्बी सांस लेते हुए बोलना चाहिए, और सांस के साथ धीरे धीरे छोड़ना चाहिए।
मंत्र जाप के नियम
- 1 मंत्र जाप शुद्ध होने के बाद, स्नानादि क्रियाओं से मुक्त होने के बाद ही करना चाहिए। शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद और स्नान करने बाद ही मंत्र जाप करना चाहिए।
- मंत्र जाप शोर शराबे से दूर एकांत स्थान में करना चाहिए।
- जाप करने का स्थान साफ़ सुथरा होना चाहिए।
- मंत्र जाप करते समय मंत्र के देवी देवता का चित्र या प्रतिमा के सम्मुख दीपक जलाकर रखना चाहिए।
- मंत्र जाप भूमि पर बैठकर नहीं करना चाहिए, किसी आसान पर बैठकर ही मंत्र जाप करना चाहिए।
- मंत्र जाप करते समय अंगूठे और मध्यमा अंगुली का प्रयोग करना चाहिए। अनामिका अंगुली का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- मन्त्र जाप एक निश्चित संख्या में ही करना चाहिए। मंत्र जाप संख्या 11, 21, 51, 101, 108 में करना शुभ रहता है।
- मंत्र जाप के लिए देवी देवता के अनुसार माला का प्रयोग भी करना चाहिए।